लखनऊः उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के दखल के बाद साल 2020 में उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका नहीं लगा. मजबूरन उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा. लेकिन अब पावर कॉरपोरेशन की तरफ से बिजली की दरों को बढ़ाने पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है. नियामक आयोग से बिजली दरें बढ़वाने के लिए पावर कॉरपोरेशन अब नई दिल्ली स्थित अपीलीय प्राधिकरण में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है. यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर हस्तक्षेप करने की मांग की है.
बिजली की दरें बढ़वाने की कोशिश
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकत की. ऊर्जा मंत्री को बताया कि 11 नवंबर 2020 को विद्युत नियामक आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला लिया था, कि साल 2020-21 की बिजली दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. यह निर्णय बिजली कंपनियां हजम नहीं कर पा रही हैं. उपभोक्ताओं के निकल रहे हजारों करोड़ रुपए वापस न करना पड़े, इसके लिए बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डलवाने की कोशिश में लगी हैं. परिषद के उपाध्यक्ष ने इस मामले में सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की.
'उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं'
इस मामले में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नियामक आयोग ने फैसला कर दिया है. ऐसे में इस साल बिजली की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिना अध्ययन किए, किसी तरह की बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा.