लखनऊः जिला जेल से शनिवार को फरार हुए सजायाफ्ता कैदी यशवंत का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी की जांच में यह पता चला है कि कैदी यशवंत के भागने में लापरवाही जेल वार्डन रविंद्र की है. शनिवार को कैदी यशवंत जिला जेल लखनऊ के बाहर सफाई और रंगाई पुताई के लिए बाउंड्री वॉल पर काम करने के लिए लाया गया था. इस दौरान मौका पाकर कैदी यशवंत फरार हो गया.
एक हफ्ते से भागने की साजिश रच रहा था कैदी
डीजी जेल आनंद कुमार ने टीम गठित कर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच डीआईजी संजीव त्रिपाठी को सौंपी गई थी. जिसमें यह सामने आया कि सजायाफ्ता कैदी यशवंत भागने से एक दिन पहले एटीएम गया था. जहां से उसने पाच हजार रुपये निकाले थे. जांच में पता चला कि यशवंत करीब एक हफ्ते से भागने की साजिश रच रहा था.
कर्मचारियों को लापरवाही पड़ गई भारी
सूत्रों के मुताबिक जेल के कर्मचारी कैदी यशवंत उर्फ नन्हे पर भरोसा करते थे. अक्सर उससे जेल के बाहर से चाय और खाने-पीने का सामान मंगाया जाता था. जेल कर्मचारियों को कैदी यशवंद पर इतना भरोसा हो गया था कि अक्सर उसको बाहर सामान लेने के लिए भेजा जाता था.
फरार कैदी के साथियों और रिश्तेदारों पर नजर
इंस्पेक्टर गोसाईगंज धीरेंद्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि सजायाफ्ता कैदी यशवंत के जेल से जल्द ही छूटने वाले कैदियों से संपर्क किया जा रहा है. पुलिस टीम जेल से छूटने वाले उसके साथियों के घर पर भी नजर बनाए हुए है. इसके अलावा यशवंत के परिजनों और रिश्तेदारों के यहां भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया है.