लखनऊ: यूपी में भारत सीरीज का नंबर (Registration of Bharat series number) चाहने वाले वाहन स्वामियों के लिए रजिस्ट्रेशन के दरवाजे खुल गए हैं. वाहन पर यूपी के बजाय बीएच सीरीज का नंबर चाहते हैं तो अब आवेदन कर सकते हैं. हालांकि बीएच सीरीज के नंबर के लिए परिवहन विभाग की तरफ से कुछ शर्तें रखी गई हैं. उन्हें पूरा करने पर ही भारत सीरीज का नंबर ले पाना संभव हो पाएगा. वाहन पर भारत सीरीज का नंबर होने से देशभर में किसी भी राज्य में वाहन के आवागमन पर कोई रोक टोक नहीं होगी, और न ही उस राज्य में वाहन को रजिस्टर्ड कराने की आवश्यकता पड़ेगी. यह जरूर है कि बीएच सीरीज का नंबर लेने पर अतिरिक्त भार भी उठाने को वाहन स्वामी को तैयार रहना पड़ेगा. लेकिन उन्हें यह काफी राहत भी देगा.
अभी तक दूसरे प्रदेश में बिना रजिस्ट्रेशन कराए अधिकतम 12 महीने तक वाहन रखने की अनुमति है. इस अवधि की समाप्ति से पहले फिर से पंजीकरण करवाना होता है, पर बीएच सीरीज शुरू होने के बाद इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. BH सीरीज के शुरू होने के बाद वे लोग राहत की सांस लेंगे जिनका एक राज्य से दूसरे राज्य में तबादला होता है. वहां उन्हें अपने वाहन का फिर से पंजीकरण कराना पड़ता है.
इन सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए व्यवस्था
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सेना से जुड़े रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ ही संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए बीएच सीरीज की शुरुआत की है.
4 से अधिक राज्यों में है दफ्तर तो फार्म 60 पर करें आवेदन
इस नई बीएच सीरीज के तहत जिनके दफ्तर चार या अधिक राज्यों में है उनके कर्मचारी 60 नम्बर फॉर्म पर आवेदन कर सकते हैं. सरकारी कर्मचारी अपना परिचय पत्र अटैच कर वाहन का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. बता दें कि परिवहन विभाग की यह योजना स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं है.
निजी वाहनों की तरह योगी नंबर प्लेट
भारत सीरिज की नम्बर प्लेट प्लेट भी निजी वाहनों ही की तरह होगी. इस प्लेट का बैकग्राउंड कलर भी सफेद रंग का होगा और नंबर काले रंग से दर्ज किए जाएंगे. बीएच नम्बर प्लेट में पहले रजिस्ट्रेशन वर्ष का अंतिम दो अंक लिखा जाएगा फिर आगे का नंबर दर्ज किया जाएगा. बीएच सीरीज लेने के लिए वाहन स्वामी को दो साल या दो के गुणांकों में रोड टैक्स का भुगतान करना होगा. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने 10 लाख रुपये कीमत वाले वाहन पर 8 फीसद, 10 से 20 लाख रुपए लागत वाले वाहनों पर 10 फीसद और 20 लाख रुपए से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12 फीसद रोड टैक्स निर्धारित किया गया है. इस कर पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क के साथ ही डीजल वाहनों के लिए दो फीसद अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो फीसद कम शुल्क चुकाना होगा.
वर्तमान में ये है नियम
प्राइवेट व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के लिए वर्तमान में 15 साल के रोड टैक्स का अग्रिम भुगतान करना होता है. दूसरे राज्य में वाहन ले जाने पर वहां दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है. उत्तर प्रदेश में बीएच सीरीज में नई गाड़ियों के नंबर का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है. वन नेशन वन नंबर के तहत प्रदेश में नई गाड़ियों के लिए भारत सीरीज (बीएच) के तहत रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. अच्छी बात यह है कि भारत सीरीज (बीएच) के नंबर का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कोई अनिवार्यता नहीं है.
दो साल का जमा होगा कर
भारत सीरीज के नंबर के पंजीकरण के लिए दो-दो साल के लिए टैक्स जमा करना होगा. 15 साल की वैधता में सात बार टैक्स जमा होगा जबकि उसके बाद एक एक वर्ष का कर जमा होगा.
पता परिवर्तन के लिए 33 नम्बर फार्म
भारत सीरीज के वाहनों को अन्य राज्य में ले जाने पर संबंधित आरटीओ कार्यालय में पता परिवर्तन के लिए 33 नम्बर फार्म भरना होगा. वाहन स्वामी के वाहन का ब्यौरा सम्बंधित राज्य के आरटीओ कार्यालय में अंकित हो जाएगा जिससे उन्हें टैक्स जमा करने में कोई परेशानी न हो. आवेदक को ऑनलाइन पता परिवर्तन की फीस जमा करनी.
रजिस्ट्रेशन में हुए लेट तो भरना होगा फाइन
वाहन खरीदने के सात दिन के अंदर भारत सीरीज के वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसा न करने पर 100 रुपए रोजाना के हिसाब से जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा.
क्या कहते हैं एआरटीओ लखनऊ
लखनऊ के एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी बताते हैं कि बीएच सीरीज का पंजीयन आरटीओ कार्यालय में हो सकेगा. इस सीरीज के नंबर पूरे हिंदुस्तान में मान्य होंगे. अन्य राज्य में भी वाहन ले जाने पर वहां रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
इस सीरीज के नंबर के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित कर्मचारी का कार्यालय देश में कम से कम चार राज्यों या उससे ज्यादा में होना चाहिए, साथ ही पंजीकरण के समय उसे अपना परिचय पत्र प्रस्तुत करना होगा. अगर कोई निजी संस्था है तो उसे भी अपने चार राज्यों का प्रमाण देना होगा. यूपी में आरटीओ कार्यालय में ही बीएच सीरीज के वाहन रजिस्टर्ड हो जाएंगे, यहीं पर उनका टैक्स जमा हो जाएगा.
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