ETV Bharat / state

राजधानी के आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल, ऐसे हैं हालात... - आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति

बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त रखने की जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की स्थिति काफी दयनीय है. राजधानी लखनऊ में स्थित अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.

जर्जर भवनों में हो रहा संचालन.
स्पेशल रिपोर्ट.
author img

By

Published : Jan 18, 2021, 4:05 PM IST

लखनऊ: राजधानी में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं है. ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. किराए के भवनों वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. ऐसे में इस स्थिति का असर बच्चों पर भी पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का जायजा लिया. देखिये ये खास रिपोर्ट...

स्पेशल रिपोर्ट.

केंद्रों पर लटका है ताला
आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. राजधानी के एसजीपीजीआई (संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया, जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाले लोगों से बात की गई. कई आंगनबाड़ी केंद्र महीनों से बंद हैं, तो कई टाट-पट्टी के बने भवनों में चलाए जा रहे हैं.

जर्जर भवनों में हो रहा संचालन.
जर्जर भवनों में हो रहा संचालन.

हैवतनगर मऊ का आंगनबाड़ी केंद्र तो एक किराए के टूटे-फूटे कमरे में संचालित किया जाता है, जो पिछले 6 महीने से बंद चल रहा है. इस आंगनबाड़ी केंद्र में न तो बैठने की सुविधा है और न ही पानी और शौचालय की. केंद्र की सहायिका सीमा शर्मा ने बताया कि संचालक के रिटायर हो जाने के बाद से ही आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद हैं. वहीं, अब तक कोई दूसरे संचालक की नियुक्त भी नहीं की गई है.

एसजीपीजीआई के ही पंचम खेड़ा आंगनबाड़ी केंद्र में हालात बद से बदतर नजर आए. इस आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचने के लिए रास्ता तक ठीक से नहीं बनाया गया है. केंद्र का भवन भी नहीं बना है. टाट-पट्टी की छत के नीचे बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. हालांकि इसी हालत में केंद्र का संचालन किया जा रहा है.

केंद्रों की स्थिति बदतर.
केंद्रों की स्थिति बदतर.

मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं
केंद्र की संचालिका नन्ही देवी गुप्ता ने बताया कि सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा देने की बात कही है, लेकिन अभी सरकार की किसी सुविधा का लाभ नहीं मिला है. केंद्र पर बॉडी वेट के लिए डिजिटल वेइंग मशीन तक नहीं मिली है. दूसरों से मशीन लेकर बच्चों का वेट करना पड़ता है. इस बारे में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया.

लखनऊ: राजधानी में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं है. ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. किराए के भवनों वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. ऐसे में इस स्थिति का असर बच्चों पर भी पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का जायजा लिया. देखिये ये खास रिपोर्ट...

स्पेशल रिपोर्ट.

केंद्रों पर लटका है ताला
आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं. राजधानी के एसजीपीजीआई (संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया, जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाले लोगों से बात की गई. कई आंगनबाड़ी केंद्र महीनों से बंद हैं, तो कई टाट-पट्टी के बने भवनों में चलाए जा रहे हैं.

जर्जर भवनों में हो रहा संचालन.
जर्जर भवनों में हो रहा संचालन.

हैवतनगर मऊ का आंगनबाड़ी केंद्र तो एक किराए के टूटे-फूटे कमरे में संचालित किया जाता है, जो पिछले 6 महीने से बंद चल रहा है. इस आंगनबाड़ी केंद्र में न तो बैठने की सुविधा है और न ही पानी और शौचालय की. केंद्र की सहायिका सीमा शर्मा ने बताया कि संचालक के रिटायर हो जाने के बाद से ही आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद हैं. वहीं, अब तक कोई दूसरे संचालक की नियुक्त भी नहीं की गई है.

एसजीपीजीआई के ही पंचम खेड़ा आंगनबाड़ी केंद्र में हालात बद से बदतर नजर आए. इस आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचने के लिए रास्ता तक ठीक से नहीं बनाया गया है. केंद्र का भवन भी नहीं बना है. टाट-पट्टी की छत के नीचे बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. हालांकि इसी हालत में केंद्र का संचालन किया जा रहा है.

केंद्रों की स्थिति बदतर.
केंद्रों की स्थिति बदतर.

मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं
केंद्र की संचालिका नन्ही देवी गुप्ता ने बताया कि सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा देने की बात कही है, लेकिन अभी सरकार की किसी सुविधा का लाभ नहीं मिला है. केंद्र पर बॉडी वेट के लिए डिजिटल वेइंग मशीन तक नहीं मिली है. दूसरों से मशीन लेकर बच्चों का वेट करना पड़ता है. इस बारे में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.