ETV Bharat / state

रिश्वत लेने के मामले में क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी को दो साल की सजा

लखनऊ की कोर्ट ने रिश्वत लेने के लिए क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी बद्री प्रसाद सेन को दोषी करार दिया है. बद्री सेन पर 1997 में 500 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा था.

रिश्वत लेने के मामले में क्षेत्रीय ग्राम अधिकारी दोषी करार
रिश्वत लेने के मामले में क्षेत्रीय ग्राम अधिकारी दोषी करार
author img

By

Published : Dec 25, 2020, 12:07 PM IST

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने रिश्वत लेने के एक मामले में क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी बद्री प्रसाद सेन को दोषी करार दिया है. विशेष अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अभियुक्त को दो साल कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने अभियुक्त पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अभियुक्त जालौन के कोंच ब्लॉक में तैनात था.

सरकारी वकील डीसी यादव के मुताबिक, आरडी (आवर्ती जमा) योजना के तहत कटपीस कपड़े का व्यापार करने के लिए मुन्नी देवी के नाम 16 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे. उन्होंने इसमें से 14 हजार रुपये निकालकर कपड़े खरीदे और इसका वाउचर बैंक में दाखिल कर दिया. इस वाउचर को क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी बद्री प्रसाद सेन को प्रमाणित करना था. तभी शेष दो हजार रुपये का भुगतान मुन्नी देवी को हो सकता था, लेकिन बद्री प्रसाद सेन ने वाउचर को प्रमाणित करने के एवज में पांच सौ रुपये की रिश्वत मांगी.

मुन्नी देवी के पति सीताराम ने इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान, झांसी से की. इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने अभियुक्त को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. 20 सितंबर, 1997 को इस मामले की एफआईआर जालौन में थाना कोंच के निरीक्षक चिंतामणि सिंह ने दर्ज कराई थी.

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने रिश्वत लेने के एक मामले में क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी बद्री प्रसाद सेन को दोषी करार दिया है. विशेष अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अभियुक्त को दो साल कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने अभियुक्त पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अभियुक्त जालौन के कोंच ब्लॉक में तैनात था.

सरकारी वकील डीसी यादव के मुताबिक, आरडी (आवर्ती जमा) योजना के तहत कटपीस कपड़े का व्यापार करने के लिए मुन्नी देवी के नाम 16 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे. उन्होंने इसमें से 14 हजार रुपये निकालकर कपड़े खरीदे और इसका वाउचर बैंक में दाखिल कर दिया. इस वाउचर को क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी बद्री प्रसाद सेन को प्रमाणित करना था. तभी शेष दो हजार रुपये का भुगतान मुन्नी देवी को हो सकता था, लेकिन बद्री प्रसाद सेन ने वाउचर को प्रमाणित करने के एवज में पांच सौ रुपये की रिश्वत मांगी.

मुन्नी देवी के पति सीताराम ने इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान, झांसी से की. इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने अभियुक्त को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. 20 सितंबर, 1997 को इस मामले की एफआईआर जालौन में थाना कोंच के निरीक्षक चिंतामणि सिंह ने दर्ज कराई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.