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शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी, 'लखनऊ हम पर फिदा, हम फिदा-ए-लखनऊ...'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में वर्चुअल संबोधन किया. इस दौरान पीएम ने टैगोर लाइब्रेरी के साथ कैंटीन की चाय, समोसे और बन्द मक्खन का स्वाद भी छात्र-छात्राओं को याद दिलाया.

पीएम मोदी के संबोधन को छात्र-छात्राओं ने सराहा.
पीएम मोदी के संबोधन को छात्र-छात्राओं ने सराहा.
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Published : Nov 26, 2020, 2:56 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 1:56 PM IST

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 100वें स्थापना दिवस पर वर्चुअल संबोधन के दौरान जैसे ही 'लखनऊ हम पर फ़िदा और हम फिदा-ए-लखनऊ' कहा, ग्राउंड में बैठे लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने टैगोर लाइब्रेरी का जिक्र करते हुए कैंटीन के चाय, समोसे और बन्द मक्खन का स्वाद छात्र-छात्राओं को याद दिलाया. पीएम मोदी के संबोधन की चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री को सुनकर ऐसा लगा मानो वह इसी कैंपस से जुड़े रहे हों.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने किया संबोधित.
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े थे. इस दौरान उन्होंने युवाओं से मन की बात कही, जिसे छात्र-छात्राओं ने खूब सराहा. पीएम मोदी ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर-1 पर पीपल के पेड़ का जिक्र करते हुए उसे विवि के 100 वर्ष का साक्षी बताया. उन्होंने छात्र जीवन पर बात करते हुए कैंटीन के चाय, समोसा और बन्द मक्खन का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का मिजाज अभी भी लखनवी है.

खुद के लिए समय निकालना बहुत जरूरी
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि अपनी मस्ती में रहकर भी खुद को समय जरूर दें. क्योंकि आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट उनका समय छीनते जा रहे हैं, लेकिन अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंप रखी है, जिससे समय नहीं मिल पाता है. वरना साल में चार-पांच दिन एकांत में जाया करता था, जहां केवल पीने के लिए पानी हो. वहां मैं खुद से ही बातें करता था. आप लोग भी खुद से बातें करें और खुद को जानें. नकारात्मक लोगों की बातें न सुनें.

ऐसा लगा जैसे पीएम मोदी हमारे कैंपस के ही हों
संस्कृत के विद्यार्थी मोहम्मद अब्बास ने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी को सुनकर बहुत अच्छा लगा. उन्होंने सकारात्मक संदेश दिया है. उनको सुनकर ऐसा लगा जैसे वह इसी कैंपस के हैं. हालांकि प्रधानमंत्री को कॉलेज में सुनना बहुत अच्छी बात थी. हमारे लिए यह यादगार पल रहेगा. प्रधानमंत्री ने जो बातें कहीं उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प लिया है.

पीएम के विचार आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण
बीए की छात्रा अनुपमा ने बताया कि पीएम को सुनने के लिए काफी उत्साह था. उन्होंने अलग-अलग विषयों में अपने विचार रखे, जो कि हमारे लिए आगे बढ़ने और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. जैसे नई शिक्षा नीति मंथन और विचार करने की बात कही है. इसके अलावा अपने ऊपर ध्यान और लक्ष्य केंद्रित करने की भी बात कही है.

प्रधानमंत्री को सुनकर पॉजिटिव महसूस हो रहा है
छात्र प्रमोद ने बताया कि शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनकर पॉजिटिव महसूस हो रहा है. जो कि मेरे भविष्य के निर्माण में सहायक होगी. आस-पास बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो नेगेटिव बातें करते रहते हैं. हमें ऐसी सोच वाले लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए.

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 100वें स्थापना दिवस पर वर्चुअल संबोधन के दौरान जैसे ही 'लखनऊ हम पर फ़िदा और हम फिदा-ए-लखनऊ' कहा, ग्राउंड में बैठे लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने टैगोर लाइब्रेरी का जिक्र करते हुए कैंटीन के चाय, समोसे और बन्द मक्खन का स्वाद छात्र-छात्राओं को याद दिलाया. पीएम मोदी के संबोधन की चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री को सुनकर ऐसा लगा मानो वह इसी कैंपस से जुड़े रहे हों.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने किया संबोधित.
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े थे. इस दौरान उन्होंने युवाओं से मन की बात कही, जिसे छात्र-छात्राओं ने खूब सराहा. पीएम मोदी ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर-1 पर पीपल के पेड़ का जिक्र करते हुए उसे विवि के 100 वर्ष का साक्षी बताया. उन्होंने छात्र जीवन पर बात करते हुए कैंटीन के चाय, समोसा और बन्द मक्खन का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का मिजाज अभी भी लखनवी है.

खुद के लिए समय निकालना बहुत जरूरी
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि अपनी मस्ती में रहकर भी खुद को समय जरूर दें. क्योंकि आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट उनका समय छीनते जा रहे हैं, लेकिन अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंप रखी है, जिससे समय नहीं मिल पाता है. वरना साल में चार-पांच दिन एकांत में जाया करता था, जहां केवल पीने के लिए पानी हो. वहां मैं खुद से ही बातें करता था. आप लोग भी खुद से बातें करें और खुद को जानें. नकारात्मक लोगों की बातें न सुनें.

ऐसा लगा जैसे पीएम मोदी हमारे कैंपस के ही हों
संस्कृत के विद्यार्थी मोहम्मद अब्बास ने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी को सुनकर बहुत अच्छा लगा. उन्होंने सकारात्मक संदेश दिया है. उनको सुनकर ऐसा लगा जैसे वह इसी कैंपस के हैं. हालांकि प्रधानमंत्री को कॉलेज में सुनना बहुत अच्छी बात थी. हमारे लिए यह यादगार पल रहेगा. प्रधानमंत्री ने जो बातें कहीं उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प लिया है.

पीएम के विचार आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण
बीए की छात्रा अनुपमा ने बताया कि पीएम को सुनने के लिए काफी उत्साह था. उन्होंने अलग-अलग विषयों में अपने विचार रखे, जो कि हमारे लिए आगे बढ़ने और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. जैसे नई शिक्षा नीति मंथन और विचार करने की बात कही है. इसके अलावा अपने ऊपर ध्यान और लक्ष्य केंद्रित करने की भी बात कही है.

प्रधानमंत्री को सुनकर पॉजिटिव महसूस हो रहा है
छात्र प्रमोद ने बताया कि शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनकर पॉजिटिव महसूस हो रहा है. जो कि मेरे भविष्य के निर्माण में सहायक होगी. आस-पास बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो नेगेटिव बातें करते रहते हैं. हमें ऐसी सोच वाले लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए.

Last Updated : Nov 26, 2020, 1:56 PM IST
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