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लखनऊ: 'दहेज देना भी है हराम' की शानदार प्रस्तुति से दिया समाज को संदेश

राजधानी लखनऊ में वी फांउडेशन द्वारा दहेज प्रथा को लेकर जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के जरिए 'दहेज देना भी हराम है' की शानदार प्रस्तुति दी गई.

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Published : Oct 25, 2019, 9:32 AM IST

प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' का आयोजन किया गया.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में दहेज प्रथा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' का आयोजन किया गया. जिसमें नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की गई. इस नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता का विषय 'दहेज देना भी है हराम' रखा गया.

प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' का आयोजन किया गया.


वी फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
राजधानी में 'पैगाम 2019' का आयोजन वी संस्था द्वारा किया गया था. संस्था के प्रमुख देश दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ के तमाम स्कूल कॉलेज के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जिनमें दहेज न देने के विषय पर छात्र-छात्राओं ने बेहद खास अंदाज में नुक्कड़ नाटक पेश किए. अक्टूबर भर चली इस प्रतियोगिता में कुछ छात्र-छात्राओं को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसके बाद गुरुवार को समापन अवसर पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.


छात्र-छात्राओं ने दी शानदार प्रस्तुति
वी फाउंडेशन के संस्थापक ने बताया कि खास बात यह भी रही कि इस नुक्कड़ नाटक में कुछ उन बच्चों ने भी अपना प्रदर्शन दिया जो देख नहीं सकते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस विषय को महसूस किया और इस पर एक बेहद शानदार प्रस्तुति दी.


नुक्कड़ नाटक के जरिेए दहेज न देने पर दिया गया जोर
कार्यक्रम के समापन आयोजन में शामिल हुए रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह बेहद अच्छा विषय है, क्योंकि लोग अक्सर दहेज लेने की बात पर चर्चा करते हैं, लेकिन दहेज न देने की बात पर पहली बार ऐसा कोई आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने प्रतिभाग किया है. यह देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है कि किसी ने ऐसे मुद्दे को उठाया है, जो लीक से हटकर है और जिस पर बात की जानी बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस संस्था को मेरी शुभकामनाएं हैं कि वह इसी तरह के कुछ मुद्दों को आगे भी उठाएं, जिससे लोग इसके बारे में जागरूक हो सकें.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत, हिंदू-मुस्लिमों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
'पैगाम 2019' के समापन अवसर पर कई कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें आईटी कॉलेज को प्रथम, एलपीसी कॉलेज को द्वितीय और एलयू को तृतीय स्थान मिला. साथ ही कार्यक्रम में दृष्टिहीन बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए नुक्कड़ नाटक के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया. इसके अलावा यहां पर पूरे देश भर से स्लोगन-पोएट्री राइटिंग की प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बेहतरीन कविताएं और स्लोगन लिखने वाले छात्र-छात्राओं को चयनित कर सम्मानित भी किया गया.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में दहेज प्रथा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' का आयोजन किया गया. जिसमें नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की गई. इस नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता का विषय 'दहेज देना भी है हराम' रखा गया.

प्रतियोगिता 'पैगाम 2019' का आयोजन किया गया.


वी फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
राजधानी में 'पैगाम 2019' का आयोजन वी संस्था द्वारा किया गया था. संस्था के प्रमुख देश दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ के तमाम स्कूल कॉलेज के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जिनमें दहेज न देने के विषय पर छात्र-छात्राओं ने बेहद खास अंदाज में नुक्कड़ नाटक पेश किए. अक्टूबर भर चली इस प्रतियोगिता में कुछ छात्र-छात्राओं को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसके बाद गुरुवार को समापन अवसर पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.


छात्र-छात्राओं ने दी शानदार प्रस्तुति
वी फाउंडेशन के संस्थापक ने बताया कि खास बात यह भी रही कि इस नुक्कड़ नाटक में कुछ उन बच्चों ने भी अपना प्रदर्शन दिया जो देख नहीं सकते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस विषय को महसूस किया और इस पर एक बेहद शानदार प्रस्तुति दी.


