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लखनऊ: जानिए बीजेपी सांसद कौशल किशोर के गोद लिए गांव की हकीकत

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में गांव गोद लेने की योजना बनाई गई थी. कुछ सालों तक अधिकतर सांसदों ने इस पर तेजी दिखाई. लेकिन अब हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. कई गांवों में विकास कार्यों के नाम पर खानापूर्ती की जा रही है. लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने बेहटा गांव को गोद लिया है. लेकिन, सांसद के गांव गोद लेने के बाद भी यहां की हालात पहले जैसी ही है.

सांसद कौशल किशोर के गोद लिए गांव की हकीकत
सांसद कौशल किशोर के गोद लिए गांव की हकीकत
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Published : Jun 30, 2020, 2:41 PM IST

लखनऊ: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक गांव गोद लेकर वहां विकास कार्य करना होता है. मोदी सरकार ने 11 अक्टूबर 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी.

सांसद कौशल किशोर के गोद लिए गांव की हकीकत

प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने भी आदर्श ग्राम योजना के तहत राजधानी से करीब 20 किमी दूर बेहटा गांव को गोद लिया है. सांसद के गोद लेने के बाद गांव की सूरत कितनी बदली है, इसकी जानकारी लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब बेहट गांव पहुंची तो यहां हुए विकास कार्यों की पोल खुल गई.

साल 2019-20 के लिए लिया गोद
लखनऊ में मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने आदर्श ग्राम योजना के तहत साल 2019-20 के लिए बेहटा गांव को गोद लिया है. योजना के तहत इस गांव में विकास कार्यों के साथ-साथ गरीब परिवारों को उबारने का भी प्लान था.

सामने आई हकीकत
राजधानी से मात्र 20 किमी दूर बक्शी के तालाब क्षेत्र स्थित बेहटा गांव मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. यहां जब विकास कार्यों का जायजा लिया गया तो चौकाने वाला खुलासा हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि गांव गोद लेने के बाद से अब तक सांसद कौशल किशोर ने विकास का एक भी ईंट नहीं रखा है. गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला रास्ता बेहाल है. सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं. बारिश के मौसम में तो गांव की स्थिति और भी बदहाल हो गई है. सड़कों की मरम्मत न होने से हर तरफ जलभराव की स्थिति है.

प्रधान ने कराया निर्माण कार्य
बेहटा गांव की ग्राम प्रधान के पति विनोद जयसवाल ने बताया कि जब उनकी पत्नी प्रधान चुनी गईं थी तो गांव की हालत बेहद दयनीय थी. उन्होंने गांव में चारों तरफ सड़कों का जाल बिछाया. स्ट्रीट लाइटें लगवाई. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पानी की व्यवस्था कराई. वहीं जब सांसद के काम के बारे में प्रधान के पति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सांसद ने पानी की टंकी देने का एलान किया था. लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि सांसद ने 4 ट्रांसफार्मर गांव को दिलाया हैं, लेकिन अभी बहुत सारे कार्य बाकी हैं.

विनोद जायसवाल ने यह भी बताया कि सांसद कौशल किशोर अक्सर गांव आते रहते हैं. लेकिन विकास के नाम पर एक भी कार्य उन्होंने शुरू नहीं कराया है. साथ ही उन्होंने बताया कि, हमने उनसे इंटर कॉलेज शुरू कराने के बाद डिग्री कॉलेज की मांग की थी. क्योंकि गांव के 15 किलोमीटर आस-पास कोई भी बड़ा कॉलेज नहीं है. लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं हुई.

वहीं ग्रामीण मोहम्मद हफीज ने कहा कि सांसद कौशल किशोर को गांव में आते हमने कभी नहीं देखा. गांव में प्रधान ने विकास कार्य कराया है. सांसद ने अभी तक कुछ नहीं कराया है. गांव में पहले जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते थे. आंगनबाड़ी केंद्र और पंचायत भवन स्थिति भी प्रधान के प्रयासों से सुधरी है.


मुख्य फोकस मनरेगा के कार्यों पर

जिले के मुख्य विकास अधिकारी और सांसद ग्राम योजना के प्रभारी मनीष बंसल ने कहा कि जो भी कार्य लंबित पड़े थे उनको फिर से शुरू कराया गया है. इस समय मेन फोकस मनरेगा के कार्यों पर है. मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के समय में काम रुके थे लेकिन आने वाले समय में श्रमिकों से इन कार्यों को फिर से शुरू कराया जा रहा है.

कब हुई थी योजना की शुरूआत

सांसद आदर्श ग्राम योजना गांवों के निर्माण और विकास की एक योजना है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में विकास करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही इस योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन 11 अक्टूबर 2014 को किया था. 2011 की जनगणना के मुताबिक बेहटा गांव की जनसंख्या 3600 के करीब थी. वहीं करीब 9 साल बाद अब जनसंख्या 11 हजार के करीब पहुंच गई है.

