लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल में लाए जाने वाले बजट को लेकर सक्रिय हो गई है. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले योगी सरकार इस बजट के माध्यम से अपने चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए नजर आ सकती है. ऐसे में कई लुभावनी योजनाएं लाने को लेकर सरकार तैयारी में जुट गई है. सरकार 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए बजट लाने को लेकर वित्त विभाग की तरफ से सभी विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार बजट का आकलन करते हुए बजट में शामिल किए जाने वाले प्रस्ताव को 30 नवंबर तक उपलब्ध करा दिया जाए.
अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने शासन के सभी अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारियों को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्ताव तैयार करने संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने सभी विभागों से सरकार की प्राथमिकताओं और प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखकर बजट प्रस्ताव 30 नवंबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. खास बात यह है कि वर्तमान समय में चल रही कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर के चलते उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों व आगामी चुनाव से पहले आने वाले बजट को और अधिक तवज्जो दिए जाने की बात कही गई है.
कई महत्वपूर्ण एलान की तैयारी
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार नए बजट में अधूरे वादे व चुनाव के नजरिए से महत्वपूर्ण कई अन्य योजनाओं को लेकर बड़े एलान कर सकती है. इसके साथ ही 2021-22 के प्रस्तावित नए बजट में तमाम अनुपयोगी योजनाओं को समाप्त करने, नई गाड़ियों की खरीद प्रस्ताव, स्टाफ पर बढ़ते खर्च को देखते हुए प्रशासनिक ढांचे की समीक्षा कर पुनर्गठन करने व राजस्व में कमी लाने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी की समीक्षा करने को भी कहा गया है.
इसके साथ ही ऐसे तमाम कार्यों का चयन करने को कहा गया है जिनमें संविदा के आधार पर खर्च को कम किया जा सकता है. संविदा कर्मचारियों को नियुक्त करने के स्थान पर कार्य को ही संविदा पर करवाने को कहा गया है.
इंटर पास छात्रों को लैपटॉप देने का भी प्रस्ताव
खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार अपने आखिरी साल के बजट में 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इंटरमीडिएट पास छात्रों को लैपटॉप देने का प्रावधान भी कर सकती है. इसके अलावा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तमाम अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव बजट में शामिल करके एक तरह से चुनाव से पूर्व चुनावी बजट की झलक दिखाई जा सकती है.