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पीजीआई के डॉक्टरों ने 90 वर्षीय महिला के पेट से निकाला ट्यूमर, ऑपरेशन में यह था बड़ा जोखिम

लखनऊ पीजीआई के डाॅक्टरों की टीम ने एक 90 वर्षीय महिला के पेट का ऑपरेशन करके पांच किलोग्राम का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है. डाॅक्टरों को कहना है कि वृद्धावस्था को देखते हुए यह ऑपरेशन काफी जटिल और जोखिम भरा था, लेकिन डाॅक्टरों की मेहनत रंग लाई.

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Published : Dec 24, 2022, 11:22 PM IST

लखनऊ : राजधानी के एक गांव की रहने वाली 90 वर्षीय महिला पिछले कई महीनों से पेट में दर्द और सूजन से परेशान थी. दो हफ्ते पहले पीजीआई के गाइनी विभाग की डॉक्टर अंजू रानी (Dr. Anju Rani) की ओपीडी में परामर्श के लिए आई थी. जांच करने पर पता चला कि उनका अंडाशय बढ़ा है. इसमें करीब 5 किलोग्राम और 20 सेमी व्यास का ट्यूमर है. इस तरह की बीमारी के लिए सर्जरी ही निश्चित उपाय है. रिश्तेदारों को सर्जरी के बारे में बताया गया. परिवार को एनेस्थीसिया और सर्जरी के जोखिम के बारे में समझाने के बाद सर्जरी की गई. डाॅक्टरों के अनुसार सर्जरी में एक बड़ी चुनौती एनेस्थीसिया भी थी. फिलहाल सर्जरी के बाद महिला की हालत बेहतर है.

डॉक्टर अंजू रानी (Dr Anju Rani ) ने बताया कि महिला की उम्र 90 वर्ष की थी. इसमें ऑपरेशन करना काफी मुश्किल (very difficult to operate) था, लेकिन कई घंटों के ऑपरेशन कर 5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला गया (tumor removed) है. डॉक्टर अंजू रानी के मुताबिक (According to Dr. Anju Rani) महिला के पेट में कई महीने से दर्द और सूजन की दिक्कत थी. वह कई महीनों से घरेलू इलाज कर रही थी. उसे चलने में भी काफी परेशानी हो रही थी. स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था. वह दो हफ्ते पहले इलाज कराने पहुंची तो जांच में ट्यूमर की पुष्टि हुई.

डॉ अंजू ने बताया (Dr. Anju told) कि डॉक्टर अमित रस्तोगी, डॉक्टर शालिनी, डॉक्टर रूबी आर सिंह (Dr. Amit Rastogi, Dr. Shalini, Dr. Ruby R. Singh) की टीम ने यह ऑपरेशन किया इस ऑपरेशन में करीब 35 हज़ार रुपए का खर्च आया. जबकि निजी अस्पतालों में ऐसी सर्जरी में इसका दोगुना से ज्यादा खर्च होता है. ऑपरेशन के सातवें दिन महिला को बिना किसी परेशानी के छुट्टी दे दी गई है.

लखनऊ : राजधानी के एक गांव की रहने वाली 90 वर्षीय महिला पिछले कई महीनों से पेट में दर्द और सूजन से परेशान थी. दो हफ्ते पहले पीजीआई के गाइनी विभाग की डॉक्टर अंजू रानी (Dr. Anju Rani) की ओपीडी में परामर्श के लिए आई थी. जांच करने पर पता चला कि उनका अंडाशय बढ़ा है. इसमें करीब 5 किलोग्राम और 20 सेमी व्यास का ट्यूमर है. इस तरह की बीमारी के लिए सर्जरी ही निश्चित उपाय है. रिश्तेदारों को सर्जरी के बारे में बताया गया. परिवार को एनेस्थीसिया और सर्जरी के जोखिम के बारे में समझाने के बाद सर्जरी की गई. डाॅक्टरों के अनुसार सर्जरी में एक बड़ी चुनौती एनेस्थीसिया भी थी. फिलहाल सर्जरी के बाद महिला की हालत बेहतर है.

डॉक्टर अंजू रानी (Dr Anju Rani ) ने बताया कि महिला की उम्र 90 वर्ष की थी. इसमें ऑपरेशन करना काफी मुश्किल (very difficult to operate) था, लेकिन कई घंटों के ऑपरेशन कर 5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला गया (tumor removed) है. डॉक्टर अंजू रानी के मुताबिक (According to Dr. Anju Rani) महिला के पेट में कई महीने से दर्द और सूजन की दिक्कत थी. वह कई महीनों से घरेलू इलाज कर रही थी. उसे चलने में भी काफी परेशानी हो रही थी. स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था. वह दो हफ्ते पहले इलाज कराने पहुंची तो जांच में ट्यूमर की पुष्टि हुई.

डॉ अंजू ने बताया (Dr. Anju told) कि डॉक्टर अमित रस्तोगी, डॉक्टर शालिनी, डॉक्टर रूबी आर सिंह (Dr. Amit Rastogi, Dr. Shalini, Dr. Ruby R. Singh) की टीम ने यह ऑपरेशन किया इस ऑपरेशन में करीब 35 हज़ार रुपए का खर्च आया. जबकि निजी अस्पतालों में ऐसी सर्जरी में इसका दोगुना से ज्यादा खर्च होता है. ऑपरेशन के सातवें दिन महिला को बिना किसी परेशानी के छुट्टी दे दी गई है.

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