लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षित करने और परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार ने निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेंसी 'इन्वेस्ट यूपी' को पेशेवर स्वरूप प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने कहा कि निवेश प्रोत्साहन और निवेशक सुविधा सेवाओं के लिए व्यापार और प्रबंधन क्षेत्र से उच्च योग्यता प्राप्त पेशेवर अधिकारियों (प्रोफेशनल्स) की नियुक्ति करने का निर्णय किया है.
44 अधिकारियों की होनी है नियुक्ति
इन्वेस्ट यूपी के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य-सचिव आलोक कुमार ने बताया कि निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए सेवाओं की दक्षता व गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुल 44 पेशेवर अधिकारियों व कर्मचारियों को नियुक्त करने का प्रस्ताव है. प्रथम चरण में 'इन्वेस्ट यूपी' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के मार्गदर्शन में एजेंसी के निवेश प्रोत्साहन कार्यों का नेतृत्व करने के लिए एक चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) सहित पांच अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.
सीएम के अनुमोदन से होगी नियुक्ति
आलोक कुमार ने बताया कि चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की नियुक्ति और कार्यमुक्ति मुख्यमंत्री के अनुमोदन प्रदान करने के उपरांत की जाएगी. मुख्यमंत्री नई संस्था 'इन्वेस्ट यूपी' के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष हैं. सीओओ के अलावा 15 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ टियर-1 भारतीय या वैश्विक संस्थान से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिग्री धारक होना चाहिए, एक डिवीजन हेड, दो सेक्टर कलस्टर प्रमुखों और एक प्रबंधक-एनसीआर के अन्य पदों के लिए भी उच्च शैक्षिक योग्यता व प्रतिभा और अनुभव का चयन मानदंड व अर्हता निर्धारित की गई है.
तो इसलिए हुई 'इन्वेस्ट यूपी' की स्थापना
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को सहायता प्रदान करने और राज्य में निवेशोन्मुख वातावरण के सृजन के लिए विभिन्न विभागों और निवेशकों के मध्य इंटरफेस के रूप में एक समर्पित निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेंसी 'इन्वेस्ट यूपी' की स्थापना की है. इन्वेस्ट यूपी निवेशकों को निवेश परियोजना के पूर्ण जीवन-चक्र में सहायता प्रदान करते हुए दोनों गतिविधियों का निष्पादन करती है.