लखनऊ : भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के गठन के बाद से ही इसके पहले कुलपति कौन होगा, इसको लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे. बुधवार को इंतजार खत्म हो गया. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ छत्तीसगढ़ में कथक की प्रोफेसर मांडवी सिंह को भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है.
प्रोफेसर मांडवी 9 साल तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (Bhatkhande Culture University) में कुलपति के दो कार्यकाल को पूरा कर चुकी हैं. पिछले 10 महीने से वह भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला में हैं. प्रोफेसर मांडवी त्रिपाठी ने कहा कि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय (Bhatkhande Culture University) एक संस्था के रूप में थी. असम विश्वविद्यालय से बदलकर अब एक पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो चुकी है. इस संस्था की स्थापना के लिए जो अवधारणा है उसको आगे ही ले जाने के लिए काम करुंगी.
प्रोफेसर मांडवी सिंह का कहना है कि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय (Bhatkhande Culture University) में मैं अक्सर आती रही हूं, यहां की शिक्षा समिति में भी नहीं और संविधान में आने-जाने भी लगा रहा है. इसके अलावा मैं यहां पर कई बार परीक्षक के रूप में भी आ चुकी हूं. प्रोफेसर मांडवी सिंह पिछले 12 साल से पंडित बिरजू महाराज के पुत्र जय किशन महाराज के साथ कब तक शिक्षा से जुड़ी हैं. वह विभिन्न भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों के अध्ययन बोर्ड शैक्षणिक निकायों की सदस्य भी हैं. प्रोफेसर सिंह कि भारतीय संस्कृति में कत्थक परंपरा कथक, नृत्य परंपरा में गुरु लच्छू महाराज कथक परंपरा और राजगढ़ दरबार की किताबें भी प्रकाशित की है.
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