लखनऊः राजधानी में फिलहाल हवा की गुणवत्ता में सुधार होना मुश्किल है. बारिश के अभी आसार नहीं हैं. हवा भी धीमी चल रही है. ऐसे में वातावरण में प्रदूषित कण छाए हुए हैं. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मौसम में बदलाव से ही प्रदूषण से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. तेज हवाओं और बारिश से ठंड बढ़ेगी, इसके बाद ही प्रदूषण स्तर में गिरावट आएगी.
शहर में पिछले कई दिनों से छाई धुंध की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है. रविवार को प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन सोमवार को फिर से एक्यूआइ में इजाफा हुआ है. शहर में 24 घंटे बाद फिर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर हो गया है. सोमवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 398 दर्ज किया गया है.
इन शहरों में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद में सबसे अधिक प्रदूषण रहा. यहां एक्यूआइ 438 रिकॉर्ड किया गया, वहीं ग्रेटर नोएडा का एक्यूआइ 422, नोएडा का एक्यूआइ 422 रहा. कानपुर का एक्यूआइ 406 रहा. यहां भी प्रदूषण का प्रकोप लगातार बना हुआ है. बुलंदशहर का एक्यूआइ 417 और दिल्ली का एक्यूआइ 400 दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्द मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है. यह हवा आसमान में एक परत बना लेती है जिसे धरती से उठने वाली धूल, धुआं व गैस इस हवा के आवरण को पार नहीं कर पाती जिससे दूषित वायु निचले स्तर पर ही बनी रहती है. यही कारण है कि सर्द मौसम में प्रदूषण बढ़ जाता है. हालांकि दिन में तेज धूप खिलने पर वातावरण साफ हो जाता है, लेकिन सुबह, शाम व रात को ठंडक बढ़ने पर हवा भी ठंडी हो जाती है और यह ठंडी हवा जमीन से उठने वाले प्रदूषण को आसमान में निकलने से रोक देती है.
अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है, वहीं न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा. यह सामान्य से 3.3 डिग्री अधिक था. राज्य में उत्तरी-पश्चिमी हवा चल रही हैं पहाड़ों की ओर से आ रहीं ये हवा सुबह-शाम ठंड बढ़ा और बढ़ाएगी. राजधानी में दिन में धुंध छायी रही, वहीं शाम से ही कोहरा पड़ने लगा. धुंध के चलते सांस रोगियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों ने मास्क लगाकर ही बाहर निकलने की सलाह दी है. यह प्रदूषण के साथ-साथ कोरोना से भी बचाव करेगा.