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किसान आंदोलन के समर्थन में बैठे सपा विधायकों का धरना समाप्त

कृषि संबंधी केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद के समर्थन में सपा विधायकों का धरना दोपहर 1 बजे समाप्त हो गया. धरना समाप्त होने के बाद सपाइयों ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा, देखिए ये रिपोर्ट...

धरने पर बैठे सपा कार्यकर्ता.
धरने पर बैठे सपा कार्यकर्ता.
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Published : Dec 8, 2020, 3:06 PM IST

लखनऊ: कृषि संबंधी केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद के समर्थन में सपा विधायकों का धरना दोपहर 1 बजे समाप्त हो गया. करीब 2 घंटे तक विधान भवन में सपा के विधायकों ने मौन धरना शुरू किया था. धरना समाप्त करने के साथ ही सपा ने केंद्र और राज्य सरकार पर करारा हमला बोलते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

धरना समाप्त
किसानों के भारत बंद का समर्थन

समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के भारत बंद आंदोलन का समर्थन किया है. किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का पूरा समर्थन है. उसी के तहत सोमवार (7 दिसंबर) को अखिलेश यादव के साथ-साथ प्रदेश भर में पार्टी के नेता कार्यकर्ता सड़क पर उतरे थे. किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया था. पार्टी ने यह भी ऐलान किया कि अब प्रदेश में किसान यात्राएं चलती रहेंगी. इसी के तहत आज भारत बंद के समर्थन में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने यहां धरना दिया है. मौन रखकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया गया.

'किसानों को बर्बाद करने पर जुटी भाजपा सरकार'

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों को बर्बाद कर रही है. समाजवादी पार्टी यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान विरोधी जो काला कानून लेकर आई है, उसे वापस लेना होगा. यह लोग किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते थे. किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन किसानों की आमदनी आधी जरूर हो गयी है. भाजपा सरकार किसान विरोधी है. भाजपा की सरकार उद्योगपतियों के साथ खड़ी है. किसानों को और देश को गुलाम बनाना चाहती है.

'प्रदेश में MSP पर धान की नहीं हो रही खरीद'

राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रदेश में किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है. एमएसपी पर प्रदेश में धान की खरीद नहीं हो रही है. किसान मजबूरन 900-1000 रुपये कुंतल धान बेच रहा है. किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान भी यह सरकार नहीं कर रही है. किसान को बर्बाद करने पर यह सरकार जुटी है. किसान की फसल तैयार होती है तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलता है, लेकिन जब वही फसल उद्योगपति और बीजेपी के दलाल लेते हैं तो दोगुने रेट पर बिकती है. इसलिए किसानों की बर्बादी का केंद्र सरकार जो काला कानून लेकर आई है, उसे वापस ले. इस दौरान एमएलसी सुनील सिंह साजन, उदयवीर सिंह, आनंद भदौरिया समेत अन्य विधायक मौजूद रहे.

लखनऊ: कृषि संबंधी केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद के समर्थन में सपा विधायकों का धरना दोपहर 1 बजे समाप्त हो गया. करीब 2 घंटे तक विधान भवन में सपा के विधायकों ने मौन धरना शुरू किया था. धरना समाप्त करने के साथ ही सपा ने केंद्र और राज्य सरकार पर करारा हमला बोलते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

धरना समाप्त
किसानों के भारत बंद का समर्थन

समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के भारत बंद आंदोलन का समर्थन किया है. किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का पूरा समर्थन है. उसी के तहत सोमवार (7 दिसंबर) को अखिलेश यादव के साथ-साथ प्रदेश भर में पार्टी के नेता कार्यकर्ता सड़क पर उतरे थे. किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया था. पार्टी ने यह भी ऐलान किया कि अब प्रदेश में किसान यात्राएं चलती रहेंगी. इसी के तहत आज भारत बंद के समर्थन में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने यहां धरना दिया है. मौन रखकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया गया.

'किसानों को बर्बाद करने पर जुटी भाजपा सरकार'

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों को बर्बाद कर रही है. समाजवादी पार्टी यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान विरोधी जो काला कानून लेकर आई है, उसे वापस लेना होगा. यह लोग किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते थे. किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन किसानों की आमदनी आधी जरूर हो गयी है. भाजपा सरकार किसान विरोधी है. भाजपा की सरकार उद्योगपतियों के साथ खड़ी है. किसानों को और देश को गुलाम बनाना चाहती है.

'प्रदेश में MSP पर धान की नहीं हो रही खरीद'

राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रदेश में किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है. एमएसपी पर प्रदेश में धान की खरीद नहीं हो रही है. किसान मजबूरन 900-1000 रुपये कुंतल धान बेच रहा है. किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान भी यह सरकार नहीं कर रही है. किसान को बर्बाद करने पर यह सरकार जुटी है. किसान की फसल तैयार होती है तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलता है, लेकिन जब वही फसल उद्योगपति और बीजेपी के दलाल लेते हैं तो दोगुने रेट पर बिकती है. इसलिए किसानों की बर्बादी का केंद्र सरकार जो काला कानून लेकर आई है, उसे वापस ले. इस दौरान एमएलसी सुनील सिंह साजन, उदयवीर सिंह, आनंद भदौरिया समेत अन्य विधायक मौजूद रहे.

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