लखनऊ: देश भर के मुसलमानों का वोट एकजुट करने के लिए अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से अब पॉलिटिकल विंग बनाने की बात चल रही हैं. इस विंग का मकसद मुसलमानों के बंटे वोट को एक प्लेटफॉर्म पर लाना है. विंग का मकसद उस सियासी पार्टी को जिताना होगा जो सियासत न करके मुसलमानों के मुद्दों को हल करने और मुसलमानों को रोजगार और शिक्षा से जोड़ने का बीड़ा उठाएगी. जिस पर अब मुस्लिम धर्मगुरुओं का भी बयान सामने आया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि मुसलमानों का वोट एकजुट तभी हो सकता है जब मुसलमानों का नेतृत्व करने वाले एकजुट होंगे.
मुसलमानों का नेतृत्व करने वाले हों एकजुट
लखनऊ की अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हसन सिद्दीकी ने एक ऐसा पॉलिटिकल विंग बनाने की बात कही है जिसके माध्यम से देश भर के मुसलमानों को एकजुट करना होगा. मुसलमानों का वोट किसी ऐसी सियासी पार्टी को देना होगा, जो मुसलमानों के मुद्दों पर खुलकर सामने आए. जिसको लेकर इमरान हसन सिद्दीकी ने मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा के अलावा देश के नामचीन धर्मगुरुओं से भी मुलाकात करने की बात कही है. जिस पर अब शिया सुन्नी धर्म गुरुओं के भी बयान सामने आने लगे हैं.
नेतृत्व को भी करना होगा एकजुट
ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष और धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का भी इस मामले में बयान सामने आया है. मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि मुसलमान हमेशा से इस देश में एकजुट होकर रहते हैं. लेकिन अफसोस की बात है कि मुसलमानों का नेतृत्व करने का दावा करने वाले लोग ही एकजुट नहीं हैं. अगर मुसलमानों का नेतृत्व करने वाले लोग एकजुट होंगे तो मुसलमानों का वोट भी एकजुट होगा.
'दलितों से लेनी चाहिए सीख'
मौलाना सैफ अब्बास ने दलित समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि मुसलमानों को दलितों से सीख लेनी चाहिए. क्योंकि कल तक दलितों को पिछड़ा समझने वाली सियासी पार्टियां मौजूदा दौर की सियासत में दलितों का वोट हासिल करने के लिए दलित समाज के उत्थान के लिए तमाम तरह के वादे करते हैं क्योंकि दलित समाज का नेतृत्व करने वाला एक मजबूत शख्स था. लिहाजा मुसलमानों को भी अपने नेतृत्व को मजबूत करना होगा.
सेकुलरिज्म का दामन पकड़कर आगे बढ़ना चाहिए
ईदगाह के इमाम और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली का भी बयान सामने आया है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि हमारे बुजुर्गों का हमेशा से मानना रहा है और उसी पर हम लोग भी अमल कर रहे हैं कि हमारा मुल्क एक सेकुलर मुल्क है. एक सेकुलर मुल्क में किसी भी धर्म या कौम को लेकर सियासत करना सही नहीं है. जब भी धर्म की बुनियाद पर सियासत की गई है उसका नुकसान मुल्कों को हुआ है. इसलिए हम सब को सेकुलरिज्म का दामन पकड़ कर मजबूती के साथ देश की तरक्की के लिए मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिए.
गौरतलब है कि मुसलमानों को लेकर देश-प्रदेश में इन दिनों खूब सियासत देखने को मिल रही है. जिस पर अब एक ऐसा पॉलिटिकल मुस्लिम विंग बनाने की बात चल रही है, जिसके माध्यम से देश में मुसलमानों की सभी संस्थाओं को और धर्म गुरुओं को एक प्लेटफार्म पर लाया जा सके. देखने वाली यह दिलचस्प बात होगी कि इस पोलिटिकल विंग का नेतृत्व कौन करता है.