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युवक को पीटा तो लोगों ने चौकी पर किया पथराव, यह है मामला - पेपर मिल चौकी

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक युवक को दारोगा ने चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए चौकी बुलाया था. परिजनों का आरोप है कि दारोगा ने युवक को जमकर पीटा, जिससे वह बेहोश हो गया. इसके विरोध में आक्रोशित परिजनों और स्थानीय लोगों ने चौकी का घेराव कर पथराव किया. आक्रोशित लोगों से बचने के लिए दारोगा व सिपाही ने खुद को चौकी में बंद कर लिया.

मामले की जानकारी देते एसीपी.
मामले की जानकारी देते एसीपी.
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Published : Jul 15, 2021, 5:15 AM IST

लखनऊ: यूपी पुलिस के मुखिया भले ही आम जनमानस के बीच पुलिस को मित्र पुलिसिंग करने की सलाह क्यों न दें, लेकिन उनके मातहत हैं कि उनके सभी आदेशों पर विपरीत कार्य करते नजर आते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा महानगर थाना क्षेत्र स्थित पेपर मिल चौकी पर देखने को मिला है. आरोप है कि पेपर मिल चौकी पर तैनात दारोगा सुधाकर पांडे बुधवार की रात एक युवक को चौकी पर ले गए और सिपाही के साथ मिलकर उसकी जमकर पिटाई की. जब उस युवक के परिजन पहुंचे, तो परिजनों को भी पुलिस ने अपशब्द कहते हुए भगा दिया. दारोगा की इस हरकत से आस-पास के स्थानीय निवासियों ने भी विरोध किया. इसके बाद उत्तरी जोन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला. पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने चौकी पर पथराव शुरू कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, दुखन देवी नामक महिला ने उत्तरी जोन के अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि उनका बेटा अरुण मेट्रो सिटी में 5 फ्लोर पर सक्सेना के यहां बतौर ड्राइवर के तौर पर काम करता था. 2 माह पूर्व सक्सेना की पत्नी शोभा को कोरोना हुआ था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई. कोरोना से हुई मौत के बाद उनके बेटे ने सक्सेना के यहां नौकरी छोड़ दी. पीड़ित महिला का आरोप है 12 जुलाई को नितिन नाम का सिपाही उसके घर आया और उनके बेटे के बारे में पूछताछ करने लगा. इस पर उन्होंने बताया कि बेटा नौकरी पर गया है, तो सिपाही ने कहा कि अरुण आए तो उसको चौकी पर भेज देना, लेकिन बेटा बाहर जाने की वजह से उस दिन चौकी पर नहीं जा सका था. बुधवार की रात चौकी पर तैनात दारोगा ने फोन कर उनके बेटे को चौकी पर बातचीत करने के लिए बुलाया था. आरोप है कि जैसे ही उनका बेटा चौकी पर गया, तो चौकी पर तैनात सिपाही नितिन और दारोगा सुधाकर पांडे ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी.

मामले की जानकारी देते एसीपी.

पढ़ें- सपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, डीएम कार्यालय में घुसने के दौरौन हुई हाथापाई

पुलिस द्वारा हुई पिटाई से वह मरणासन्न अवस्था में अचेत होकर जमीन पर गिर गया. उसके परिजन जब चौकी पर पहुंचे तो बेटे को बेहोशी की हालत में देख उनके होश उड़ गए. उन्होंने बेटे को हॉस्पिटल ले जाने की बात कही, तो दारोगा ने अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए सभी को चौकी से भगा दिया. इसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों के साथ पड़ोसियों को इस बात की जानकारी दी. जैसे ही यह जानकारी आस-पास के लोगों को हुई, तो सभी लोग उसकी मदद में खड़े हो गए. आरोप है कि दारोगा द्वारा बेटे की हालत बिगड़ने के उपरांत भी उसको हॉस्पिटल जाने नहीं दिया जा रहा था. इसी कारण आक्रोशित लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई और स्थिती तनावपूर्ण हो गई.

महानगर एसीपी सैय्यद अली अब्बास का कहना है कि पेपर मिल चौकी पर पूछताछ के लिए अरुण नामक युवक को चोरी के आरोप में बुलाया गया था, लेकिन चौकी पर दोनों के बीच किया बात हुई, जिसके कारण अरुण बेहोश हो गया. मालूम हुआ है अरुण को बीपी के साथ कई अन्य बीमारी भी हैं. चौकी पर स्थानीय लोगों ने घेराव करने के बाद पथराव भी किया है, जिसकी वजह से चौकी क्षतिग्रस्त हुई है.

