लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को सद्भावनापूर्ण मुआवजा दिये जाने की मांग की गई है. न्यायालय ने याचिका को अगली सुनवाई के लिए जुलाई महीने में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने डॉ. संदीप पांडेय की याचिका पर दिया.
याचिका में मांग की गई है कि कोरोना महामारी में मारे गए लोगों के परिजनों को सद्भावनापूर्ण मुआवजा देने के निर्देश केंद्र व राज्य सरकार को दिए जाए. कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत यह मुआवजा दिया जा सकता है, जो कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है लेकिन सद्भावनापूर्वक प्रदान किया जा सकता है. हालांकि सुनवाई के दौरान याची की ओर से कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस विषय पर विचार-विमर्श करने का निर्देश सरकार को दिया है.
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वहीं राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कोविड-19 महामारी से जुड़े सभी मुद्दों पर सुनवाई चल रही है. इस पर न्यायालय ने मामले को अगली सुनवाई के लिए जुलाई में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. वहीं न्यायालय ने यह भी कहा है कि इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट यदि इस मुद्दे पर कोई निर्णय देती है, तो उसे इस कोर्ट के रिकॉर्ड पर लाया जाए.
इसी मामले को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसे हाईकार्ट ने 30 अप्रैल को खारिज कर दिया था.