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नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र, योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की

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Published : Oct 6, 2020, 9:30 PM IST

यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने यूपी में खराब कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

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नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, विधानसभा...

लखनऊ: नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसे भेंट करना चाहता था, लेकिन कोविड-19 के कारण समय नहीं मिल सका. रामगोविंद चौधरी ने इस पत्र में राज्यपाल से तत्काल प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए योगी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.

पत्र के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के अपहरण, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. लूट, हत्या, डकैती, अपहरण और फिरौती भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. प्रदेश की जनता त्रस्त है. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. हर 15 मिनट में रेप की एक घटना हो रही है. एनसीआरबी-2019 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश के आईपीसी अपराधों में 10.09 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं. पूरे भारत में प्रथम स्थान उत्तर प्रदेश का है. एसएलएल अपराधों में पूरे भारत के अपराधों में 14.3 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश के हैं. कुल आईपीसी व एसएलएल को मिलाकर साल 2018 में 5 लाख 85 हजार 157 मामले थे. वहीं वर्ष 2019 में ये 6 लाख 28 हजार 578 हो गए, जो पूरे देश के अपराधों का 12.2 प्रतिशत है और प्रथम स्थान प्राप्त रहा है.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि महिलाओं के साथ आईपीसी और एसएलएल अपराध में वर्ष 2017 में 56,011, 2018 में 59,445, वर्ष 2019 में 59,853 आंकड़े रहे. पूरे देश में 14.7 प्रतिशत रहा, जिससे यूपी का इसमें भी प्रथम स्थान रहा है. न्यायालयों में आईपीसी अपराध वर्ष 2018 तक 9 लाख 30 हजार 337 केस ट्रायल के लिए पेंडिंग थे, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. 2018 में ऐसे अपराध की संख्या 12 लाख 59 हजार 076 थी, जो 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. वर्ष 2018 में एसएलएल अपराध 12 लाख 59 हजार 037 थे, जो 2019 में बढ़कर 15 लाख 04 हजार 393 हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इन सब आंकड़ों के बावजूद भाजपा सरकार असत्य और भ्रामक बयानबाजी कर इसे झूठलाने का प्रयास करती है.

हाथरस मामले में पुलिस-प्रशासन का रवैया शर्मनाक
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार दलितों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के हितों की पूर्णता अनदेखी कर रही है. हाथरस में दलित बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में पुलिस और प्रशासन का रवैया अत्यंत शर्मनाक रहा है. दलित की बेटी को न्याय दिलाने की जगह भाजपा सरकार आर्थिक मदद व अन्य प्रलोभन देकर खिलवाड़ कर रही है. इसकी जांच वर्तमान किसी न्यायाधीश की देख-रेख में कराई जाए. उन्होंने कहा कि न केवल हाथरस, बलरामपुर, बागपत, मेरठ, फतेहपुर, अलीगढ़, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, महराजगंज, मथुरा, प्रयागराज, आजमगढ़, बुलंदशहर और लखनऊ में भी छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसी हैवानियत की घटनाओं से प्रदेश की बदनामी हुई है.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा किसानों, दलितों और बेरोजगारों की आवाज दबा रही है. लखनऊ में 2 अक्टूबर को समाजवादी कार्यकर्ता शांतिपूर्वक मौन व्रत सत्याग्रह करने जा रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने बल प्रयोग कर हिंसात्मक ढंग से उनको रोका और कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई, जो कि निंदनीय है. कोरोना महामारी के संकटकाल में बड़े पैमाने पर श्रमिकों का विस्थापन हुआ है. उन्हें काम देने के बजाय मनरेगा के फर्जी आंकड़े दिए जा रहे हैं. ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर खेल हो रहा है, जबकि ग्रामीण इलाकों के बच्चों के पास न लैपटॉप है और न स्मार्टफोन है तो वह कैसे शिक्षण कार्य कर सकते हैं.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियां धीरे-धीरे समाप्त करके निजीकरण कर पूरे सरकारी तंत्र को ध्वस्त करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी असफलताओं को बर्बरता पूर्ण ढंग से छिपाने का प्रयास कर रही है. रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मांग की कि प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने के लिए केंद्र को अपनी संस्तुति भेजें.

