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कोयला संकटः तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानो ने कमा लिए 840 करोड़

देश और यूपी में कोयला संकट गहराने का फायदा निजी घरानों ने जमकर उठाया है. बीते तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर इन घरानों की कंपनियों ने 840 करोड़ रुपये कमा लिए हैं.

तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानो ने कमा लिए 840 करोड़.
तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानो ने कमा लिए 840 करोड़.
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Published : Oct 14, 2021, 10:30 PM IST

लखनऊः वर्तमान में कोयला संकट को लेकर जहां पूरा देश परेशान है, वहीं उत्तर प्रदेश में कोयले के संकट से करीब 4000 मेगावाट की मशीनें ठप हैं. प्रदेश में बिजली कटौती न हो इसे ध्यान में रखकर पावर कॉरपोरेशन ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से करोड़ों की महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को राहत जरूर दी है, लेकिन इस महंगी बिजली का खामियाजा आने वाले दिनों में प्रदेश के उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ सकता है.


इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज सात रुपए से लेकर 20 रुपए तक महंगी बिजली बेच रहे हैं, जिन राज्यों को बिजली की जरूरत है वह महंगी बिजली खरीद रहे हैं. चौंकाने वाला मामला यह है कि जो बिजली एनर्जी एक्सचेंज में 20 रुपया प्रति यूनिट में बेची जा रही उसकी वास्तविक लागत छह रुपया प्रति यूनिट से भी कम है. पिछले तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानों ने करीब 840 करोड़ का मुनाफा कमा लिया है.

केवल उत्तर प्रदेश से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने तीन दिन में 80 करोड़ रुपए का लाभ कमा लिया. एक तरफ केंद्र का कानून है कि कोई भी बिजली की ट्रेडिंग करने वाला अधिकतम चार पैसा प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं कमा सकता. पिछले पांच दिनों के अंदर अगर केवल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का शेयर देखें तो यह करीब 143 रुपये बढ़ चुका है यानी 23 फीसदी. वहीं, एनर्जी एक्सचेंज पर जो बिजली बेच रहे हैं वह सभी देश के निजी घरानों के पावरहाउस हैं जो वास्तविक लागत लगभग छह रुपए प्रति यूनिट की बिजली औसत 17 रुपया प्रति यूनिट में पिछले तीन दिनों से बेच रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः शिवपाल से गठबंधन पर अखिलेश ने किया ये बड़ा खुलासा

अगर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के कुल बिजली बेचने की बात करें तो वह लगभग 350 मिलियन यूनिट से 360 मिलियन यूनिट रोजाना की है. रोज निजी घरानों को केवल एनर्जी एक्सचेंज पर अपनी कुछ बिजली बेचने से अगर पूरे दिन की उनकी औसत बिक्री की दर निकले वह लगभग 15 रुपया प्रति यूनिट है. उसमें वास्तविक लागत छह रुपया प्रति यूनिट को छोड़ दें तो ये रोज नौ रुपया प्रति यूनिट कमा रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि सिर्फ तीन दिन में अपनी कुछ बिजली बेचकर निजी घरानो ने रोज 280 करोड़ रुपया कमा लिया यानि तीन दिनों के अंदर 840 करोड़ का मुनाफा कमा लिया.



उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस सिलसिले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने वर्तमान विषम परिस्थिति में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज से बिकने वाली महंगी बिजली दर पर एक उचित सीलिंग लगवाने की मांग की, जिससे मंहगी बिजली बेचने पर प्रतिबन्ध लग सके. उन्होंने इस बाबत ऊर्जा मंत्री को एक प्रस्ताव केंद्रीय ऊर्जामंत्री को भेजने के लिए सौंपा. प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जामंत्री आरके सिंह को प्रस्ताव भेजने की बात कहते हुए एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर सीलिंग लगाने की बात को सही ठहराया.

लखनऊः वर्तमान में कोयला संकट को लेकर जहां पूरा देश परेशान है, वहीं उत्तर प्रदेश में कोयले के संकट से करीब 4000 मेगावाट की मशीनें ठप हैं. प्रदेश में बिजली कटौती न हो इसे ध्यान में रखकर पावर कॉरपोरेशन ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से करोड़ों की महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को राहत जरूर दी है, लेकिन इस महंगी बिजली का खामियाजा आने वाले दिनों में प्रदेश के उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ सकता है.


इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज सात रुपए से लेकर 20 रुपए तक महंगी बिजली बेच रहे हैं, जिन राज्यों को बिजली की जरूरत है वह महंगी बिजली खरीद रहे हैं. चौंकाने वाला मामला यह है कि जो बिजली एनर्जी एक्सचेंज में 20 रुपया प्रति यूनिट में बेची जा रही उसकी वास्तविक लागत छह रुपया प्रति यूनिट से भी कम है. पिछले तीन दिनों में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर निजी घरानों ने करीब 840 करोड़ का मुनाफा कमा लिया है.

केवल उत्तर प्रदेश से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने तीन दिन में 80 करोड़ रुपए का लाभ कमा लिया. एक तरफ केंद्र का कानून है कि कोई भी बिजली की ट्रेडिंग करने वाला अधिकतम चार पैसा प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं कमा सकता. पिछले पांच दिनों के अंदर अगर केवल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का शेयर देखें तो यह करीब 143 रुपये बढ़ चुका है यानी 23 फीसदी. वहीं, एनर्जी एक्सचेंज पर जो बिजली बेच रहे हैं वह सभी देश के निजी घरानों के पावरहाउस हैं जो वास्तविक लागत लगभग छह रुपए प्रति यूनिट की बिजली औसत 17 रुपया प्रति यूनिट में पिछले तीन दिनों से बेच रहे हैं.

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अगर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के कुल बिजली बेचने की बात करें तो वह लगभग 350 मिलियन यूनिट से 360 मिलियन यूनिट रोजाना की है. रोज निजी घरानों को केवल एनर्जी एक्सचेंज पर अपनी कुछ बिजली बेचने से अगर पूरे दिन की उनकी औसत बिक्री की दर निकले वह लगभग 15 रुपया प्रति यूनिट है. उसमें वास्तविक लागत छह रुपया प्रति यूनिट को छोड़ दें तो ये रोज नौ रुपया प्रति यूनिट कमा रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि सिर्फ तीन दिन में अपनी कुछ बिजली बेचकर निजी घरानो ने रोज 280 करोड़ रुपया कमा लिया यानि तीन दिनों के अंदर 840 करोड़ का मुनाफा कमा लिया.



उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस सिलसिले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने वर्तमान विषम परिस्थिति में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज व अन्य एक्सचेंज से बिकने वाली महंगी बिजली दर पर एक उचित सीलिंग लगवाने की मांग की, जिससे मंहगी बिजली बेचने पर प्रतिबन्ध लग सके. उन्होंने इस बाबत ऊर्जा मंत्री को एक प्रस्ताव केंद्रीय ऊर्जामंत्री को भेजने के लिए सौंपा. प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जामंत्री आरके सिंह को प्रस्ताव भेजने की बात कहते हुए एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर सीलिंग लगाने की बात को सही ठहराया.

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