नुक्कड़ नाटक के जरिेए दहेज न देने पर दिया गया जोर
कार्यक्रम के समापन आयोजन में शामिल हुए रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह बेहद अच्छा विषय है, क्योंकि लोग अक्सर दहेज लेने की बात पर चर्चा करते हैं, लेकिन दहेज न देने की बात पर पहली बार ऐसा कोई आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने प्रतिभाग किया है. यह देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है कि किसी ने ऐसे मुद्दे को उठाया है, जो लीक से हटकर है और जिस पर बात की जानी बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस संस्था को मेरी शुभकामनाएं हैं कि वह इसी तरह के कुछ मुद्दों को आगे भी उठाएं, जिससे लोग इसके बारे में जागरूक हो सकें.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत, हिंदू-मुस्लिमों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
'पैगाम 2019' के समापन अवसर पर कई कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें आईटी कॉलेज को प्रथम, एलपीसी कॉलेज को द्वितीय और एलयू को तृतीय स्थान मिला. साथ ही कार्यक्रम में दृष्टिहीन बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए नुक्कड़ नाटक के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया. इसके अलावा यहां पर पूरे देश भर से स्लोगन-पोएट्री राइटिंग की प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बेहतरीन कविताएं और स्लोगन लिखने वाले छात्र-छात्राओं को चयनित कर सम्मानित भी किया गया.

Intro:लखनऊ। हमारे समाज में कई ऐसी बातें सदियों से चली आ रही है जिनको हम देखते तो हैं और उसकी सही या गलत होने का अंदाजा लगाना भूल चुके होते हैं और फिर धीरे-धीरे वह बातें परंपरा और प्रथा का रूप ले लेती हैं। इनमें से एक सबसे बड़ी प्रथा है दहेज। पिछले कुछ समय से लोगों ने दहेज लेने के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया है। सरकार ने नियम-कानून भी बनाए हैं पर इसके साथ दहेज न देने के बारे में भी बात करनी की जरूरत है और इसी जरूरत को प्रतियोगिता का रूप देकर पैगाम 2019 का आयोजन किया गया जिसमें नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की गई इस नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता का विषय 'दहेज देना भी है हराम' रखा गया।


Body:वीओ1 पैगम 2019 का आयोजन वी संस्था द्वारा किया गया था संस्था के प्रमुख देश दीपक सिंह ने बताया कि हम ने लखनऊ के तमाम स्कूल कॉलेजेस के छात्रों को बुलाकर उनसे नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता करवाई थी जिनमें दहेज न देने के विषय पर छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने तरह से नुक्कड़ नाटक पेश किए थे अक्टूबर भर चली इस प्रतियोगिता में कुछ छात्र छात्राओं को शॉर्टलिस्ट किया गया था जिसके बाद आज समापन के अवसर पर उन्हें पुरस्कृत किया गया एक खास बात यह भी रही कि इस नुक्कड़ नाटक में कुछ उन बच्चों ने भी अपना प्रदर्शन दिया जो देख नहीं सकते हैं पर फिर भी उन्होंने इस विषय को महसूस किया और इस पर एक बेहद शानदार प्रस्तुति दी। समापन के आयोजन में शामिल हुए रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह बेहद अच्छा विषय है क्योंकि लोग अक्सर दहेज लेने के बाद पर चर्चा करते हैं लेकिन दहेज न देने की बात पर पहली बार ऐसा कोई आयोजन किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने प्रतिभाग किया है। यह देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है कि किसी ने ऐसे मुद्दे को उठाया है जो लीक से हटकर है और जिस पर बात किए जाने की जरूरत है। इस संस्था को मेरी शुभकामनाएं हैं कि वह इसी तरह के कुछ मुद्दों को आगे भी उठाएं जिनके बारे में हमें भी सुनना अच्छा लगे और लोगों को भी इसके बारे में जागरूकता आए। जानकारी मिले कि वह इस प्रथा को बरसों से मनाते चले आ रहे हैं उसके बारे में सही और गलत पहलू को जानना भी जरूरी है।


Conclusion:पैगाम 2019 के समापन पर कुछ कॉलेजेस के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया जिसमें आईटी कॉलेज को प्रथम स्थान, एलपीसी कॉलेज को द्वितीय स्थान और एल यू को तृतीय स्थान मिला। साथ ही इसमें दृष्टिहीन बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए नुक्कड़ नाटक के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया। इसके अलावा यहां पर पूरे देश भर से स्लोगन-पोएट्री राइटिंग की प्रतियोगिता करवाई गई जिसमें बेहतरीन कविताएं और स्लोगन लिखने वाले छात्र-छात्राओं को चुनकर सम्मानित किया गया। बाइट देश दीपक सिंह, संस्थापक, वी फाउंडेशन बाइट सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ वरिष्ठ रंगकर्मी रामांशी मिश्रा
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