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जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों को सीधे जनता द्वारा चुने जाने की मांग वाली याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों को सीधे जनता द्वारा निर्वाचित किए जाने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि याचिका दाखिल करने का कोई आधार नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 26, 2021, 10:44 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों को सीधे जनता द्वारा निर्वाचित किए जाने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने शिव कुमार त्रिपाठी की जनहित याचिका पर पारित किया.

याची ने यूपी क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत अधिनियम की धारा 7, 9 और 19 को चुनौती देते हुए दलील दी थी कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने का आदेश सरकार को दिया जाए. याची ने पंचायत अधिनियम की उक्त तीन धाराओं को रद् किए जाने की भी मांग की थी. याचिका में म्युन्सिपालिटीज एक्ट और महानगर पालिका एक्ट के तहत चेयरमैन और मेयर के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि उक्त पदों का चुनाव जनता द्वारा सीधे किया जाता है. हालांकि न्यायालय याची की दलीलों से सहमत नहीं हुई.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी मस्जिद गिराने का मामला : हाई कोर्ट ने दूसरी अवमानना अर्जी सुनने से किया इनकार

न्यायालय ने कहा कि पंचायत चुनावों और म्युन्सिपालिटी चुनावों में क्या समानता है यह याची नहीं बता सका है. इसके अलावा म्युन्सिपालिटीज एक्ट के तहत पंचायत चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं. न्यायालय ने कहा कि याची यह भी नहीं बता सका है कि धारा 7, 9 और 19 संविधान के किस प्रावधान का उल्लंघन करते हैं. न्यायालय ने कहा कि याचिका दाखिल करने का कोई आधार नहीं है, जबकि हाल ही में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं.

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों को सीधे जनता द्वारा निर्वाचित किए जाने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने शिव कुमार त्रिपाठी की जनहित याचिका पर पारित किया.

याची ने यूपी क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत अधिनियम की धारा 7, 9 और 19 को चुनौती देते हुए दलील दी थी कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने का आदेश सरकार को दिया जाए. याची ने पंचायत अधिनियम की उक्त तीन धाराओं को रद् किए जाने की भी मांग की थी. याचिका में म्युन्सिपालिटीज एक्ट और महानगर पालिका एक्ट के तहत चेयरमैन और मेयर के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि उक्त पदों का चुनाव जनता द्वारा सीधे किया जाता है. हालांकि न्यायालय याची की दलीलों से सहमत नहीं हुई.

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न्यायालय ने कहा कि पंचायत चुनावों और म्युन्सिपालिटी चुनावों में क्या समानता है यह याची नहीं बता सका है. इसके अलावा म्युन्सिपालिटीज एक्ट के तहत पंचायत चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं. न्यायालय ने कहा कि याची यह भी नहीं बता सका है कि धारा 7, 9 और 19 संविधान के किस प्रावधान का उल्लंघन करते हैं. न्यायालय ने कहा कि याचिका दाखिल करने का कोई आधार नहीं है, जबकि हाल ही में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं.

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