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रायबरेली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण में लापरवाही, मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्था का किया टेंडर किया रद्द

मुख्य सचिव ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया निरीक्षण, अधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक कर विकास कार्यों का जायजा लिया

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सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करते मुख्य सचिव. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह एक दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंचे. इस दौरान मुख्य सचिव ने गोड़वा गदियानी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. इसके बाद लोक निर्माण भवन के सभागार में जिले के अधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक की और जिले में चल रही विकास की योजनाओं के बारे में जानकारी ली.

इस दौरान विधायक ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर शिकायत की. मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सबसे पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और उसके बाद संस्कृत शोध संस्थान द्वारा आयोजित अतुच्य स्तरीय बौद्धिक सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम में शिरकत के पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया है.

मुख्य सचिव मनोज सिंह का रायबरेली दौरा. (Video Credit; ETV Bharat)

इस प्लांट का अप्रूवल 4 वर्ष पहले किया गया था. जिसकी लागत 178 करोड़ रुपये है. जिसके अंतर्गत दो सीवेज प्लांट बनना था और 14 किलोमीटर की सीवेज लाइन पड़नी थी. जिसको लेकर शहर के 18000 घर के लोगों को फायदा मिलेगा. मौके पर जाकर कार्य का निरीक्षण किया गया तो संस्था के कार्य में लापरवाही पाई गई. इसके साथ ही सड़कें भी टूटने की शिकायत ने की थी. जिसके चलते ट्रीटमेंट प्लांट बना रही संस्था के खिलाफ कार्रवाई करते रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक करी 80 करोड़ रुपये इस कार्य में लगे हुए हैं. बचे हुए पैसों को लेकर नई संस्था की विडिंग कराकर कार्य को पूरा कराया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-यूपी का IAS परिवार; दो बेटों के बाद अब बहू अलका तिवारी बनीं मुख्य सचिव, जानिए इनके बारे में

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह एक दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंचे. इस दौरान मुख्य सचिव ने गोड़वा गदियानी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. इसके बाद लोक निर्माण भवन के सभागार में जिले के अधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक की और जिले में चल रही विकास की योजनाओं के बारे में जानकारी ली.

इस दौरान विधायक ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर शिकायत की. मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सबसे पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और उसके बाद संस्कृत शोध संस्थान द्वारा आयोजित अतुच्य स्तरीय बौद्धिक सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम में शिरकत के पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया है.

मुख्य सचिव मनोज सिंह का रायबरेली दौरा. (Video Credit; ETV Bharat)

इस प्लांट का अप्रूवल 4 वर्ष पहले किया गया था. जिसकी लागत 178 करोड़ रुपये है. जिसके अंतर्गत दो सीवेज प्लांट बनना था और 14 किलोमीटर की सीवेज लाइन पड़नी थी. जिसको लेकर शहर के 18000 घर के लोगों को फायदा मिलेगा. मौके पर जाकर कार्य का निरीक्षण किया गया तो संस्था के कार्य में लापरवाही पाई गई. इसके साथ ही सड़कें भी टूटने की शिकायत ने की थी. जिसके चलते ट्रीटमेंट प्लांट बना रही संस्था के खिलाफ कार्रवाई करते रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक करी 80 करोड़ रुपये इस कार्य में लगे हुए हैं. बचे हुए पैसों को लेकर नई संस्था की विडिंग कराकर कार्य को पूरा कराया जाएगा.

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