लखनऊ: पूरे देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण से इस वक्त हालात बेकाबू हो चुके हैं. वहीं राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. मरीजों को अस्पतालों में न तो बेड मिल पा रहा है और न ही ऑक्सीजन. सरकार और अस्पतालों की तरफ से जारी नंबर भी इनकी पोल खोल रहे हैं. आयुष्मान भारत के तहत कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए घोषित किए गए निजी अस्पतालों के नंबरों का छठे दिन भी ईटीवी भारत कती टीम ने पड़ताल की, लेकिन उनमें से अधिकांश डॉक्टरों और अस्पतालों ने फोन नहीं रिसीव किया.
निजी अस्पताल हों या सरकारी, सभी कोरोना संक्रमित मरीजों से किनारा काट रहे हैं. जारी किए गए अधिकांश नंबरों पर कॉल रिसीव नहीं हो रही थी. कुछ घण्टी जाते ही फोन काट दे रहे थे और कुछ रिसीव करने के बाद ऑक्सीजन और बेड न होने की दलील देकर फोन डिस्कनेक्ट कर दे रहे थे. कुल मिला जुलाकर हालात बद से बदर हो चुके हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों की सुनवाई न तो सरकारी अस्पतालो में हो रही और न ही निजी में.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेलो डॉक्टर सेवा के नंबर 0522-3515700 पर काफ़ी देर तक प्रयास किया गया, लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी. लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के हेलो डॉक्टर सेवा का भी यही हाल रहा. काफी देर तक कंप्यूटराइज़ड कॉल चलती रही, लेकिन बात नहीं हो सकी.