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आम लोग करें प्लांट कंजर्वेशन तभी बचेगी बायोडायवर्सिटी: वैज्ञानिक - lucknow news

लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर प्रोफेसर केएन कॉल की याद में तीसरा प्रोफेसर के एन कॉल मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया.

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प्रोफेसर कैन कॉल मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
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Published : Mar 3, 2020, 2:18 PM IST

लखनऊ: जिले के सीएसआईआर की प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर प्रोफेसर के एन कॉल की याद में सोमवार को तीसरा प्रोफेसर केएन कॉल मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया. इस आयोजन में वनस्पतिविदों ने भारतीय संस्कृति से जुड़ी तमाम विलुप्तप्राय वनस्पतियों की जानकारी दी और उनके सहेजने के ऊपर बात की.

प्रोफेसर कैन कॉल मेमोरियल लेक्चर का आयोजन.

तीसरे प्रोफेसर के एन कॉल मेमोरियल लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता कोल्हापुर यूनिवर्सिटी के लेक्चरर प्रोफेसर एसआर यादव आए. इन्होंने बॉटेनिकल गार्डन की तमाम वनस्पतियों के बारे में बात की. इस बारे में एनबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर एसके बारिक ने बताया कि प्रोफेसर केएन कौल एनबीआरआई के फाउंडर डायरेक्टर थे. उन्होंने पेड़ पौधों पर बेहतरीन काम किया है. उनके कई कलेक्शन एनबीआरआई में आज भी मौजूद हैं. इसी वजह से हम उनकी याद में पिछले 3 वर्षों से मेमोरियल लेक्चर का आयोजन करवा रहे हैं. आज के लेक्चर में कोल्हापुर यूनिवर्सिटी के लेक्चरर प्रोफेसर आर एस यादव ने अपने बॉटैनिकल गार्डन की जानकारी दी है. प्रोफेसर यादव के बॉटैनिकल गार्डन में तमाम तरह की प्रजातियों के वनस्पतियों को संजोकर रखा गया है. ऐसे में यहां पर आकर और पेड़-पौधों और वनस्पतियों की जानकारी मिलना हमारे संस्थान के लिए बेहद सकारात्मक और बेहतरीन विषय है. साथ ही इसी लिहाज से हम प्रोफेसर केएन कौल को भी उचित तरीके से श्रद्धांजली दे सकेंगे.

इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और प्रोफेसर सुधीर सोपोरी ने बताया कि डॉ केएन कौल ने राजधानी में बहुत समय पहले नेशनल बोटैनिकल गार्डन की शुरुआत की थी क्योंकि उन्हें पता था कि इस जगह पर बॉटेनिकल गार्डन की काफी अधिक महत्ता होगी. इसी आधार पर कोल्हापुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर राव ने 1 मैन मिशन के दौरान एक बहुत बड़ा गार्डन बनाया है. गार्डन में प्रोफेसर राव और उनके छात्रों द्वारा आज के समय में विलुप्त हो रही तमाम ऐसी प्रजातियों को संजोया गया है, जो हमारी भारतीय बायोडायवर्सिटी से जुड़ी हुई हैं. यह हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण संदेश है कि हमारे देश के जरूरी वनस्पति और पौधों को बचाना बहुत जरूरी है ताकि हमारी बायोडायवर्सिटी को भी संभाला जा सके.

सिर्फ वैज्ञानिकों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी आगे आना चाहिए और प्लांट कलेक्शन में अपना योगदान देना चाहिए. तभी जो विलुप्त हो रही प्रजातियां हैं, उनको भी सहेजा जा सकेगा. इससे आम जनता को यह भी पता चलेगा कि उनके आसपास मौजूद वनस्पतियां उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं.

प्रोफेसर एसके बारिक, निदेशक, एनडीआरआई

लखनऊ: जिले के सीएसआईआर की प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर प्रोफेसर के एन कॉल की याद में सोमवार को तीसरा प्रोफेसर केएन कॉल मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया. इस आयोजन में वनस्पतिविदों ने भारतीय संस्कृति से जुड़ी तमाम विलुप्तप्राय वनस्पतियों की जानकारी दी और उनके सहेजने के ऊपर बात की.

प्रोफेसर कैन कॉल मेमोरियल लेक्चर का आयोजन.

तीसरे प्रोफेसर के एन कॉल मेमोरियल लेक्चर में बतौर मुख्य वक्ता कोल्हापुर यूनिवर्सिटी के लेक्चरर प्रोफेसर एसआर यादव आए. इन्होंने बॉटेनिकल गार्डन की तमाम वनस्पतियों के बारे में बात की. इस बारे में एनबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर एसके बारिक ने बताया कि प्रोफेसर केएन कौल एनबीआरआई के फाउंडर डायरेक्टर थे. उन्होंने पेड़ पौधों पर बेहतरीन काम किया है. उनके कई कलेक्शन एनबीआरआई में आज भी मौजूद हैं. इसी वजह से हम उनकी याद में पिछले 3 वर्षों से मेमोरियल लेक्चर का आयोजन करवा रहे हैं. आज के लेक्चर में कोल्हापुर यूनिवर्सिटी के लेक्चरर प्रोफेसर आर एस यादव ने अपने बॉटैनिकल गार्डन की जानकारी दी है. प्रोफेसर यादव के बॉटैनिकल गार्डन में तमाम तरह की प्रजातियों के वनस्पतियों को संजोकर रखा गया है. ऐसे में यहां पर आकर और पेड़-पौधों और वनस्पतियों की जानकारी मिलना हमारे संस्थान के लिए बेहद सकारात्मक और बेहतरीन विषय है. साथ ही इसी लिहाज से हम प्रोफेसर केएन कौल को भी उचित तरीके से श्रद्धांजली दे सकेंगे.

इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और प्रोफेसर सुधीर सोपोरी ने बताया कि डॉ केएन कौल ने राजधानी में बहुत समय पहले नेशनल बोटैनिकल गार्डन की शुरुआत की थी क्योंकि उन्हें पता था कि इस जगह पर बॉटेनिकल गार्डन की काफी अधिक महत्ता होगी. इसी आधार पर कोल्हापुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर राव ने 1 मैन मिशन के दौरान एक बहुत बड़ा गार्डन बनाया है. गार्डन में प्रोफेसर राव और उनके छात्रों द्वारा आज के समय में विलुप्त हो रही तमाम ऐसी प्रजातियों को संजोया गया है, जो हमारी भारतीय बायोडायवर्सिटी से जुड़ी हुई हैं. यह हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण संदेश है कि हमारे देश के जरूरी वनस्पति और पौधों को बचाना बहुत जरूरी है ताकि हमारी बायोडायवर्सिटी को भी संभाला जा सके.

सिर्फ वैज्ञानिकों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी आगे आना चाहिए और प्लांट कलेक्शन में अपना योगदान देना चाहिए. तभी जो विलुप्त हो रही प्रजातियां हैं, उनको भी सहेजा जा सकेगा. इससे आम जनता को यह भी पता चलेगा कि उनके आसपास मौजूद वनस्पतियां उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं.

प्रोफेसर एसके बारिक, निदेशक, एनडीआरआई

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