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कोरोना वॉरियर्स बोले- 'पहले देश, बाद में घर परिवार'

कोरोना वायरस से जंग में हर कोई अपने-अपने तरीके से लड़ाई लड़ रहा है. मकसद यही है कि किसी तरफ से कोरोना महामारी को देश से उखाड़ फेंका जाए. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स से बातचीत की है, जो दिन-रात ड्यूटी पर लगे हुए हैं. वे इस जंग को अभियान के रूप में देख रहे हैं. उनका मानना है कि परिवार बाद में है, देश पहले है. देखिए ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट...

up police news
उत्तर प्रदेश पुलिस.
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Published : Apr 12, 2020, 3:02 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए दिन-रात कोरोना जंग के सिपाही अपनी भूख प्यास को भूलकर लगे हुए हैं. सुबह जब जिस्म पर खाकी वर्दी को डालकर घर से निकलते हैं तो यह पता नहीं होता कि कब वापस लौटेंगे. खाना मिलेगा भी या नहीं मिलेगा. इन सभी बातों की चिंता न करते हुए देश सेवा में उन्होंने खुद को झोंक दिया है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस.

हम बात कर रहे हैं पुलिस विभाग की, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती लॉकडाउन का पूर्णरूप से पालन करवाना है. वहीं गरीबों व आम जनता तक आवश्यक सामग्रियों की भी पूर्ति करने में भी वे दिन-रात लगे हुए हैं.

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क्या मेरी वर्दी ठीक है.

ईटीवी भारत की टीम ने कोराना जंग के इन सिपाहियों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि वह ड्यूटी नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक अभियान के रूप में इस महामारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए लगे हुए हैं. इस वक्त कोरोना वायरस महामारी में डटे हुए हर जंग के सिपाही के दिल में सिर्फ एक ही ख्वाब है कि जल्द से जल्द इस महामारी को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया जाए.

देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...
महामारी की इस जंग में डटे हुए देश के सपूतों के लिए अगर यह चंद लाइनें कहीं जाए तो गलत नहीं होंगी-

"खाकी खून से सनी हुई है और सर है मेरा फटा... हुआ एक हाथ से जख्म दबाए मां लाल है तेरा डटा हुआ,

छोटू, गुड़िया और घर की चिंता सता रही है, पर पीछे हटने पर मां देश की सौगंध भी तो याद आ रही है.....

मैं भी चाहता हूं इस महामारी में घर पर ही सुरक्षित रहूं, पर मैं अपने कर्तव्यों से खुद को कैसे वंचित करूं.....

लगाकर अपनी जान की बाजी इसको जड़ से मिटाएंगे, खुद के घर से पहले यारों तुम्हारे घर को बचाएंगे....."

ईटीवी भारत से बात करते हुए कोरोना वायरस महामारी के जंग के सिपाहियों ने बताया कि घर से बच्चों के बार-बार फोन आते हैं, लेकिन उन्हें समझाना पड़ता है कि वो जल्द ही वापस आएंगे. बच्चों के ज्यादा परेशान करने पर समय मिलते ही वीडियो कॉल से बात कर लेते हैं.

वहीं लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाया गया है, जिसमें तमाम पुलिस वालों के घरवालों को ऐड किया गया है. अगर उनके घर में कोई समस्या होती है तो पुलिस वालों के घर लोग उसमें अपनी जरूरतों को लिख देते हैं और सबसे पास मौजूद पुलिस का कोई साथी ही उस समस्या का निदान करता है.

पुलिस वालों ने बताया कि उन्हें अपनी भूख-प्यास से ज्यादा उन लोगों की चिंता है, जो गरीब मजदूर हैं, जिनके घर में खाने को एक भी रोटी नहीं है. वो पहले उनकी जरूरतों को देखते हैं और उसके बाद जब समय मिलता है तो खुद की. साथ ही जनता से अपील करते हुए पुलिसकर्मियों ने कहा कि इस लॉकडाउन का शत-प्रतिशत वह पालन करें ताकि जल्द से जल्द इस महामारी से देश निजात पा सके.

