लखनऊ : लविवि (Lucknow University) के भौतिकी विभाग के प्रस्ताव को डीएसटी-फिस्ट सलाहकार बोर्ड द्वारा अनुशंसित किया गया है. विभाग को पांच साल की अवधि के लिए दो करोड़ की राशि दी गयी है. पिछली बार विभाग को 19 लाख रुपये की डीएसटी-एफआईएसटी सहायता वर्ष 2003-08 में मिली थी. 4 अक्टूबर, 2022 को आईआईटी मुंबई में विशेषज्ञ समिति के समक्ष इस परियोजना के लिए प्रस्तुति दी गयी थी. विभाग को मुख्य रूप से विभाग में अनुसंधान सुविधाओं को मजबूत करने के लिए परियोजना से सम्मानित किया गया है.
परियोजना में एनालिटिकल स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के लिए 14 लाख रुपये और थ्रोमोग्रैविमेट्रिक एनालाइजर के लिए 40 लाख रुपये शामिल हैं. 20 लाख रुपये की राशि रखरखाव आदि के लिए है. यह मौद्रिक सहायता विभाग में पहले से ही प्रगतिशील अनुसंधान और शोध के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का कार्य करेगी. यह जानकारी लविवि के कुलपति प्रों आलोक कुमार राय ने दी.
एनालिटिकल स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप : एसईएम विभिन्न सामग्रियों की सर्फेस मॉर्फोलॉजी और मौलिक वितरण का मूल्यांकन करने के लिए एक आवश्यक उपकरण है. इसके अलावा, एसईएम की लक्षण वर्णन और विश्लेषणात्मक क्षमताएं मैटेरियल साइंसेज में अनुसंधान के विभिन्न डोमेन के लिए आवश्यक और मौलिक उपकरण हैं.
थर्मोग्रैविमेट्रिक एनालाइजर : यह 1600 डिग्री सेल्सियस तक के सैंपल्स का विश्लेषण करने की क्षमता के साथ एक कॉम्पैक्ट हाई टेंपरेचर सिमलटेनियस थर्मल विश्लेषक है. दोहरे पैन दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए यह एक नियंत्रित वातावरण में सैंपल्स की एक शृंखला पर सटीक वेट लॉस और डिफरेंशियल थर्मल डेटा प्रदान करता है. यह समर्पित सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित एक ही सैंपल पर एक साथ थर्मोग्रैविमेट्रिक और डिफरेंशियल थर्मल विश्लेषण करने की क्षमता रखता है.
लविवि और ट्यूनीशिया की यूनिवर्सिटी साथ करेंगी शोध : ट्यूनीशिया की यूनिवर्सिटी की भौतिक विज्ञान की प्रो. बौथिना केरकेनी लखनऊ विश्वविद्यालय आई हुई हैं. उन्होंने भविष्य के लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू साझा अनुसंधान एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के साथ शिष्टाचार भेंट की. प्रो. केरकेनी ने बताया कि उनके आने का मुख्य उद्देश्य प्रो. पूनम टंडन और डॉ. अलका मिश्रा के साथ साझा अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देना था, जिससे विज्ञान की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों पर मिलकर काम किया जा सके. प्रो. केरकेनी ने बताया कि कुलपति के साथ बातचीत में ट्यूनीशिया और भारत के बीच छात्रों के आदान-प्रदान पर भी चर्चा हुई. उन्होंने भौतिक विज्ञान विभाग के अन्य सदस्यों से भी साझा शैक्षणिक गतिविधियों पर चर्चा की, जिनमे प्रो. अमृतांशु शुक्ल और डॉ. विवेक कुमार सिंह भी शामिल रहे.
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