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2023 में बनारसी करेंगे रोपवे की केबल कार में सफर, चार किलोमीटर के रूट में बनेंगे 5 स्टेशन

तंग गलियों और बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण शहरों में लगने वाले जाम से बचने के लिए नए-नए उपाय आजमाए जा रहे हैं. वाराणसी में अब अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत होने वाली है. रोपवे की केबल कार लोगों को चार किलोमीटर का सफर कुछ मिनटों में तय हो जाएगा. जानिए वाराणसी के रोपवे की डिटेल

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Published : Feb 22, 2023, 6:12 PM IST

वाराणसी : 2014 के बाद से उत्तरप्रदेश का धार्मिक शहर बनारस तरक्की की राह पर दौड़ पड़ा. काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण और पर्यटन स्थलों के विकास के कारण शहर में सैलानियों की भीड़ रेकॉर्ड तोड़ रही है. शहर की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या इतनी हो गई है कि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में कई बार घंटों लग जाते हैं. इस समस्या को कम करने के लिए वाराणसी में कई विकल्पों पर काम हो रहा है. वॉटरवे के बाद अगले दो महीने के अंदर वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत होने वाली है.

Ropeway in varanasi
प्रशासन की ओर से जारी वाराणसी में रोपवे का प्लान

अब तक सिर्फ फाइलों में दौड़ रहा रोपवे प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेने जा रहा है. तीन अलग-अलग चरणों में रोपवे प्रोजेक्ट का काम पूरा होगा. पहले चरण की शुरुआत आने वाले 7 से 8 दिन में होने जा रही है. बनारस में पांच स्टेशन पर बनने वाले इस साढ़े 4 किलोमीटर के रोपवे प्रोजेक्ट को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मार्च 2023 तक इस प्रोजेक्ट के 2 स्टेशनों को शुरू करने की तैयारी भी की गई है. खास बात यह है कि 2 महीने के अंदर बनारस में इस रोपवे प्रोजेक्ट के रूट पर पड़ने वाले निर्माण को शिफ्ट किया जाएगा. शिफ्टिंग के लिए 31 करोड़ का बजट भी जारी हो गया है .

वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि मार्च 2023 तक इस प्रोजेक्ट के ट्रायल रन को पूरा कर लिया जाएगा और मई से जून के महीने में दो स्टेशनों के बीच इस सेवा की शुरुआत भी कर दी जाएगी. 410 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए निर्धारित कंपनी का भी चयन हो गया है. भारत सरकार की नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक एजेंसी भी वाराणसी में काम शुरू करने के लिए पहुंच चुकी है. इस काम के लिए 6 विभागों को 31 करोड़ रुपये जारी करने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि लगभग सारे 4 किलोमीटर के दायरे में 5 स्टेशनों को तैयार करने में लगभग 18 महीने का वक्त लगेगा. इसके लिए फाइनल डीपीआर बनाने का काम कार्यदायी कंपनी और एजेंसी की तरफ से शुरू कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद बनारस के ट्रैफिक भरी सड़कों पर चलने वाले पर्यटकों और आम लोगों को राहत मिल जाएगी. वे आसान सफर के साथ काशी को निहारने का लाभ भी ले सकेंगे.

