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सेना में भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा, आरोपियों को पुलिस ने छोड़ा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सेना में भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद आरोपियों को सेना के जवानों ने पुलिस को सौंप दिया. आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया.

fraud in name of army recruitment in luknow
सेना में भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा.
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Published : Apr 15, 2021, 2:59 AM IST

लखनऊ : खुद को सैन्य डॉक्टर बताकर फर्जी दस्तावेज से बेरोजगार युवकों को ठग रहे तीन जालसाजों को सेना के जवानों ने पकड़ कर कैंट पुलिस के हवाले कर दिया. लेकिन पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई के जालसाज और तीनों पीड़ितों को जाने दिया. घटना कैंट थाना क्षेत्र की है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी कुमार व कौशल और चम्बा निवासी ठाकुर को सेना में भर्ती होने का झांसा एक रेलकर्मी ने दिया था. पीड़ितों का आरोप है कि रेल कर्मी ने बताया था कि उसकी पहचान सेना के अफसरों से है. वह मेडिकल पास कराने सहित ज्वॉइनिंग कराने के दस्तावेज बनवाएगा. इसके लिए प्रति उम्मीदवार छह लाख रुपये लगेंगे. वह तीनों को लेकर कैंट आया. यहां उसने सेना की एएडी कोर से सेवानिवृत्त पूर्व सैनिक से तीनों की मुलाकात कराई. उसने खुद को भर्ती मेडिकल बोर्ड का अफसर बताया और कैंट के सुनसान जंगल ले जाकर तीनों के मेडिकल की कार्रवाई पूरी की. उसने सेना भर्ती कार्यालय लखनऊ की फर्जी मुहर लगा मेडिकल सर्टिफिकेट दे दिया. वहीं पीड़ित और उसके दोनों दोस्तों ने 15-15 हजार रुपये उसके के खाते में जमा करा दिए. इस बीच जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पूछताछ शुरू हुई.

ये भी पढ़ें: सावधान! लखनऊ में ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय

पुलिसिया सूत्रों की मानें तो मामला खुलने पर सेना ने कैंट पुलिस को उनको सौंप दिया. तीनों शिकायतकर्ता के बयान दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे आरोप पुलिस पर लगे हैं. इंस्पेक्टर नीलम राणा ने जांच कर सही जानकारी देने की बात कही है.

लखनऊ : खुद को सैन्य डॉक्टर बताकर फर्जी दस्तावेज से बेरोजगार युवकों को ठग रहे तीन जालसाजों को सेना के जवानों ने पकड़ कर कैंट पुलिस के हवाले कर दिया. लेकिन पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई के जालसाज और तीनों पीड़ितों को जाने दिया. घटना कैंट थाना क्षेत्र की है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी कुमार व कौशल और चम्बा निवासी ठाकुर को सेना में भर्ती होने का झांसा एक रेलकर्मी ने दिया था. पीड़ितों का आरोप है कि रेल कर्मी ने बताया था कि उसकी पहचान सेना के अफसरों से है. वह मेडिकल पास कराने सहित ज्वॉइनिंग कराने के दस्तावेज बनवाएगा. इसके लिए प्रति उम्मीदवार छह लाख रुपये लगेंगे. वह तीनों को लेकर कैंट आया. यहां उसने सेना की एएडी कोर से सेवानिवृत्त पूर्व सैनिक से तीनों की मुलाकात कराई. उसने खुद को भर्ती मेडिकल बोर्ड का अफसर बताया और कैंट के सुनसान जंगल ले जाकर तीनों के मेडिकल की कार्रवाई पूरी की. उसने सेना भर्ती कार्यालय लखनऊ की फर्जी मुहर लगा मेडिकल सर्टिफिकेट दे दिया. वहीं पीड़ित और उसके दोनों दोस्तों ने 15-15 हजार रुपये उसके के खाते में जमा करा दिए. इस बीच जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पूछताछ शुरू हुई.

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पुलिसिया सूत्रों की मानें तो मामला खुलने पर सेना ने कैंट पुलिस को उनको सौंप दिया. तीनों शिकायतकर्ता के बयान दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे आरोप पुलिस पर लगे हैं. इंस्पेक्टर नीलम राणा ने जांच कर सही जानकारी देने की बात कही है.

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