लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हाल में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में ओबीसी अभ्यर्थियों ने सरकार पर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि ओबीसी कैंडिडेट के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण पहले से तय है, लेकिन फिर भी उन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया. अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर व सही जांच के लिए लखनऊ बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज में हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे. हालांकि देर शाम अधिकारियों के समझाने के बाद धरना समाप्त कर दिया.
अभ्यर्थियों ने बताई समस्या
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि हम पिछले 4 दिनों से लखनऊ में परेशान पड़े हैं. लेकिन सरकार की तरफ से हमारी कोई भी मांग नहीं सुनी जा रही है. हम लोग इकोगार्डन धरना स्थल से अब शिक्षा निदेशालय पहुंचे हैं और जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी या जिम्मेदार अधिकारियों व मंत्रियों से कोई आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक हम धरने से नहीं हटेंगे.
नहीं मिले बेसिक शिक्षा मंत्री
उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने 18 दिसंबर के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया था और कहा था कि मुलाकात के बाद इस विषय पर निर्णय लिया जाएगा. लेकिन बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी अब तक नहीं आए. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब मंत्रीजी के बारे में जानकारी मिली और पता चला कि मंत्रीजी कहीं बाहर दौरे पर गए हुए हैं.
एडीसीपी ने दी ये हिदायत
निशातगंज शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को एडीसीपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने अनाउंसमेंट कर समझाया. उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा. एडीसीपी ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण चल रहा है. अभ्यर्थियों को जो निर्धारित स्थल दिया गया है, वहां धरना करना चाहिए. साथ ही एडीसीपी ने हिदायत देते हुए कहा कि जल्द से जल्द यहां से धरना खत्म कर दिया जाए, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.