लखनऊ: राजधानी की सब्जी मंडियों में प्याज और लहसुन के आढ़तियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. महंगी प्याज होने के कारण लोगों ने इसे खरीदने से दूरी बना ली है. प्याज और लहसुन की बिक्री न होने से आढ़ती इसे खरीद से भी कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं.
मंडियों में दिखा महंगाई का असर
लगातार बढ़ती प्याज की कीमतों के कारण लोगों ने इसे इस्तेमाल करने से दूरी बना दी है. इस महंगाई का असर राजधानी की थोक और फुटकर मंडियों में भी देखने को मिल रहा है. खरीदार नहीं आने से प्याज और लहसुन के आढ़तियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर उनकी जीविका पर पड़ रहा है. ऐसा ही हाल लखनऊ की दुबग्गा सब्जी मंडी, सीतापुर रोड की नवीन गल्ला मंडी और कैसरबाग सब्जी मंडी के आढ़तियों सहित कई फुटकर बाजारों में भी देखने को मिल रहा है. आढ़तियों का कहना है कि मंडियों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
'कम कीमत पर बेच रहे प्याज और लहसुन'
आढ़ती आतिफ का कहना है कि वे शुरू से ही प्याज और लहसुन की आढ़त लगाने का काम करते चले आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्याज की कीमत ज्यादा होने से लोग इसे खरीद नहीं रहे हैं. ज्यादा नुकसान न हो, इस वजह से खरीद से भी काफी कम कीमत पर प्याज और लहसुन को बेचना पड़ रहा है. वहीं आढ़ती हनीफ का कहना है कि सब्जी मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ है. 50 रुपये किलो प्याज होने से लोगों ने इसे खरीदने से दूरी बना ली है. बिक्री न होने से प्याज और लहसुन सड़ रहा है. खरीदारी के लिए लोग कम आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें अपने माल को बचाने के लिए खरीद से भी कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.