गांव की मौजूदा आबादी-

  • मुस्लिम आबादी- 75 प्रतिशत
  • हरिजन आबादी- 10 प्रतिशत
  • सवर्ण आबादी- 10 प्रतिशत
  • अन्य आबादी- 05 प्रतिशत
  • प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या- 350
  • राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों की संख्या- 600
  • उज्ज्वला योजना लाभार्थी- 250
  • वृद्धावस्था पेंशन- 49, पेंडिंग- 18

लखनऊ: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक गांव गोद लेकर वहां विकास कार्य करना होता है. मोदी सरकार ने 11 अक्टूबर 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी.

सांसद कौशल किशोर के गोद लिए गांव की हकीकत

प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने भी आदर्श ग्राम योजना के तहत राजधानी से करीब 20 किमी दूर बेहटा गांव को गोद लिया है. सांसद के गोद लेने के बाद गांव की सूरत कितनी बदली है, इसकी जानकारी लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब बेहट गांव पहुंची तो यहां हुए विकास कार्यों की पोल खुल गई.

साल 2019-20 के लिए लिया गोद
लखनऊ में मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने आदर्श ग्राम योजना के तहत साल 2019-20 के लिए बेहटा गांव को गोद लिया है. योजना के तहत इस गांव में विकास कार्यों के साथ-साथ गरीब परिवारों को उबारने का भी प्लान था.

सामने आई हकीकत
राजधानी से मात्र 20 किमी दूर बक्शी के तालाब क्षेत्र स्थित बेहटा गांव मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. यहां जब विकास कार्यों का जायजा लिया गया तो चौकाने वाला खुलासा हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि गांव गोद लेने के बाद से अब तक सांसद कौशल किशोर ने विकास का एक भी ईंट नहीं रखा है. गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला रास्ता बेहाल है. सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं. बारिश के मौसम में तो गांव की स्थिति और भी बदहाल हो गई है. सड़कों की मरम्मत न होने से हर तरफ जलभराव की स्थिति है.

प्रधान ने कराया निर्माण कार्य
बेहटा गांव की ग्राम प्रधान के पति विनोद जयसवाल ने बताया कि जब उनकी पत्नी प्रधान चुनी गईं थी तो गांव की हालत बेहद दयनीय थी. उन्होंने गांव में चारों तरफ सड़कों का जाल बिछाया. स्ट्रीट लाइटें लगवाई. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पानी की व्यवस्था कराई. वहीं जब सांसद के काम के बारे में प्रधान के पति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सांसद ने पानी की टंकी देने का एलान किया था. लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि सांसद ने 4 ट्रांसफार्मर गांव को दिलाया हैं, लेकिन अभी बहुत सारे कार्य बाकी हैं.

विनोद जायसवाल ने यह भी बताया कि सांसद कौशल किशोर अक्सर गांव आते रहते हैं. लेकिन विकास के नाम पर एक भी कार्य उन्होंने शुरू नहीं कराया है. साथ ही उन्होंने बताया कि, हमने उनसे इंटर कॉलेज शुरू कराने के बाद डिग्री कॉलेज की मांग की थी. क्योंकि गांव के 15 किलोमीटर आस-पास कोई भी बड़ा कॉलेज नहीं है. लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं हुई.

वहीं ग्रामीण मोहम्मद हफीज ने कहा कि सांसद कौशल किशोर को गांव में आते हमने कभी नहीं देखा. गांव में प्रधान ने विकास कार्य कराया है. सांसद ने अभी तक कुछ नहीं कराया है. गांव में पहले जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते थे. आंगनबाड़ी केंद्र और पंचायत भवन स्थिति भी प्रधान के प्रयासों से सुधरी है.


मुख्य फोकस मनरेगा के कार्यों पर

जिले के मुख्य विकास अधिकारी और सांसद ग्राम योजना के प्रभारी मनीष बंसल ने कहा कि जो भी कार्य लंबित पड़े थे उनको फिर से शुरू कराया गया है. इस समय मेन फोकस मनरेगा के कार्यों पर है. मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के समय में काम रुके थे लेकिन आने वाले समय में श्रमिकों से इन कार्यों को फिर से शुरू कराया जा रहा है.

कब हुई थी योजना की शुरूआत

सांसद आदर्श ग्राम योजना गांवों के निर्माण और विकास की एक योजना है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में विकास करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही इस योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन 11 अक्टूबर 2014 को किया था. 2011 की जनगणना के मुताबिक बेहटा गांव की जनसंख्या 3600 के करीब थी. वहीं करीब 9 साल बाद अब जनसंख्या 11 हजार के करीब पहुंच गई है.

गांव की मौजूदा आबादी-

  • मुस्लिम आबादी- 75 प्रतिशत
  • हरिजन आबादी- 10 प्रतिशत
  • सवर्ण आबादी- 10 प्रतिशत
  • अन्य आबादी- 05 प्रतिशत
  • प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या- 350
  • राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों की संख्या- 600
  • उज्ज्वला योजना लाभार्थी- 250
  • वृद्धावस्था पेंशन- 49, पेंडिंग- 18
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