लखनऊ : सर्दी में इस समय वायु प्रदूषण स्तर काफी बढ़ा हुआ है. सुबह और रात के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के पार हो जाता है. क्योंकि, इस समय कोहरा भी होता है. ऐसे में प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है. वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण लोग कई बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं. इस मौसम में सबसे ज्यादा समस्या उन मरीजों को होती है जिन्हें सांस संबंधित बीमारी होती है. उसमें अस्थमा के मरीज और हार्ट के मरीज शामिल होते हैं. अधिक सर्दी बढ़ने के कारण मौसम ठंडा रहता है. प्रदूषण स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, जिससे अस्थमा और हार्ट के मरीजों की समस्या बढ़ जाती है.
एक्यूआई गुणवत्ता | |
0-50 | अच्छी |
51-100 | संतोषजनक |
101-200 | मध्यम |
201-300 | खराब |
301-400 | बेहद खराब |
401-500 | खतरनाक |
शहरों का एक्यूआई : सेंट्रल कंट्रोल पॉल्यूशन बोर्ड यानी सीपीसीबी की मंगलवार की दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा का एक्यूआई 338, मेरठ का एक्यूआई 216, गाजियाबाद का एक्यूआई 309, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 335, गोरखपुर का एक्यूआई 86, प्रयागराज का एक्यूआई 113, लखनऊ का एक्यूआई 190, मुरादाबाद का एक्यूआई 144, वृंदावन का एक्यूआई 91, गोरखपुर का एक्यूआई 100, कानपुर का एक्यूआई 136, बरेली का एक्यूआई 102, झांसी का एक्यूआई 121, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 315 और वाराणसी का एक्यूआई 84 रहा.
300 अंक पर हुआ इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर : सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक, तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 284, केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 185, लालबाग का एक्यूआई 280, गोमतीनगर का एक्यूआई 120, अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 102 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 101 है. यह प्रदूषण स्तर मंगलवार दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक है. बीते दिनों सुबह, शाम और रात के समय इंडस्ट्रियल क्षेत्र का एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच गया था.
सर्दी से बचकर रहें : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि 'इस समय प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ रहा है. ऐसे मौसम में लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है. वर्तमान में जो प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है, वह सर्दी बढ़ने के कारण हो रहा है. इंडस्ट्रियल एरिया का हाल बहुत खराब रहता है. सुबह, शाम और रात के समय प्रदूषण स्तर 350 के पार पहुंच जाता है, जोकि खतरनाक स्टेज में आता है. इसके अलावा दोपहर के समय में प्रदूषण स्तर 100 से लेकर 200 के बीच में निम्नवत बना रहता है. इसलिए जिस समय प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है यानी सुबह, शाम और रात के समय अधिक बाहर न निकलें. सर्दी से बच के रहें.'
मरीजों की संख्या बढ़ी : सिविल अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक, 'इस समय अस्पताल की ओपीडी में अस्थमा से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. रोजाना नॉर्मल दिनों में जो ओपीडी 100 से 150 मरीज की चलती थी, वह बढ़कर के करीब 250 से 300 पहुंच रही है.' इसके अलावा नेत्र रोग विभाग के डॉ. प्रेम दूबे ने बताया कि 'इस समय प्रदूषण के चलते आंखों में जलन के मामले अधिक हैं. मरीजों की शिकायत होती है कि उनकी आंखों में बहुत जलन हो रही है. इरिटेशन हो रही है. इसके अलावा आंखें लाल हो जा रही हैं. यह सब लक्षण जब लोग बाहर निकलते हैं और प्रदूषण के कण आंखों में जाते हैं तब यह समस्याएं शुरू होती हैं. इन दिनों 30 फीसदी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है.'