ETV Bharat / state

लखनऊः नहीं निकलेगा जुलूस-ए-मदहे सहाबा, उलमा ने लिया फैसला

यूपी की राजधानी लखनऊ में पैगंबर मोहम्मद साहब की विलादत (यौमे पैदाइश) बारह रबीउल अव्वल को निकलने वाला जुलूस-ए-मदहे सहाबा कोरोना के चलते इस बार नहीं निकाला जायेगा. कोविड-19 की सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस पर अमल करते हुए उलमा ने इसका फैसला लिया है.

etv bharat
जुलूस-ए-मदहे सहाबा में शामिल लोग.
author img

By

Published : Oct 19, 2020, 10:01 PM IST

लखनऊः पैगंबर मोहम्मद साहब की विलादत (यौमे पैदाइश) बारह रबीउल अव्वल को निकलने वाला जुलूस-ए-मदहे सहाबा कोरोना के चलते इस बार नहीं निकाला जायेगा. कोविड-19 की सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस पर अमल करते हुए उलमा ने इसका फैसला लिया है.

पैगंबर मोहम्मद साहब की दुनिया में आमद की खुशी में हर साल मजलिस तहफ्फुजे नामुसे सहाबा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी की अगुवाई में बारह रबीउल अव्वल को अमीनाबाद झंडे वाला पार्क से ऐशबाग ईदगाह तक जुलूस-ए-मदेह सहाबा निकाला जाता था. जुलूस में शहर की करीब 300 से ज्यादा अंजुमनों के साथ हजारों लोग शामिल होते थे.

कोरोना वायरस की वजह से इस बार जुलूस नहीं निकलेगा. मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी ने बताया कि 1998 के शिया, सुन्नी और प्रशासन के बीच हुए समझौते के बाद से जुलूस लगातार 21 सालों निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के खतरे को को देखते हुए बीते 7 महीनों से मदरसे बंद थे. मस्जिदों में नमाज भी ठीक से नहीं हो पा रही थी. जुलूस के सिलसिले में ज्वाइन्ट कमिश्नर नवीन अरोड़ा से भी मुलाकात की गई. मौलाना ने कहा कि लोगों की भलाई को देखते हुए इस बार जुलूस-ए-मदहे सहाबा को स्थगित किया जा रहा है.

लखनऊः पैगंबर मोहम्मद साहब की विलादत (यौमे पैदाइश) बारह रबीउल अव्वल को निकलने वाला जुलूस-ए-मदहे सहाबा कोरोना के चलते इस बार नहीं निकाला जायेगा. कोविड-19 की सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस पर अमल करते हुए उलमा ने इसका फैसला लिया है.

पैगंबर मोहम्मद साहब की दुनिया में आमद की खुशी में हर साल मजलिस तहफ्फुजे नामुसे सहाबा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी की अगुवाई में बारह रबीउल अव्वल को अमीनाबाद झंडे वाला पार्क से ऐशबाग ईदगाह तक जुलूस-ए-मदेह सहाबा निकाला जाता था. जुलूस में शहर की करीब 300 से ज्यादा अंजुमनों के साथ हजारों लोग शामिल होते थे.

कोरोना वायरस की वजह से इस बार जुलूस नहीं निकलेगा. मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी ने बताया कि 1998 के शिया, सुन्नी और प्रशासन के बीच हुए समझौते के बाद से जुलूस लगातार 21 सालों निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के खतरे को को देखते हुए बीते 7 महीनों से मदरसे बंद थे. मस्जिदों में नमाज भी ठीक से नहीं हो पा रही थी. जुलूस के सिलसिले में ज्वाइन्ट कमिश्नर नवीन अरोड़ा से भी मुलाकात की गई. मौलाना ने कहा कि लोगों की भलाई को देखते हुए इस बार जुलूस-ए-मदहे सहाबा को स्थगित किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.