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यूपी में कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएंगे निजी स्कूल

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी में कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी अब यहां के निजी स्कूल उठाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के सामने भी प्रस्ताव रखा जाएगा.

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
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Published : May 23, 2021, 8:58 PM IST

लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी अब यहां के निजी स्कूल उठाएंगे. रविवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की ओर से यह घोषणा की गई. उप मुख्यमंत्री का दावा है कि उन्होंने निजी स्कूलों के सामने यह प्रस्ताव रखा था. जिस पर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 23 जिलों के 1300 सदस्य वाले संगठन के साथ वर्चुअल बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने समर्थन करते हुए अपनी सहमति दी है. जल्द ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के सामने भी प्रस्ताव रखा जाएगा.

यह दावे कर रहे हैं जिम्मेदार
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर अनाथ बच्चों की फीस, पुस्तकों और स्कूल ड्रेस का खर्च वहन करने के निजी स्कूलों की सहमति देश के अन्य राज्यों को भी राह दिखाएगी. बोर्ड परीक्षा के पहले बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी बच्चों और शिक्षकों के टीकाकरण के लिए अभी से रजिस्ट्रेशन करवाकर अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रबंधकों से कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों के प्रमोशन के तरीकों को लेकर सुक्षाव देने के लिए भी कहा गया है.

लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी अब यहां के निजी स्कूल उठाएंगे. रविवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की ओर से यह घोषणा की गई. उप मुख्यमंत्री का दावा है कि उन्होंने निजी स्कूलों के सामने यह प्रस्ताव रखा था. जिस पर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 23 जिलों के 1300 सदस्य वाले संगठन के साथ वर्चुअल बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने समर्थन करते हुए अपनी सहमति दी है. जल्द ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के सामने भी प्रस्ताव रखा जाएगा.

यह दावे कर रहे हैं जिम्मेदार
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर अनाथ बच्चों की फीस, पुस्तकों और स्कूल ड्रेस का खर्च वहन करने के निजी स्कूलों की सहमति देश के अन्य राज्यों को भी राह दिखाएगी. बोर्ड परीक्षा के पहले बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी बच्चों और शिक्षकों के टीकाकरण के लिए अभी से रजिस्ट्रेशन करवाकर अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रबंधकों से कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों के प्रमोशन के तरीकों को लेकर सुक्षाव देने के लिए भी कहा गया है.

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