लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के गृह क्षेत्र में बिजली के कर्मचारी करोड़ों के फर्जी भुगतान के प्लान में धरे गए हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. अब आगे की जांच कराई जा रही है. पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि ऊर्जा विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा.
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के विद्युत वितरण खंड प्रथम के अंतर्गत ओएण्डएम के मद में ईआरपी प्रणाली पर अपलोड किए गए कनेक्शनों में खेल करके लगभग 13 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा था. इस मामले में रमेश कुमार यादव (लेखाकार), संतोष कुमार सैनी (कार्यालय सहायक) और मिथलेश कुमार यादव (कार्यकारी सहायक) को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया है. यह निलंबन पाॅवर काॅपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज की सहमति के बाद पूर्वांचल के प्रबन्ध निदेशक ने किया है.
बता दें, यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से अब तक प्रदेश भर में भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए दर्जनों अभियंताओं और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है. कई कर्मचारी तो अब तक बर्खास्त भी किए जा चुके हैं. बावजूद इसके पैसे के लालच में अभी भी तमाम अधिकारी और कर्मचारी नियमों को ताक पर रख रहे हैं. उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने बताया कि प्रदेश भर में कहीं भी भ्रष्टाचार की शिकायतें पाॅवर काॅरपोरेशन को मिल रही हैं. उन पर जांच टीम गठित कर बारीकी से जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की तरफ से कड़ा एक्शन लिया जा रहा है.