लखनऊ : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हमेशा समाजवाद की राजनीति की. 1990 में अयोध्या गोलीकांड के लिए आलोचनाओं के बावजूद यूपी की पिछड़ी जातियों में उनकी जबर्दस्त पकड़ थी. मुस्लिम वोटरों में वह काफी लोकप्रिय थे. 1996 में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. 1996 के आम चुनाव में सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने अल्पमत की सरकार बनाई. 161 सांसद का नेतृत्व कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 13 दिनों में गिर गई. फिर 192 सांसद वाले संयुक्त मोर्चा ने सरकार गठन का दावा किया. 140 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने संयुक्त मोर्चा को समर्थन देने का वादा किया था.
योगेश मिश्र बताते हैं कि यह मौका था, जब मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री बनने वाले थे. संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई तो हरिकिशन सुरजीत ने मुलायम सिंह यादव को पीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था. बिहार के नेता लालू सिंह यादव और शरद यादव नहीं चाहते थे कि मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री बनें. ऐसे में लालू सिंह यादव ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री का टेन्योर है, हम लोगों को मुलायम सिंह यादव जैसे बड़े नेता को इस कम समय के लिए खर्च नहीं करना चाहिए. लिहाजा कोई अन्य नेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए.
राम मनोहर लोहिया से प्रभावित थे मुलायम: मुलायम सिंह यादव समाजवादी आदर्श डॉ. राम मनोहर लोहिया की विचारधाराओं और सिद्धांतों से प्रभावित रहे. जब उनके पहले गुरु नत्थू सिंह ने उनकी राजनीति में एंट्री कराई तो वह अन्य समाजवादी नेताओं के करीब होते गए. समाजवादी विचारधारा के नेता मधु लिमये, राम सेवक यादव, कर्पूरी ठाकुर, जनेश्वर मिश्रा और राज नारायण जैसे लोगों के संपर्क में आए. भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह और चंद्रशेखर के भी मुलायम सिंह यादव काफी करीबी रहे.
हनुमानजी के भक्त थे मुलायम : मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे योगेश मिश्रा ने बताया कि मुलायम सिंह यादव हनुमान भक्त रहे हैं. जब भी कोई काम की शुरुआत की तो हनुमान जी की पूजा करने के बाद ही की. उनके सैफई के घर के सामने भी हनुमान मंदिर था, जहां वह पूजा पाठ करते रहे हैं. जब भी घर से निकलते थे तो दर्शन करके ही निकलते थे.
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