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हेल्पलेस है सीएम हेल्पलाइन, तकनीकी खामी बताकर पल्ला झाड़ रहे वर्कर

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Published : Apr 30, 2021, 8:14 PM IST

आम जनता की सुनवाई के लिए सीएम हेल्पलाइन 1076 और जनसुनवाई पोर्टल का विकल्प दे रखा है, लेकिन यहां तैनात कर्मचारी बहानेबाजी से लोग परेशान हैं. सीएम हेल्पलाइन जनता की नजर में हेल्पलेस साबित हो रही है.

सीएम योगी हेल्पलाइन नंबर.
सीएम योगी हेल्पलाइन नंबर.

लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ ने आम जनता की सुनवाई के लिए सीएम हेल्पलाइन 1076 और जनसुनवाई पोर्टल का विकल्प दे रखा है, लेकिन हेल्पलाइन में मौजूद कर्मचारियों की बहानेबाजी लोगों को परेशानी हो रही है. जनता की शिकायत दर्ज करने के बजाय तकनीकी खामियां गिनाकर बरगलाया जा रहा है. कई-कई बार फोन करने पर भी शिकायतकर्ता की शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है. ऐसे में समाधान की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है. सही मायने में सीएम हेल्पलाइन जनता की नजर में हेल्पलेस साबित हो रही है.

फोन करते वक्त होती है उम्मीद, रखते ही हो जाती है धूमिल

वर्तमान में कोविड से प्रदेश में बुरा दौर चल रहा है. लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं. सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं. सप्ताह के अंत में सरकार ने तीन दिन का लॉकडाउन भी लगा रखा है. ऐसे में इसकी मार सीधे तौर पर प्राइवेट टैक्सी चलाने वाले चालकों पर पड़ रही है. कोरोना के चलते उनकी आय का जरिया तो खत्म ही हो रहा है, परिवहन विभाग टैक्स की वसूली के साथ ही पेनाल्टी वसूलने में भी परहेज नहीं कर रहा. परिवहन विभाग में कहीं कोई सुनवाई न होने पर ओला ऊबर टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडेय ने सीएम हेल्पलाइन से ही उम्मीद लगा रखी थी. उन्हें पूरा भरोसा था कि सीएम हेल्पलाइन से जरूर हेल्प मिलेगी और रोजी-रोटी के लिए भटक रहे टैक्सी चालकों को राहत मिल जाएगी, लेकिन सीएम हेल्पलाइन पर फोन करने के बाद मिले रिस्पांस से उनकी उम्मीद पूरी तरह धूमिल हो गई.

इसे भी पढ़ें- लापरवाही की हद है: चल रही थीं सांसें और डॉक्टर ने घोषित कर दिया मृत

सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज करानी थी ये शिकायत

आरके पांडेय को सीएम हेल्पलाइन पर कोविड के चलते ओला, ऊबर टैक्सी चालकों के सामने रोजी रोटी के संकट के बावजूद परिवहन विभाग की तरफ से टैक्स वसूली और पेनल्टी लगाने की शिकायत दर्ज करानी थी. वे सरकार से रोड टैक्स में छूट की मांग कर रहे थे. तीन बार फोन करने और बात होने के बावजूद उनकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज न हो पाई. इसके बाद उन्होंने प्रयास करना ही छोड़ दिया. मान गए कि सरकारी सिस्टम में आम जनता के लिए कोई जगह नहीं.

तकनीकी खामी बताकर पल्ला झाड़तें हैं कर्मचारी

ओला, ऊबर टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडेय बताते हैं कि उन्होंने सीएम हेल्पलाइन 1076 पर फोन किया. शिकायत तो सुनी गई, लेकिन बाद में यह कहकर दर्ज करने से मना कर दिया गया कि अभी तकनीकी दिक्कत है. थोड़ी देर में फोन मिलाइएगा, शिकायत दर्ज हो जाएगी. उनका आरोप है कि कई बार हेल्पलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों से बात हुई. हर बार वही घिसा पिटा जवाब मिलता रहा कि तकनीकी समस्या के चलते शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती. अब सवाल ये है कि सीएम हेल्पलाइन में जब इतनी तकनीकी खामियां होंगी तो भला जनता की हेल्प कैसे हो पाएगी.

लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ ने आम जनता की सुनवाई के लिए सीएम हेल्पलाइन 1076 और जनसुनवाई पोर्टल का विकल्प दे रखा है, लेकिन हेल्पलाइन में मौजूद कर्मचारियों की बहानेबाजी लोगों को परेशानी हो रही है. जनता की शिकायत दर्ज करने के बजाय तकनीकी खामियां गिनाकर बरगलाया जा रहा है. कई-कई बार फोन करने पर भी शिकायतकर्ता की शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है. ऐसे में समाधान की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है. सही मायने में सीएम हेल्पलाइन जनता की नजर में हेल्पलेस साबित हो रही है.

फोन करते वक्त होती है उम्मीद, रखते ही हो जाती है धूमिल

वर्तमान में कोविड से प्रदेश में बुरा दौर चल रहा है. लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं. सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं. सप्ताह के अंत में सरकार ने तीन दिन का लॉकडाउन भी लगा रखा है. ऐसे में इसकी मार सीधे तौर पर प्राइवेट टैक्सी चलाने वाले चालकों पर पड़ रही है. कोरोना के चलते उनकी आय का जरिया तो खत्म ही हो रहा है, परिवहन विभाग टैक्स की वसूली के साथ ही पेनाल्टी वसूलने में भी परहेज नहीं कर रहा. परिवहन विभाग में कहीं कोई सुनवाई न होने पर ओला ऊबर टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडेय ने सीएम हेल्पलाइन से ही उम्मीद लगा रखी थी. उन्हें पूरा भरोसा था कि सीएम हेल्पलाइन से जरूर हेल्प मिलेगी और रोजी-रोटी के लिए भटक रहे टैक्सी चालकों को राहत मिल जाएगी, लेकिन सीएम हेल्पलाइन पर फोन करने के बाद मिले रिस्पांस से उनकी उम्मीद पूरी तरह धूमिल हो गई.

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सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज करानी थी ये शिकायत

आरके पांडेय को सीएम हेल्पलाइन पर कोविड के चलते ओला, ऊबर टैक्सी चालकों के सामने रोजी रोटी के संकट के बावजूद परिवहन विभाग की तरफ से टैक्स वसूली और पेनल्टी लगाने की शिकायत दर्ज करानी थी. वे सरकार से रोड टैक्स में छूट की मांग कर रहे थे. तीन बार फोन करने और बात होने के बावजूद उनकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज न हो पाई. इसके बाद उन्होंने प्रयास करना ही छोड़ दिया. मान गए कि सरकारी सिस्टम में आम जनता के लिए कोई जगह नहीं.

तकनीकी खामी बताकर पल्ला झाड़तें हैं कर्मचारी

ओला, ऊबर टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडेय बताते हैं कि उन्होंने सीएम हेल्पलाइन 1076 पर फोन किया. शिकायत तो सुनी गई, लेकिन बाद में यह कहकर दर्ज करने से मना कर दिया गया कि अभी तकनीकी दिक्कत है. थोड़ी देर में फोन मिलाइएगा, शिकायत दर्ज हो जाएगी. उनका आरोप है कि कई बार हेल्पलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों से बात हुई. हर बार वही घिसा पिटा जवाब मिलता रहा कि तकनीकी समस्या के चलते शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती. अब सवाल ये है कि सीएम हेल्पलाइन में जब इतनी तकनीकी खामियां होंगी तो भला जनता की हेल्प कैसे हो पाएगी.

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