लखनऊ: इलाज के लिए केजीएमयू आया मरीज दो घंटें तक सड़क पर तड़पता रहा. मरीज को होल्डिंग एरिया में ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिली. इस बीच सुरक्षा गार्डों ने मरीज के परिजनों को हिदायत दी कि बिना स्ट्रेचर मरीज होल्डिंग एरिया में प्रवेश नहीं कर सकता. काफी मुश्किलों और हंगामे के बाद परिजन मरीज को गोद में उठाकर होल्डिंग एरिया में ले जा सके.
ये था मामला
फैजुल्लागंज के जुगलविहार कॉलोनी के रहने वाले सचिन (25) की दिवाली पर तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे स्थानीय क्लीनिक ले गए, जहां मरीज की जांच के बाद डॉक्टर ने सचिन को एक इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज के हाथ में दर्द होने लगा. गुरुवार को सचिन के हाथ में सूजन आ गई. हाथों में दर्द बढने पर घरवाले उसे लेकर विवेकानंद हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मरीज को देखा और केजीएमयू ट्रामा सेन्टर ले जाने की सलाह दी. दोपहर 2 बजे मरीज को ट्रॉमा ले जाया गया. वहां से मरीज को होल्डिंग एरिया में भेज दिया गया.
मरीज को होल्डिंग एरिया में जाने से रोका
परिजनों का कहना है कि बिना स्ट्रेचर सुरक्षा गार्डों ने मरीज को होल्डिंग एरिया में जाने से रोक दिया. इलाज के अभाव में मरीज तड़पता रहा. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बावजूद गार्डों ने मरीज भीतर ले जाने की इजाजत नहीं दी. काफी देर बाद सुरक्षा गार्डों ने मरीज को होल्डिंग एरिया में ले जाने की अनुमति दी. परिजन गोद में मरीज को उठाकर होल्डिंग एरिया में ले गए. तब जाकर मरीज की कोरोना जांच हुई और इलाज मिला.
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मरीज को समय पर भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया था.
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