Ropeway in varanasi
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा के अनुसार रोपवे बनाने वाली कंपनी मार्च 2023 तक दो स्टेशनों को तैयार कर लेगी.
कमिश्नर ने बताया कि अर्बन रोपवे सेवा को देश में पहली बार तैयार किया जा रहा है. इस सर्विस के लिए 220 केवल कारों की व्यवस्था की जाएगी. अप और डाउन मिलाकर 4500 लोग एक साथ इसमें यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए 5 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट का मॉडल भी वाराणसी पहुंच चुका है. प्लान के मुताबिक पहला स्टेशन से सिगरा, दूसरा साजन सिनेमा, तीसरा रथयात्रा, चौथा गोदौलिया और पांचवा वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास बनेगा. यात्रियों को इस रोपवे में हर डेढ़ मिनट पर केबल कार की सुविधा उपलब्ध होगी. एक केबल कार में एक साथ 11 लोग बैठ कर सफर कर सकेंगे.कमिश्नर ने बताया कि रोपवे की केबल कार सर्विस की शुरुआत कैंट रेलवे स्टेशन से की जाएगी. इसके लिए वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा कैंट रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही लोगों को मिल सकेगा. लोग सीधे फुटओवर ब्रिज के जरिए इसके स्टेशन तक पहुंच सकेंगे और यहां से इस सुविधा का लाभ लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो सकेंगे. कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 2 महीने के अंदर लैंड एक्विजिशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. संबंधित विभागों के माध्यम से पानी की पाइप लाइन, बिजली के कनेक्शन सीवर और अन्य चीजों को शिफ्ट करने का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा, जिसमें 59 करोड़ रुपए की लागत से प्राइवेट जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा. जमीन मालिकों से बातचीत फाइनल हो गई है और कागज भी तैयार हो चुके हैं. बस 2 महीने की शिफ्टिंग के बाद अगला काम इस स्तर पर शुरू होगा.
Ropeway in varanasi
रोपवे शुरू होने के बाद वाराणसी कैंट आने वाले और यहां से शहर में जाने वालों को ज्यादा फायदा मिलेगा.

कार्यदायी एजेंसी को 18 महीने का वक्त सरकार की तरफ से दिया गया है, लेकिन संस्था ने 13 महीने में ही कैंट रेलवे स्टेशन से आगे 2 स्टेशनों तक ट्रायल पूरा करने का दावा किया है. ट्रायल के लिए मार्च 2023 तक का वक्त निर्धारित है और आने वाले 2 महीने में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हो जाएगा. मई या जून तक इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो जाएगा और दो स्टेशनों से इस सुविधा का लाभ लोगों को मिलने लगेगा. प्लान के मुताबिक, 2024 के पहले इस प्रोजेक्ट को कंप्लीट करके 5 स्टेशनों तक इस सुविधा की शुरुआत कर दी जाएगी.

पढ़ें : क्या आपको पता है काशी में तीसरा विश्वनाथ मंदिर कहां है? आइए जानते हैं

वाराणसी : 2014 के बाद से उत्तरप्रदेश का धार्मिक शहर बनारस तरक्की की राह पर दौड़ पड़ा. काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण और पर्यटन स्थलों के विकास के कारण शहर में सैलानियों की भीड़ रेकॉर्ड तोड़ रही है. शहर की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या इतनी हो गई है कि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में कई बार घंटों लग जाते हैं. इस समस्या को कम करने के लिए वाराणसी में कई विकल्पों पर काम हो रहा है. वॉटरवे के बाद अगले दो महीने के अंदर वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत होने वाली है.

Ropeway in varanasi
प्रशासन की ओर से जारी वाराणसी में रोपवे का प्लान

अब तक सिर्फ फाइलों में दौड़ रहा रोपवे प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेने जा रहा है. तीन अलग-अलग चरणों में रोपवे प्रोजेक्ट का काम पूरा होगा. पहले चरण की शुरुआत आने वाले 7 से 8 दिन में होने जा रही है. बनारस में पांच स्टेशन पर बनने वाले इस साढ़े 4 किलोमीटर के रोपवे प्रोजेक्ट को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मार्च 2023 तक इस प्रोजेक्ट के 2 स्टेशनों को शुरू करने की तैयारी भी की गई है. खास बात यह है कि 2 महीने के अंदर बनारस में इस रोपवे प्रोजेक्ट के रूट पर पड़ने वाले निर्माण को शिफ्ट किया जाएगा. शिफ्टिंग के लिए 31 करोड़ का बजट भी जारी हो गया है .

वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि मार्च 2023 तक इस प्रोजेक्ट के ट्रायल रन को पूरा कर लिया जाएगा और मई से जून के महीने में दो स्टेशनों के बीच इस सेवा की शुरुआत भी कर दी जाएगी. 410 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए निर्धारित कंपनी का भी चयन हो गया है. भारत सरकार की नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक एजेंसी भी वाराणसी में काम शुरू करने के लिए पहुंच चुकी है. इस काम के लिए 6 विभागों को 31 करोड़ रुपये जारी करने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि लगभग सारे 4 किलोमीटर के दायरे में 5 स्टेशनों को तैयार करने में लगभग 18 महीने का वक्त लगेगा. इसके लिए फाइनल डीपीआर बनाने का काम कार्यदायी कंपनी और एजेंसी की तरफ से शुरू कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद बनारस के ट्रैफिक भरी सड़कों पर चलने वाले पर्यटकों और आम लोगों को राहत मिल जाएगी. वे आसान सफर के साथ काशी को निहारने का लाभ भी ले सकेंगे.

Ropeway in varanasi
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा के अनुसार रोपवे बनाने वाली कंपनी मार्च 2023 तक दो स्टेशनों को तैयार कर लेगी.
कमिश्नर ने बताया कि अर्बन रोपवे सेवा को देश में पहली बार तैयार किया जा रहा है. इस सर्विस के लिए 220 केवल कारों की व्यवस्था की जाएगी. अप और डाउन मिलाकर 4500 लोग एक साथ इसमें यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए 5 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट का मॉडल भी वाराणसी पहुंच चुका है. प्लान के मुताबिक पहला स्टेशन से सिगरा, दूसरा साजन सिनेमा, तीसरा रथयात्रा, चौथा गोदौलिया और पांचवा वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास बनेगा. यात्रियों को इस रोपवे में हर डेढ़ मिनट पर केबल कार की सुविधा उपलब्ध होगी. एक केबल कार में एक साथ 11 लोग बैठ कर सफर कर सकेंगे.कमिश्नर ने बताया कि रोपवे की केबल कार सर्विस की शुरुआत कैंट रेलवे स्टेशन से की जाएगी. इसके लिए वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा कैंट रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही लोगों को मिल सकेगा. लोग सीधे फुटओवर ब्रिज के जरिए इसके स्टेशन तक पहुंच सकेंगे और यहां से इस सुविधा का लाभ लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो सकेंगे. कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 2 महीने के अंदर लैंड एक्विजिशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. संबंधित विभागों के माध्यम से पानी की पाइप लाइन, बिजली के कनेक्शन सीवर और अन्य चीजों को शिफ्ट करने का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा, जिसमें 59 करोड़ रुपए की लागत से प्राइवेट जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा. जमीन मालिकों से बातचीत फाइनल हो गई है और कागज भी तैयार हो चुके हैं. बस 2 महीने की शिफ्टिंग के बाद अगला काम इस स्तर पर शुरू होगा.
Ropeway in varanasi
रोपवे शुरू होने के बाद वाराणसी कैंट आने वाले और यहां से शहर में जाने वालों को ज्यादा फायदा मिलेगा.

कार्यदायी एजेंसी को 18 महीने का वक्त सरकार की तरफ से दिया गया है, लेकिन संस्था ने 13 महीने में ही कैंट रेलवे स्टेशन से आगे 2 स्टेशनों तक ट्रायल पूरा करने का दावा किया है. ट्रायल के लिए मार्च 2023 तक का वक्त निर्धारित है और आने वाले 2 महीने में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हो जाएगा. मई या जून तक इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो जाएगा और दो स्टेशनों से इस सुविधा का लाभ लोगों को मिलने लगेगा. प्लान के मुताबिक, 2024 के पहले इस प्रोजेक्ट को कंप्लीट करके 5 स्टेशनों तक इस सुविधा की शुरुआत कर दी जाएगी.

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