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तिरुपति लड्डू में मिलावट: मुद्दे के समाधान के लिए पैनल गठित किया जाएगा: टीटीडी EO - tirupati laddu adulteration

Tirupati Laddu Adulteration, तिरुमाला श्रीवारी महाप्रसादम लड्डू में मिलावट के मुद्दे पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने कहा है कि इस मुद्द के समाधान के लिए पैनल गठित किया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

TTF Executive Officer Shyamala Rao addresses the media in Tirumala on Friday (Inset) Lab report confirming the traces of animal fat in ghee and laddus
टीटीएफ के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव तिरुमाला में मीडिया से बात करते हुए (इनसेट) लैब रिपोर्ट में घी और लड्डुओं में पशु चर्बी के अंश की पुष्टि की गई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2024, 9:40 PM IST

तिरुमाला (तिरुपति): तिरुमाला श्रीवारी महाप्रसादम लड्डू में मिलावट के मुद्दे ने देश भर में काफी चिंता पैदा कर दी है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने प्रसिद्ध लड्डुओं की गुणवत्ता के बारे में बढ़ती शिकायतों पर प्रतिक्रिया दी है. श्यामला राव ने बताया कि टीटीडी कर्मचारियों ने भी लड्डुओं की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त किया तथा इस बात पर बल दिया कि मिठाई के मानक को बनाए रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला घी जरूरी है. उन्होंने बताया कि इन निष्कर्षों के मद्देनजर टीटीडी ने सुधारात्मक उपाय शुरू कर दिए हैं तथा इस मुद्दे के समाधान और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक समिति का गठन किया है. राव ने कहा कि टीटीडी के इतिहास में यह पहली बार है कि घी में मिलावट की जांच की गई है.

उन्होंने कहा, 'हमने आपूर्तिकर्ता को बताया कि इस्तेमाल किया जा रहा घी घटिया गुणवत्ता का है.' एक स्पष्ट आकलन में, श्यामला राव ने टीटीडी में घी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए एक समर्पित प्रयोगशाला की अनुपस्थिति को स्वीकार किया, तथा कहा कि पिछली गुणवत्ता जांच बाहरी लैब पर निर्भर थी. उन्होंने कहा कि एक किलोग्राम घी 411 रुपये की बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराया गया, जिससे उस दर पर गुणवत्ता सुनिश्चित करना असंभव हो गया. उन्होंने कहा कि हमारी चेतावनियों के बाद आपूर्तिकर्ताओं ने सुधार करना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा कि स्थिति तब बिगड़ गई जब टीटीडी ने 6 जुलाई को गुणवत्ता विश्लेषण के लिए घी के नमूने 10 प्रयोगशालाओं में भेजे. इसमें गुजरात के आणंद का राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) भी शामिल था. प्रारंभिक रिपोर्टों में भारी मिलावट का संकेत मिला, जिसमें पाया गया कि घी को गुणवत्ता पैमाने पर 100 में से केवल 20 अंक मिले. उन्होंने कहा कि एनडीडीबी ने पुष्टि की है कि तमिलनाडु के एआर फूड्स द्वारा आपूर्ति किए गए घी में पशु चर्बी मिलाई गई थी.

ये भी पढ़ें - 3 लाख लड्डू, 500 करोड़ रुपये की बिक्री, जानें कितना पुराना है तिरुपति में 'लड्डू' बांटने का इतिहास

तिरुमाला (तिरुपति): तिरुमाला श्रीवारी महाप्रसादम लड्डू में मिलावट के मुद्दे ने देश भर में काफी चिंता पैदा कर दी है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने प्रसिद्ध लड्डुओं की गुणवत्ता के बारे में बढ़ती शिकायतों पर प्रतिक्रिया दी है. श्यामला राव ने बताया कि टीटीडी कर्मचारियों ने भी लड्डुओं की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त किया तथा इस बात पर बल दिया कि मिठाई के मानक को बनाए रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला घी जरूरी है. उन्होंने बताया कि इन निष्कर्षों के मद्देनजर टीटीडी ने सुधारात्मक उपाय शुरू कर दिए हैं तथा इस मुद्दे के समाधान और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक समिति का गठन किया है. राव ने कहा कि टीटीडी के इतिहास में यह पहली बार है कि घी में मिलावट की जांच की गई है.

उन्होंने कहा, 'हमने आपूर्तिकर्ता को बताया कि इस्तेमाल किया जा रहा घी घटिया गुणवत्ता का है.' एक स्पष्ट आकलन में, श्यामला राव ने टीटीडी में घी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए एक समर्पित प्रयोगशाला की अनुपस्थिति को स्वीकार किया, तथा कहा कि पिछली गुणवत्ता जांच बाहरी लैब पर निर्भर थी. उन्होंने कहा कि एक किलोग्राम घी 411 रुपये की बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराया गया, जिससे उस दर पर गुणवत्ता सुनिश्चित करना असंभव हो गया. उन्होंने कहा कि हमारी चेतावनियों के बाद आपूर्तिकर्ताओं ने सुधार करना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा कि स्थिति तब बिगड़ गई जब टीटीडी ने 6 जुलाई को गुणवत्ता विश्लेषण के लिए घी के नमूने 10 प्रयोगशालाओं में भेजे. इसमें गुजरात के आणंद का राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) भी शामिल था. प्रारंभिक रिपोर्टों में भारी मिलावट का संकेत मिला, जिसमें पाया गया कि घी को गुणवत्ता पैमाने पर 100 में से केवल 20 अंक मिले. उन्होंने कहा कि एनडीडीबी ने पुष्टि की है कि तमिलनाडु के एआर फूड्स द्वारा आपूर्ति किए गए घी में पशु चर्बी मिलाई गई थी.

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