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केजीएमयू में स्ट्रेचर न मिलने से मरीज को गोद में ले जाने को मजबूर हैं तीमारदार - doctor of kgmu on strike

लखनऊ के केजीएमयू में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. ऐसे में मरीजों को ओपीडी के बाहर स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार उन्हें गोद में उठाकर ट्रामा सेंटर तक ले जाने को मजबूर हैं.

स्ट्रेचर न मिलने से मरीज परेशान.
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Published : Jun 17, 2019, 6:24 PM IST

लखनऊ: बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई हिंसा के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से सम्बंधित डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. इसका असर राजधानी के केजीएमयू में भी देखा गया, जहां ओपीडी की सभी सेवाओं को बंदकर एमरजेंसी को चालू रखा गया है. वहीं ओपीडी के बाहर स्ट्रेचर न होने पर तीमारदार मरीजों को गोद में उठाकर ट्रामा सेंटर तक ले जाने को मजबूर हैं.

स्ट्रेचर न मिलने से मरीज परेशान.
  • सिद्धार्थनगर से आए कैंसर पीड़ित मरीज के तीमारदार अजीत का कहना है कि वह अपने रिश्तेदार को लेकर केजीएमयू आए थे.
  • ओपीडी बंद होने की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाने के लिए कहा.
  • न्यू ओपीडी के बाहर कहीं भी स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार मरीज को गोद में उठाकर ले गए.

'सभी को स्ट्रेचर मुहैया करवाए जा रहे हैं. न्यू ओपीडी में हालांकि मरीजों को थोड़ी असुविधा हो रही है, लेकिन हम मरीजों को सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं'.
- डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

लखनऊ: बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई हिंसा के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से सम्बंधित डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. इसका असर राजधानी के केजीएमयू में भी देखा गया, जहां ओपीडी की सभी सेवाओं को बंदकर एमरजेंसी को चालू रखा गया है. वहीं ओपीडी के बाहर स्ट्रेचर न होने पर तीमारदार मरीजों को गोद में उठाकर ट्रामा सेंटर तक ले जाने को मजबूर हैं.

स्ट्रेचर न मिलने से मरीज परेशान.
  • सिद्धार्थनगर से आए कैंसर पीड़ित मरीज के तीमारदार अजीत का कहना है कि वह अपने रिश्तेदार को लेकर केजीएमयू आए थे.
  • ओपीडी बंद होने की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाने के लिए कहा.
  • न्यू ओपीडी के बाहर कहीं भी स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार मरीज को गोद में उठाकर ले गए.

'सभी को स्ट्रेचर मुहैया करवाए जा रहे हैं. न्यू ओपीडी में हालांकि मरीजों को थोड़ी असुविधा हो रही है, लेकिन हम मरीजों को सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं'.
- डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

Intro:लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करने के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों ने जहां सुबह से ही न्यू ओपीडी के बारे हड़ताल शुरू की गई। वहीं इस हड़ताल से मरीजों को हलकान होना पड़ा। ओपीडी के बाहर स्ट्रेचर न होने की वजह से गंभीर मरीजों को तीमारदार गोद में ही मरीज को उठाकर ट्रॉमा सेंटर तक ले जाने पर मजबूर रहे।


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सिद्धार्थ नगर से आए कैंसर पीड़ित मरीज के तीमारदार अजीत के अनुसार अपने मरीज को न्यू ओपीडी लेकर आए थे लेकिन यहां पर ओपीडी बंद होने की वजह से यहां से ट्रॉमा सेंटर ले कर जाने को कहा गया। न्यू ओपीडी के बाहर कहीं भी स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। ई रिक्शा पर मरीज को किसी तरह बिठाकर ट्रामा सेंटर की ओर रवाना हुए।

इस बारे में जब किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि सभी को स्ट्रेचर मुहैया करवाए जा रहे हैं। न्यू ओपीडी में हालांकि मरीजों को थोड़ी असुविधा हो रही है लेकिन हम मरीजों को सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं।


Conclusion:अस्पताल प्रशासन की बात और मरीजों की असुविधा का कहीं भी मेलजोल नहीं बैठ रहा। अस्पताल प्रशासन मरीजों को स्ट्रेचर मिलने की बात कहता नजर आ रहा है लेकिन हलकान मरीज को स्ट्रेचर के बजाय तीमारदार की गोद ही मिली।

बाइट- अजीत, तीमारदार
बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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