लखनऊ: नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसे भेंट करना चाहता था, लेकिन कोविड-19 के कारण समय नहीं मिल सका. रामगोविंद चौधरी ने इस पत्र में राज्यपाल से तत्काल प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए योगी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.

पत्र के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के अपहरण, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. लूट, हत्या, डकैती, अपहरण और फिरौती भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. प्रदेश की जनता त्रस्त है. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. हर 15 मिनट में रेप की एक घटना हो रही है. एनसीआरबी-2019 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश के आईपीसी अपराधों में 10.09 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं. पूरे भारत में प्रथम स्थान उत्तर प्रदेश का है. एसएलएल अपराधों में पूरे भारत के अपराधों में 14.3 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश के हैं. कुल आईपीसी व एसएलएल को मिलाकर साल 2018 में 5 लाख 85 हजार 157 मामले थे. वहीं वर्ष 2019 में ये 6 लाख 28 हजार 578 हो गए, जो पूरे देश के अपराधों का 12.2 प्रतिशत है और प्रथम स्थान प्राप्त रहा है.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि महिलाओं के साथ आईपीसी और एसएलएल अपराध में वर्ष 2017 में 56,011, 2018 में 59,445, वर्ष 2019 में 59,853 आंकड़े रहे. पूरे देश में 14.7 प्रतिशत रहा, जिससे यूपी का इसमें भी प्रथम स्थान रहा है. न्यायालयों में आईपीसी अपराध वर्ष 2018 तक 9 लाख 30 हजार 337 केस ट्रायल के लिए पेंडिंग थे, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. 2018 में ऐसे अपराध की संख्या 12 लाख 59 हजार 076 थी, जो 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. वर्ष 2018 में एसएलएल अपराध 12 लाख 59 हजार 037 थे, जो 2019 में बढ़कर 15 लाख 04 हजार 393 हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इन सब आंकड़ों के बावजूद भाजपा सरकार असत्य और भ्रामक बयानबाजी कर इसे झूठलाने का प्रयास करती है.

हाथरस मामले में पुलिस-प्रशासन का रवैया शर्मनाक
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार दलितों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के हितों की पूर्णता अनदेखी कर रही है. हाथरस में दलित बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में पुलिस और प्रशासन का रवैया अत्यंत शर्मनाक रहा है. दलित की बेटी को न्याय दिलाने की जगह भाजपा सरकार आर्थिक मदद व अन्य प्रलोभन देकर खिलवाड़ कर रही है. इसकी जांच वर्तमान किसी न्यायाधीश की देख-रेख में कराई जाए. उन्होंने कहा कि न केवल हाथरस, बलरामपुर, बागपत, मेरठ, फतेहपुर, अलीगढ़, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, महराजगंज, मथुरा, प्रयागराज, आजमगढ़, बुलंदशहर और लखनऊ में भी छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसी हैवानियत की घटनाओं से प्रदेश की बदनामी हुई है.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा किसानों, दलितों और बेरोजगारों की आवाज दबा रही है. लखनऊ में 2 अक्टूबर को समाजवादी कार्यकर्ता शांतिपूर्वक मौन व्रत सत्याग्रह करने जा रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने बल प्रयोग कर हिंसात्मक ढंग से उनको रोका और कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई, जो कि निंदनीय है. कोरोना महामारी के संकटकाल में बड़े पैमाने पर श्रमिकों का विस्थापन हुआ है. उन्हें काम देने के बजाय मनरेगा के फर्जी आंकड़े दिए जा रहे हैं. ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर खेल हो रहा है, जबकि ग्रामीण इलाकों के बच्चों के पास न लैपटॉप है और न स्मार्टफोन है तो वह कैसे शिक्षण कार्य कर सकते हैं.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियां धीरे-धीरे समाप्त करके निजीकरण कर पूरे सरकारी तंत्र को ध्वस्त करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी असफलताओं को बर्बरता पूर्ण ढंग से छिपाने का प्रयास कर रही है. रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मांग की कि प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने के लिए केंद्र को अपनी संस्तुति भेजें.

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