ETV Bharat / state

लघु उद्योगों को तकनीकी से जोड़कर प्रदूषण कम किया जाएगा: डॉ. नवनीत सहगल - अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल

वायु प्रदूषण भी गंभीर समस्या है. लघु उद्योगों को तकनीकी से जोड़कर प्रदूषण कम किया जाएगा. ये बात अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने लखनऊ में बुधवार को एक वर्कशॉप के दौरान कही.

etv bharat
additional chief secretary navneet sehgal
author img

By

Published : Apr 27, 2022, 7:49 PM IST

लखनऊ: लघु उद्योगों को तकनीकी से जोड़कर प्रदूषण को कम किया जाएगा. ये बात अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने लखनऊ में बुधवार को हुई कार्यशाला के दौरान कही. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयां हैं. इनसे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.

डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है. इसका समाधान इकाइयों को प्रदूषण मुक्त बनाकर किया जा सकता है. इसके लिए उद्यमियों को जागरूक करने के साथ ही उनको नई तकनीकों से जोड़ने की जरूरत है. राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.


अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने बुधवार को गोमती नगर के एक निजी होटल में हुई यूपी क्लीन एअर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की 'स्टेक होल्डर्स कन्सल्टेशन' कार्यशाला को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के प्रोजेक्ट्स के जरिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. मौजूदा तकनीक को बदला जाएगा और वायु प्रदूषण को कम किया जाएगा.


अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विश्व बैंक के सहयोग से तैयार की गयी रणनीति मील का पत्थर साबित होगी. मुरादाबाद, अलीगढ़, फिरोजाबाद सहित कई जनपदों में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं. वहां क्लस्टर में उद्यमियों और कारीगरों को प्रदूषण मुक्त सयंत्र लगाने के लिए प्रेरित करने की कार्ययोजना बनाई जाए.

इकाइयों में कोयले के स्थान पर गैस इस्तेमाल करने पर जोर दिया. साथ ही उनको इसके लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता भी दी जानी चाहिए. इस कदम से औद्योगिक इकाइयों से होने वाला वायु प्रदूषण काफी हद तक काम होगा.
ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसाः आशीष मिश्रा के मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को किया केस से अलग, पहले दी थी बेल


विश्वबैंक प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदेश को तकनीकी सहायता देगा. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के जरिए सरकार उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना चाहती है. इससे परिवहन प्रणाली में सुधार होगा और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों का अवसर मिलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: लघु उद्योगों को तकनीकी से जोड़कर प्रदूषण को कम किया जाएगा. ये बात अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने लखनऊ में बुधवार को हुई कार्यशाला के दौरान कही. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयां हैं. इनसे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.

डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है. इसका समाधान इकाइयों को प्रदूषण मुक्त बनाकर किया जा सकता है. इसके लिए उद्यमियों को जागरूक करने के साथ ही उनको नई तकनीकों से जोड़ने की जरूरत है. राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.


अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने बुधवार को गोमती नगर के एक निजी होटल में हुई यूपी क्लीन एअर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की 'स्टेक होल्डर्स कन्सल्टेशन' कार्यशाला को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के प्रोजेक्ट्स के जरिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. मौजूदा तकनीक को बदला जाएगा और वायु प्रदूषण को कम किया जाएगा.


अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विश्व बैंक के सहयोग से तैयार की गयी रणनीति मील का पत्थर साबित होगी. मुरादाबाद, अलीगढ़, फिरोजाबाद सहित कई जनपदों में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं. वहां क्लस्टर में उद्यमियों और कारीगरों को प्रदूषण मुक्त सयंत्र लगाने के लिए प्रेरित करने की कार्ययोजना बनाई जाए.

इकाइयों में कोयले के स्थान पर गैस इस्तेमाल करने पर जोर दिया. साथ ही उनको इसके लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता भी दी जानी चाहिए. इस कदम से औद्योगिक इकाइयों से होने वाला वायु प्रदूषण काफी हद तक काम होगा.
ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसाः आशीष मिश्रा के मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को किया केस से अलग, पहले दी थी बेल


विश्वबैंक प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदेश को तकनीकी सहायता देगा. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के जरिए सरकार उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना चाहती है. इससे परिवहन प्रणाली में सुधार होगा और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों का अवसर मिलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.