लखनऊः प्रदेश में हरी साब्जियों के दाम इन दिनों राहत दे रहे हैं. वहीं, फुटकर कारोबारियों पर किसी भी तरह का नियंत्रण न होने से तमाम हरी सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. त्योहार के सीजन में महंगी सब्जियों से किचन का बजट बिगड़ रहा है. थोक मंडी की अपेक्षा दोगुने दामों पर बाजारों में सब्जियां बेची जा रही हैं. वहीं, प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश से सब्जियों को भी काफी नुकसान हुआ है. इसका असर अगले हफ्ते तक बाजार में दिखने लगेगा.
गौरतलब है कि पिछले एक महीने से टमाटर सस्ता बिक रहा है. थोक मंडी में इसके दाम जहां 10 से 12 रुपये हैं तो वहीं, फुटकर विक्रेता इसे 15 से 20 रुपये किलो बेच रहे हैं. थोक में आलू का दाम पिछले महीने से 5 से 6 रुपये किलो तक बिक रहा था. लेकिन, फुटकर बाजार में अभी भी कोई असर नहीं पड़ रहा है. बाजारों में आलू 10 से 15 रुपये किलो बिक रहा है. दुबग्गा सब्जी मंडी व्यापारी और आढ़ती सलिक राम ने बताया कि रेट भले ही कम हों. लेकिन, अधिकतर फुटकर कारोबारी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं. फुटकर में सब्जी का मनमाना दाम लिए जाने के मामले में मंडी परिषद ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए हैं.
बाजार में सब्जी के थोक दाम
थोक फुटकर
परवल 70 से 80 120 से 130 किलो
भिंडी 50 से 60 90 से 100 किलो
लौकी 18 से 20 25 से 30 किलो
टमाटर 10 से 12 15 से 20 किलो
प्याज 10 से 12 15 से 20 किलो
फूल गोभी 8 से 10 10 से 15 पीस
आलू 5 से 6 10 से 12 किलो
शिमला मिर्च 15 से 18 25 से 30 पाव
धनिया 15 से 20 30 से 40 किलो
खीरा 15 से 18 25 से 30 किलो
लहसुन 80 से 90 120, 130 किलो
नींबू 100से 110 150 से 160 किलो
सेम 25 से 30 40 से 45 किलो
मटर 15 से 20 25 से 30 किलो
पालक 12 से 15 20 से 25 किलो
करेला 40 से 45 70 से 80 किलो
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