लॉकडाउन: राजधानी में कम्युनिटी किचन का रिएलिटी चेक

इस गंभीर स्थिति में अपनी और अपनों की चिंता छोड़कर कोरोना जंग के सिपाही दिन रात लगे हुए हैं. ईटीवी भारत लोगों से यह अपील करता है कि इस मुश्किल घड़ी में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने वाले इन जंग के सिपाहियों का साथ दें. ताकि जल्द से जल्द इस महामारी को देश से उखाड़ कर फेंक दिया जाए.

लखनऊ: कोरोना वायरस को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए दिन-रात कोरोना जंग के सिपाही अपनी भूख प्यास को भूलकर लगे हुए हैं. सुबह जब जिस्म पर खाकी वर्दी को डालकर घर से निकलते हैं तो यह पता नहीं होता कि कब वापस लौटेंगे. खाना मिलेगा भी या नहीं मिलेगा. इन सभी बातों की चिंता न करते हुए देश सेवा में उन्होंने खुद को झोंक दिया है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस.

हम बात कर रहे हैं पुलिस विभाग की, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती लॉकडाउन का पूर्णरूप से पालन करवाना है. वहीं गरीबों व आम जनता तक आवश्यक सामग्रियों की भी पूर्ति करने में भी वे दिन-रात लगे हुए हैं.

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क्या मेरी वर्दी ठीक है.

ईटीवी भारत की टीम ने कोराना जंग के इन सिपाहियों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि वह ड्यूटी नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक अभियान के रूप में इस महामारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए लगे हुए हैं. इस वक्त कोरोना वायरस महामारी में डटे हुए हर जंग के सिपाही के दिल में सिर्फ एक ही ख्वाब है कि जल्द से जल्द इस महामारी को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया जाए.

देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...
महामारी की इस जंग में डटे हुए देश के सपूतों के लिए अगर यह चंद लाइनें कहीं जाए तो गलत नहीं होंगी-

"खाकी खून से सनी हुई है और सर है मेरा फटा... हुआ एक हाथ से जख्म दबाए मां लाल है तेरा डटा हुआ,

छोटू, गुड़िया और घर की चिंता सता रही है, पर पीछे हटने पर मां देश की सौगंध भी तो याद आ रही है.....

मैं भी चाहता हूं इस महामारी में घर पर ही सुरक्षित रहूं, पर मैं अपने कर्तव्यों से खुद को कैसे वंचित करूं.....

लगाकर अपनी जान की बाजी इसको जड़ से मिटाएंगे, खुद के घर से पहले यारों तुम्हारे घर को बचाएंगे....."

ईटीवी भारत से बात करते हुए कोरोना वायरस महामारी के जंग के सिपाहियों ने बताया कि घर से बच्चों के बार-बार फोन आते हैं, लेकिन उन्हें समझाना पड़ता है कि वो जल्द ही वापस आएंगे. बच्चों के ज्यादा परेशान करने पर समय मिलते ही वीडियो कॉल से बात कर लेते हैं.

वहीं लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाया गया है, जिसमें तमाम पुलिस वालों के घरवालों को ऐड किया गया है. अगर उनके घर में कोई समस्या होती है तो पुलिस वालों के घर लोग उसमें अपनी जरूरतों को लिख देते हैं और सबसे पास मौजूद पुलिस का कोई साथी ही उस समस्या का निदान करता है.

पुलिस वालों ने बताया कि उन्हें अपनी भूख-प्यास से ज्यादा उन लोगों की चिंता है, जो गरीब मजदूर हैं, जिनके घर में खाने को एक भी रोटी नहीं है. वो पहले उनकी जरूरतों को देखते हैं और उसके बाद जब समय मिलता है तो खुद की. साथ ही जनता से अपील करते हुए पुलिसकर्मियों ने कहा कि इस लॉकडाउन का शत-प्रतिशत वह पालन करें ताकि जल्द से जल्द इस महामारी से देश निजात पा सके.

लॉकडाउन: राजधानी में कम्युनिटी किचन का रिएलिटी चेक

इस गंभीर स्थिति में अपनी और अपनों की चिंता छोड़कर कोरोना जंग के सिपाही दिन रात लगे हुए हैं. ईटीवी भारत लोगों से यह अपील करता है कि इस मुश्किल घड़ी में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने वाले इन जंग के सिपाहियों का साथ दें. ताकि जल्द से जल्द इस महामारी को देश से उखाड़ कर फेंक दिया जाए.

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