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बांग्लादेश से नकली नोट लाकर देश में खपाने वाले दोषियों को सजा

बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट लाकर देश में खपाने के आरोपियों को एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने सजा सुनाई है.

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एनआईए
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Published : Jul 1, 2022, 10:54 PM IST

लखनऊ: बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट लाकर देश मे खपाने के आरोप में जियाउल हक और अब्दुल सलाम उर्फ मिथुन को एनआईए के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने दोषी ठहारते हुए तीन साल 3 माह की कैद और 10-10 हजार के जुर्माना लगाया है.

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी जियाउल हक और अब्दुल सलाम उर्फ मिथुन उर्फ सलाहुद्दीन मिया ने जुर्म स्वीकार कर लिया था. इसके बाद कोर्ट ने जियाउल हक और अब्दुल सलाम को सजा सुनाई. कोर्ट में सरकारी वकील एमके सिंह ने तर्क दिया कि एसटीएफ ने 24 अगस्त 2018 को डालीगंज रेलवे क्रोसिंग पास से शिवभजन को 2000 रुपये के 153 जाली नोट, कुलदीप गुप्ता को 2000 रुपये के 27 जाली नोट, गुरुदेव उर्फ विवेक राजपूत को 2000 रुपये के 25 जाली नोट और रजनीश यादव को 2000 रुपये के 25 जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें- जाली नोट छापने वाला और सप्लायर दोषी करार- कोर्ट ने सुनाई दस और आठ साल की सजा

वहीं, आरोपियों ने विवेचना के दौरान बताया कि घटना में जियाउल हक और अब्दुल सलाम भी शामिल थे. कहा गया कि जियाउल बांग्लादेश के लोगों से जाली नोट लेता था और अब्दुल सलाम को देता था, जो अन्य लोगों को जाली नोटों की आपूर्ति करता था.

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लखनऊ: बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट लाकर देश मे खपाने के आरोप में जियाउल हक और अब्दुल सलाम उर्फ मिथुन को एनआईए के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने दोषी ठहारते हुए तीन साल 3 माह की कैद और 10-10 हजार के जुर्माना लगाया है.

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी जियाउल हक और अब्दुल सलाम उर्फ मिथुन उर्फ सलाहुद्दीन मिया ने जुर्म स्वीकार कर लिया था. इसके बाद कोर्ट ने जियाउल हक और अब्दुल सलाम को सजा सुनाई. कोर्ट में सरकारी वकील एमके सिंह ने तर्क दिया कि एसटीएफ ने 24 अगस्त 2018 को डालीगंज रेलवे क्रोसिंग पास से शिवभजन को 2000 रुपये के 153 जाली नोट, कुलदीप गुप्ता को 2000 रुपये के 27 जाली नोट, गुरुदेव उर्फ विवेक राजपूत को 2000 रुपये के 25 जाली नोट और रजनीश यादव को 2000 रुपये के 25 जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था.

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वहीं, आरोपियों ने विवेचना के दौरान बताया कि घटना में जियाउल हक और अब्दुल सलाम भी शामिल थे. कहा गया कि जियाउल बांग्लादेश के लोगों से जाली नोट लेता था और अब्दुल सलाम को देता था, जो अन्य लोगों को जाली नोटों की आपूर्ति करता था.

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