लखनऊ : राजधानी के एडेड डिग्री कॉलेजों के प्रबंधकों की मनमानी पर प्रयागराज स्थित संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. केसी वर्मा ने आदेश जारी करके उन्हें चेताया है. दरअसल, इन दिनों डिग्री कॉलेज के मैनेजर मनमानी पर उतरे हैं. आयोग से प्राचार्य की नियुक्ति के बाद भी वह न केवल उनकी ज्वाइनिंग में बाधा बन रहे हैं, बल्कि कई जगहों पर तो प्रबंधक की मनमानी से डिग्री कॉलेज के प्राचार्य नौकरी छोड़ कर भाग रहे हैं.
राजधानी स्थित केकेवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य रमेश दास त्रिपाठी बीते दिनों अचानक से इस्तीफा देकर अपने मूल कॉलेज वापस चले गए. अभी तक प्रदेश में उत्तर सेवा आयोग की ओर से नियुक्त किए गए प्राचार्य में से 90 से अधिक प्रचार या तो आवंटित कॉलेजों में ज्वाइन नहीं किया या ज्वाइन करने के कुछ समय बाद ही वहां से त्यागपत्र देकर चले गए हैं. प्रदेश में प्राचार्य का पद लगातार खाली हो रहा है. पदों को देखते हुए संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रयागराज डॉ. केसी वर्मा ने इस संबंध में एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि 'सहायता प्राप्त और अशासकीय महाविद्यालयों में खाली प्राचार्य के पदों पर महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक अलावा किसी और शिक्षक को प्राचार्य के दायित्व का निर्वहन करने की जिम्मेदारी नहीं सोच सकते हैं.'
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'प्रदेश के कॉलेजों में प्रबंधकों द्वारा दबाव बनाकर वरिष्ठ शिक्षकों से एनओसी ले लेते हैं और उसके आधार पर अपने चहेते को प्राचार्य नियुक्त करके लाखों रुपए के अवैध कमाई व क्रियाकलापों में जुट जाते हैं. राजधानी के कई डिग्री कॉलेजों में नियुक्त हुए नए प्राचार्य पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर बीते कई दिनों से उच्च शिक्षा विभाग को शिकायतें मिल रही हैं. लखनऊ के ही कई डिग्री कॉलेजों का हाल बुरा है. पिछले सप्ताह ही केकेवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी अपना पद त्याग कर बनारस लौट गए.
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