लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब गाड़ी खरीदने के साथ ही रजिस्ट्रेशन नंबर आपको मिल जाएगा. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अस्थायी पंजीयन व्यवस्था को समाप्त करते हुए नए वाहनों को खरीदने के समय ही स्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर देने की सुविधा देने का फैसला किया है. गाड़ी खरीदने के बाद अब अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लेना पड़ेगा.
एनआईसी के सॉफ्टवेयर में बदलाव के निर्देश
केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय की तरफ से यह व्यवस्था शुरू किए जाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. पूरी प्रक्रिया को एनआईसी से अपडेट भी किया जा रहा है. अप्रैल के आखिरी तक नए वाहन खरीदने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन नंबर साथ में ही मिलेगा.
परिवहन आयुक्त ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने एनआईसी से पोर्टल में आवश्यक बदलाव करने को कहा है. इस बदलाव से परिवहन विभाग के नियमों के अंतर्गत नियम 23 के तहत वाहन स्वामी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में पंजीयन चिह्न मिलेगा. इस पूरे मामले में बकायदा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
अभी तक है यह व्यवस्था
परिवहन विभाग में अभी तक नई गाड़ी खरीदने पर अस्थायी नंबर दिए जाने की व्यवस्था रही है. अगर किसी जिले में कोई व्यक्ति नई गाड़ी खरीद रहा है और वह किसी दूसरे जिले का निवासी है तो उसे अस्थायी पंजीयन कराना होता है. इसकी अवधि करीब एक माह की रहती है. वहीं इसके बाद गाड़ी मालिक को अपने जिले के परिवहन कार्यालय से स्थायी रजिस्ट्रेशन लेना पड़ता है. गाड़ी मालिक संबंधित जिले से एनओसी लेकर दोबारा स्थायी पंजीयन नंबर प्राप्त कर लेता है. नई व्यवस्था के तहत अब भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय की तरफ से स्थायी नंबर लिए जाने की व्यवस्था शुरू होगी.
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गाड़ी खरीदने वाले लोगों को नहीं होना पड़ेगा परेशान
नई व्यवस्था के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन नंबर नई गाड़ी खरीदते समय गाड़ी मालिक को मिल जाएगा. इस व्यवस्था से वाहन स्वामी को एक जिले से दूसरे जिले में बेवजह परेशान नहीं होना पड़ेगा. ऐसे में गाड़ी खरीदने वाला व्यक्ति बार-बार परिवहन कार्यालयों और डीलर के चक्कर नहीं लगाएगा. प्रदेश के विभिन्न जिलों में खरीदे जाने वाले वाहनों में यह व्यवस्था बदली जा रही है.
जल्द शुरू होगी सुविधा
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि स्थायी पंजीयन नंबर मिलने की व्यवस्था शुरू होने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है. अब उसे उत्तर प्रदेश में लागू करने को लेकर निर्देश दिए गए हैं. एनआईसी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी बदलाव कराया जा रहा है. इसे जल्द शुरू कराने की कोशिश की जा रही है.