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बिजली कर्मचारी संगठनों ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन चेयरमैन को सौंपा ज्ञापन

यूपी के लखनऊ में नियमित कर्मचारियों के जुलाई माह का बकाया वेतन भुगतान दिए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर विद्युत मजदूर संगठन, विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार को ज्ञापन सौंपा. यूनियन के पदाधिकारियों ने चेयरमैन को अवगत कराया कि कर्मचारियों की समस्याएं काफी समय से लंबित हैं.

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विकास भवन.
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Published : Aug 14, 2020, 12:30 AM IST

लखनऊ: राजधानी में बीते गुरुवार को नियमित कर्मचारियों के जुलाई माह के बकाया वेतन का भुगतान करने समेत अन्य मांगों को लेकर विद्युत मजदूर संगठन, विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार को ज्ञापन सौंपा. यूनियन के पदाधिकारियों ने चेयरमैन को अवगत कराया कि कर्मचारियों की समस्याएं काफी समय से लंबित हैं. सभी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण कराया जाए. चेयरमैन ने भी समस्याओं का हल निकालने का आश्वासन दिया है.

ये हैं संगठन की मुख्य मांगें
संगठन ने नियमित कर्मचारियों के जुलाई माह के बकाया वेतन का भुगतान करने, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 रद करने, पूर्वांचल डिस्कॉम के निजीकरण का विरोध, नियमित एवं वाह्य एजेंसी के माध्यम से कार्यरत संविदा श्रमिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, चपरासियों और अन्य को पिछले माह का वेतन अगले माह में प्रथम सप्ताह की अधिकतम सात तारीख तक भुगतान करने, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के तहत संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन दिए जाने की मांग की है. साथ ही अकुशल को 20 हजार और कुशल को 25 हजार, कंप्यूटर ऑपरेटर को 30 हजार वेतन, संविदा कर्मियों को डिस्कॉम स्तर पर वरिष्ठता सूची बनाकर विभाग में रिक्त 35000 पदों पर समायोजित करने, टीजी-2 को प्रथम टाइम स्केल, जूनियर इंजीनियर को द्वितीय, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को स्केल दिए जाने, टीजी-2 एवं कार्यकारी सहायक को प्रदेश स्तर पर कामन कैडर घोषित किए जाने की मांग की है.

इसके अलावा देश के प्रमुख चिकित्सालय मेदांता लखनऊ और टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई को मान्यता दिए जाने, विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त समस्त चिकित्सलयों में कैशलेस की सुविधा प्रदान किए जाने, राज्य सरकार की तरह विद्युत विभाग में माह अप्रैल 2004 तक नियुक्त समस्त कार्मिको को पेंशन दिए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने, परियोजनाओं में 10 वर्षों से या अधिक समय से कार्यरत संविदा कर्मियों को उच्च वेतन दिए जाने और रिक्त पदों पर समायोजित किए जाने, परियोजनाओं पर कार्यरत केमिस्ट, लैब असिस्टेंट, पैरामेडिकल स्टाफ टीचर आदि की ग्रेड पे एवं वेतन विसंगतियां दूर किए जाने औऱ जल विद्युत में रिक्त पदों पर पदोन्नत्तियां किए जाने की मांग की.

मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडेय ने बताया कि चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि संगठन के वार्षिक सम्मेलन में दिए गए मांग पत्र के संबंध में कोरोना संक्रमण के प्रभाव के खत्म होते ही संगठन से द्विपक्षीय वार्ता कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा. यह भी कहा कि संविदा कर्मियों को प्रतिमाह समय से वेतन देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जो भी उनकी अन्य शिकायतें संज्ञान में आती हैं, उन पर भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी में बीते गुरुवार को नियमित कर्मचारियों के जुलाई माह के बकाया वेतन का भुगतान करने समेत अन्य मांगों को लेकर विद्युत मजदूर संगठन, विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार को ज्ञापन सौंपा. यूनियन के पदाधिकारियों ने चेयरमैन को अवगत कराया कि कर्मचारियों की समस्याएं काफी समय से लंबित हैं. सभी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण कराया जाए. चेयरमैन ने भी समस्याओं का हल निकालने का आश्वासन दिया है.

ये हैं संगठन की मुख्य मांगें
संगठन ने नियमित कर्मचारियों के जुलाई माह के बकाया वेतन का भुगतान करने, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 रद करने, पूर्वांचल डिस्कॉम के निजीकरण का विरोध, नियमित एवं वाह्य एजेंसी के माध्यम से कार्यरत संविदा श्रमिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, चपरासियों और अन्य को पिछले माह का वेतन अगले माह में प्रथम सप्ताह की अधिकतम सात तारीख तक भुगतान करने, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के तहत संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन दिए जाने की मांग की है. साथ ही अकुशल को 20 हजार और कुशल को 25 हजार, कंप्यूटर ऑपरेटर को 30 हजार वेतन, संविदा कर्मियों को डिस्कॉम स्तर पर वरिष्ठता सूची बनाकर विभाग में रिक्त 35000 पदों पर समायोजित करने, टीजी-2 को प्रथम टाइम स्केल, जूनियर इंजीनियर को द्वितीय, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को स्केल दिए जाने, टीजी-2 एवं कार्यकारी सहायक को प्रदेश स्तर पर कामन कैडर घोषित किए जाने की मांग की है.

इसके अलावा देश के प्रमुख चिकित्सालय मेदांता लखनऊ और टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई को मान्यता दिए जाने, विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त समस्त चिकित्सलयों में कैशलेस की सुविधा प्रदान किए जाने, राज्य सरकार की तरह विद्युत विभाग में माह अप्रैल 2004 तक नियुक्त समस्त कार्मिको को पेंशन दिए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने, परियोजनाओं में 10 वर्षों से या अधिक समय से कार्यरत संविदा कर्मियों को उच्च वेतन दिए जाने और रिक्त पदों पर समायोजित किए जाने, परियोजनाओं पर कार्यरत केमिस्ट, लैब असिस्टेंट, पैरामेडिकल स्टाफ टीचर आदि की ग्रेड पे एवं वेतन विसंगतियां दूर किए जाने औऱ जल विद्युत में रिक्त पदों पर पदोन्नत्तियां किए जाने की मांग की.

मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडेय ने बताया कि चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि संगठन के वार्षिक सम्मेलन में दिए गए मांग पत्र के संबंध में कोरोना संक्रमण के प्रभाव के खत्म होते ही संगठन से द्विपक्षीय वार्ता कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा. यह भी कहा कि संविदा कर्मियों को प्रतिमाह समय से वेतन देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जो भी उनकी अन्य शिकायतें संज्ञान में आती हैं, उन पर भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

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