लखनऊ: पंचायती राज विभाग ने पूरे प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कराने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. पहले से की जा रही तैयारियों के चलते पूरे प्रदेश में 4 से 5 महीने के अंदर प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण कराना संभव हो सकेगा. पंचायत भवनों के निर्माण से ग्राम पंचायत के प्रधान और सदस्यों सहित सचिव को बैठने के लिए ऑफिस मिलेगा. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.
प्रदेश की सभी भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके अंतर्गत 24,000 नए ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण कराया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा. 23,000 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण वित्त आयोग की धनराशि से कराया जाएगा. वहीं दूसरी ओर 1000 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना की धनराशि से होगा. वहीं जर्जर पंचायत भवनों की मरम्मत का कार्य पहले से ही चलता है और यह कार्य लगातार चलता रहेगा. एक पंचायत भवन का क्षेत्रफल 143.01 वर्ग मीटर होगा, जिसमें आठ कक्ष, एक सभा कक्ष, एक भंडारण कक्ष, हैंडपंप और महिला-पुरुष शौचालय बनाए जाएंगे. प्रति भवन की लागत लगभग 17.40 लाख रुपये निर्धारित की गई है.
पंचायती राज विभाग की उप निदेशक ने दी जानकारी
पंचायती राज विभाग की उप निदेशक प्रवीणा चौधरी ने कहा कि, सभी ग्राम पंचायतों में युद्ध स्तर पर पंचायत भवनों के निर्माण की तैयारी कर ली गई है. जल्द से जल्द सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण होगा. इस दौरान करीब 24,000 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण होना है. यह काम आगले 4 से 5 माह के अंदर पूरा किया जाएगा. हर संभव प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण हो सके.
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इस दौरान प्रवीणा चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा बनाए जा रहे हैं पंचायत भवनों के निर्माण से जहां एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत के लोगों को एक ऑफिस भी उपलब्ध हो सकेगा.