लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 हजार से अधिक जवान अयोध्या जाने वाले राम भक्तों का दिल जीतेंगे और सुरक्षा का मोर्चा टेक्नोलॉजी संभालेगी. अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए पहली बार पूरी तरह से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. दस हजार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सीसीटीवी, एक हजार से अधिक ड्रोन, राम मंदिर की सुरक्षा के लिए सिक्युरिटी ड्रोन, एंटी ड्रोन सिस्टम और अत्याधुनिक स्मार्ट जैमर को अयोध्या की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस ने स्थापित किए हैं. यूपी पुलिस के मुताबिक, 2019 में हुए कुंभ की सुरक्षा व्यवस्था से भी अत्याधुनिक व्यवस्था अयोध्या में की गई है. आज एटीएस कमांडो ने अयोध्या में रूट मार्च कर आम जनमानस को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था का एहसास दिलाया.
करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में सुरक्षा का घेरा तैयार किया जा रहा है. यह घेरा हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा है. अयोध्या में दस हजार से अधिक AI टेक्नोलॉजी बेस्ड सीसीटीवी और एक हजार ड्रोन पूरी राम नगरी पर नजर रखेंगे. इन सभी कैमरों की फीड के लिए एक हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां सैकड़ों एलईडी स्क्रीन पर चप्पे-चप्पे की तस्वीर दिखेगी. सड़क हो, हवा या फिर पानी हर जगह ये सीसीटीवी और ड्रोन ही नजर रखेंगे. इन एआई बेस्ड कैमरों की मदद से हर संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति, संदिग्ध वस्तुओं पर नजर रखी जाएगी. ड्रोन को अयोध्या की हर गली में घुमाया जाएगा और वहां से कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी नजर रखेंगे. इसके अलावा सरयू नदी पर भी ये ड्रोन उड़ रहे हैं. कुछ भी संदिग्ध दिखने पर तत्काल सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया जाएगा.
सीमा पर इस्तेमाल होनी वाली टेक्नोलॉजी करेगी रामनगरी की सुरक्षा
यूपी पुलिस सीसीटीवी और ड्रोन से सिर्फ नजर ही नहीं रख रही है, बल्कि पुलिस ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, जब कोई नापाक मंसूबों के साथ किसी संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी में हो. इसके लिए यूपी पुलिस अयोध्या में उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, जो अब तक भारत पाकिस्तान सीमा पर देश की सुरक्षा करते आए हैं. यूपी सरकार ने अयोध्या में हवा में ही किसी भी ड्रोन को निस्तानबूत करने के लिए केंद्र सरकार की मदद से छह एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए हैं, जिसमें करीब 32 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. एंटी ड्रोन सिस्टम एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल मानवरहित हवाई डिवाइस को जैम करने के लिए किया जाता है. एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए हवा में उड़ रहे संदिग्ध ड्रोन की पहचान करती है और जैसे ही हवा में कोई संदिग्ध चीज नजर आती है तो एंटी ड्रोन सिस्टम इसे निस्तानबूत कर देता है. इन एंटी ड्रोन को छह अलग-अलग प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा, जहां से पूरी अयोध्या पर नजर रखी जाएगी.
एक झटके में अयोध्या में मोबाइल नेटवर्क कर देगा बंद
उत्तर प्रदेश पुलिस अयोध्या की सुरक्षा खासकर 22 जनवरी के आयोजन के लिए एक और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. यह भी केंद्र सरकार की मदद से यूपी सरकार खरीद रही है, जिसे स्मार्ट जैमर कहा जाता है. यह एक ऐसी डिवाइस है, जिसे किसी इलाके की परिधि में मोबाइल नेटवर्क को बंद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अधिकतर भीड़ वाले कार्यक्रमों में किया जाता है, ताकि कोई भी संदिग्ध मोबाइल की मदद से शाजिश रच कोई हमला, हादसा या कांड न कर सके. चूंकि 22 जनवरी और फिर उसके बाद अयोध्या में देश भर से लोगों की भीड़ जुटनी शुरू होगी, ऐसे में न सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा के दिन, बल्कि किसी भी दिन यहां आने वाले राम भक्तों और टूरिस्ट की सुरक्षा से समझौता न हो इसके लिए यह टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही है.
राम मंदिर की सुरक्षा के किए सिक्युरिटी डोम होगा स्थापित
जिस राम मंदिर के निर्माण का इंतजार देश दुनिया के करोड़ों भक्तों को है, उसकी सुरक्षा के लिए भी यूपी पुलिस और सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यही वजह है कि राम मंदिर प्रांगण में एक ऐसा सिक्योरिटी डोम तैयार किया जा रहा है, जो 4.5 किलोमीटर के दायरे में किसी भी संदिग्ध डिवाइस जैसे मिसाइल या संदिग्ध ड्रोन उड़ता दिखता है तो उसे ट्रेस कर सुरक्षा अधिकारियों को अलर्ट कर देगा. इतना ही नहीं सुरक्षा अधिकारियों द्वारा निर्देशित करने पर यह डोम उस संदिग्ध का हवा में ही डायरेक्शन बदल देगा या निस्तानबूत कर देगा.
पुलिस के डाटाबेस में मौजूद अपराधी अयोध्या पहुंचे तो मिलेगा अलर्ट
राम भक्तों की आड़ में कोई आतंकी या फिर अपराधी अयोध्या में पहुंच कोई संदिग्ध गतिविधि न कर पाए इसके लिए भी यूपी पुलिस की यूनिट एसटीएफ व एटीएस ने अपनी तैयारियां को अमलीजामा पहना दिया है. अयोध्या की सुरक्षा के लिए लगाए गए दस हजार कैमरों की ही मदद से एसटीएफ व एटीएस अपनी टेक्नोलॉजी का इस्तमाल करेंगी. दरअसल, आने वाले दिनों में राम भक्तों की अयोध्या में भीड़ जुटनी शुरू होगी. ऐसे में राम भक्तों के बीच कोई संदिग्ध व्यक्ति, अपराधी या फिर आतंकी एंट्री न कर पाए इसके लिए AI बेस्ड डेटाबेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा. इसकी मदद से यूपी पुलिस के डेटाबेस में मौजूद अपराधियों और आतंकी यदि अयोध्या में लगे फेस स्कैनर कैमरों में कैद होते हैं तो तत्काल एसटीएफ व एटीएस को अलर्ट मिल जाएगा. इसके बाद उन्हें ट्रेस कर हिरासत में लिया जा सकेगा.
20 जनवरी से एक अभेद्य किले में तब्दील होगी अयोध्या नगरी
इस पूरे आयोजन को किसी भी अप्रिय घटना से महफूज रखने के लिए प्रदेश सरकार ने बेहद व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पहले ही देश के आम जमानत से अपील की गई है कि 21 और 22 जनवरी को दर्शन के लिए अयोध्या न पहुंचे, बल्कि अपने शहर के मंदिरों में धार्मिक स्थलों पर इस उत्सव को मनाएं. दिवाली की तरह रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का उल्लास मनाएं. वहीं, अयोध्या में भी सुरक्षा से जुड़ी इकाइयां बेहद सतर्क हैं. खुफिया महकमे से जुड़े अधिकारी शादी वर्दी में पूरे शहर में तैनात हैं. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से 20 जनवरी से ही शहर में आगंतुकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा सकती है. अयोध्या शहर में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास इस आयोजन से जुड़ा आमंत्रण पत्र या ड्यूटी पास मौजूद होगा.
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