एसीपी का कहना है आक्रोशित भीड़ ने जब उन पर पथराव किया, तो उन्होंने बचने के लिए खुद को सिपाही के साथ चौकी के अंदर बंद कर लिया था. उन्होंने कहा अरुण युवक को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेजवा दिया है. इसके साथ ही अरुण की मां की ओर से एक शिकायती पत्र भी प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा इस पूरे मामले पर जांच की जा रही है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित तौर पर की जाएगी.

लखनऊ: यूपी पुलिस के मुखिया भले ही आम जनमानस के बीच पुलिस को मित्र पुलिसिंग करने की सलाह क्यों न दें, लेकिन उनके मातहत हैं कि उनके सभी आदेशों पर विपरीत कार्य करते नजर आते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा महानगर थाना क्षेत्र स्थित पेपर मिल चौकी पर देखने को मिला है. आरोप है कि पेपर मिल चौकी पर तैनात दारोगा सुधाकर पांडे बुधवार की रात एक युवक को चौकी पर ले गए और सिपाही के साथ मिलकर उसकी जमकर पिटाई की. जब उस युवक के परिजन पहुंचे, तो परिजनों को भी पुलिस ने अपशब्द कहते हुए भगा दिया. दारोगा की इस हरकत से आस-पास के स्थानीय निवासियों ने भी विरोध किया. इसके बाद उत्तरी जोन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला. पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने चौकी पर पथराव शुरू कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, दुखन देवी नामक महिला ने उत्तरी जोन के अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि उनका बेटा अरुण मेट्रो सिटी में 5 फ्लोर पर सक्सेना के यहां बतौर ड्राइवर के तौर पर काम करता था. 2 माह पूर्व सक्सेना की पत्नी शोभा को कोरोना हुआ था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई. कोरोना से हुई मौत के बाद उनके बेटे ने सक्सेना के यहां नौकरी छोड़ दी. पीड़ित महिला का आरोप है 12 जुलाई को नितिन नाम का सिपाही उसके घर आया और उनके बेटे के बारे में पूछताछ करने लगा. इस पर उन्होंने बताया कि बेटा नौकरी पर गया है, तो सिपाही ने कहा कि अरुण आए तो उसको चौकी पर भेज देना, लेकिन बेटा बाहर जाने की वजह से उस दिन चौकी पर नहीं जा सका था. बुधवार की रात चौकी पर तैनात दारोगा ने फोन कर उनके बेटे को चौकी पर बातचीत करने के लिए बुलाया था. आरोप है कि जैसे ही उनका बेटा चौकी पर गया, तो चौकी पर तैनात सिपाही नितिन और दारोगा सुधाकर पांडे ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी.

मामले की जानकारी देते एसीपी.

पढ़ें- सपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, डीएम कार्यालय में घुसने के दौरौन हुई हाथापाई

पुलिस द्वारा हुई पिटाई से वह मरणासन्न अवस्था में अचेत होकर जमीन पर गिर गया. उसके परिजन जब चौकी पर पहुंचे तो बेटे को बेहोशी की हालत में देख उनके होश उड़ गए. उन्होंने बेटे को हॉस्पिटल ले जाने की बात कही, तो दारोगा ने अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए सभी को चौकी से भगा दिया. इसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों के साथ पड़ोसियों को इस बात की जानकारी दी. जैसे ही यह जानकारी आस-पास के लोगों को हुई, तो सभी लोग उसकी मदद में खड़े हो गए. आरोप है कि दारोगा द्वारा बेटे की हालत बिगड़ने के उपरांत भी उसको हॉस्पिटल जाने नहीं दिया जा रहा था. इसी कारण आक्रोशित लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई और स्थिती तनावपूर्ण हो गई.

महानगर एसीपी सैय्यद अली अब्बास का कहना है कि पेपर मिल चौकी पर पूछताछ के लिए अरुण नामक युवक को चोरी के आरोप में बुलाया गया था, लेकिन चौकी पर दोनों के बीच किया बात हुई, जिसके कारण अरुण बेहोश हो गया. मालूम हुआ है अरुण को बीपी के साथ कई अन्य बीमारी भी हैं. चौकी पर स्थानीय लोगों ने घेराव करने के बाद पथराव भी किया है, जिसकी वजह से चौकी क्षतिग्रस्त हुई है.

एसीपी का कहना है आक्रोशित भीड़ ने जब उन पर पथराव किया, तो उन्होंने बचने के लिए खुद को सिपाही के साथ चौकी के अंदर बंद कर लिया था. उन्होंने कहा अरुण युवक को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेजवा दिया है. इसके साथ ही अरुण की मां की ओर से एक शिकायती पत्र भी प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा इस पूरे मामले पर जांच की जा रही है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित तौर पर की जाएगी.

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