लखनऊ: कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लखीमपुर पहुंच गई हैं. लखीमपुर पहुंचने के बाद वे मृतक किसानों की अरदास (Last Ardas for Farmers) में शामिल हुईं. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) मंगलवार सुबह लखीमपुर जाने के लिए अमौसी एयरपोर्ट पहुंचीं थीं. प्रियंका गांधी के साथ एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी जमा हुए थे. इसको देखते हुए एयरपोर्ट पर पुलिस बल तैनात किया गया था. प्रियंका गांधी को एयरपोर्ट पर रोकने का भी प्रयास किया गया था, लेकिन कार्यकर्ताओं की जबरदस्त नारेबाजी और प्रियंका की जिद के आगे प्रशासन झुका और प्रियंका गांधी को लखीमपुर के लिए भेज दिया गया.
लखीमपुर खीरी जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काफिले को सीतापुर टोल पर पुलिस ने रोक लिया. इसको लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हो गई. भारी मात्रा में मौजूद पुलिस गाड़ियों को जबरन रोक रही है. सीतापुर टोल पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी, शाहनवाज आलम, पंकज तिवारी, प्रवक्ता संजय सिंह, सचिन रावत, विधायक सोहेल अंसारी आदि मौजूद रहे.
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) पर कांग्रेस पार्टी प्रदेश की अन्य सभी पार्टियों से लगातार लीड ले रही है. किसानों को गाड़ी से कुचलने की जो घटना हुई उसको लेकर प्रियंका गांधी ने सबसे पहले लखीमपुर में मृतक किसान परिवारों से मिलने के लिए लखनऊ से रात में ही कूच कर दिया था. उन्हें सीतापुर की सीमा पर रोका गया. तीन दिन तक हिरासत में रहीं, चौथे दिन अरेस्ट भी किया गया, लेकिन राहुल गांधी के जब लखीमपुर जाने की बात सामने आई तो प्रशासन झुका और राहुल के साथ ही प्रियंका को भी लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी थी. लखीमपुर हिंसा की घटना में चार किसानों की गाड़ी से कुचले जाने से मौत हो गई थी. अब उन्हीं किसान परिवारों के यहां अरदास कार्यक्रम है जिसमें शामिल होने के लिए प्रियंका गांधी लखीमपुर के लिए रवाना हुई है. कांग्रेस के नेता अपनी-अपनी गाड़ियों से लखीमपुर के लिए रवाना हुए हैं, वहां पर प्रियंका गांधी के काफिले के साथ वह किसानों के घर पहुंचेंगे.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के नेताओं ने सोमवार को देशभर में मौन व्रत रखा. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) भी लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन धरने में शामिल हुईं. वे यहां लगभग 45 मिनट तक मौन व्रत पर बैठी रहीं. इसके बाद धरना समाप्त कर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के लिए रवाना हो गईं.
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इससे पहले प्रियंका ने रविवार को वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते, भले ही आप उन्हें जेल में डाल दें या उनकी पिटाई करें. हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) इस्तीफा नहीं देते. हमारी पार्टी ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है और कोई हमें चुप नहीं करा सकता. मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद लखीमपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था.
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इसमें चार किसान और चार अन्य लोग शामिल हैं. इसके बाद इस हिंसा में घायल पत्रकार की भी मौत हो गई थी. किसानों की मौत ने सियासत को गरमा दिया और सभी पार्टियों के नेताओं का वहां जमावड़ा लगने लगा.