राजधानी के नगर निगम की टूटी नींद, हर दिन 100 सांड पकड़ने का लक्ष्य - lucknow news
राजधानी में लगातार सांड का आतंक बढ़ता जा रहा है. आए दिन सांड के आतंक से किसी न किसी की जान चली जाती है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन इस तरह की घटना घटने पर थोड़ा बहुत सख्त होता है, लेकिन आवारा सांडों का आतंक कम नहीं हो रहा है.
राजधानी में आवारा सांड़ों का आतंक.
लखनऊ : मंगलवार को सांड के झगड़े से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने बुधवार को आवारा पशुओं और सांडों को पकड़ने का अभियान छेड़ा है. बुधवार को नगर निगम के अधिकारियों ने लगभग 80 सांड पकड़े.
नगर निगम ने आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान छेड़ा
- मंगलवार को आवारा सांड के झगड़े से हुए एक व्यक्ति की मौत हो गई.
- बुधवार को नगर निगम के अधिकारियों ने आवारा सांडों को पकड़ने का अभियान छेड़ा.
- नगर निगम के अधिकारियों ने बुधवार को 80 सांड पकड़े.
- राजधानी में लगभग 8000 आवारा सांड घूमते हैं.
आवारा सांडों को पकड़ा जा रहा है. रोजाना 100 सांडों को पकड़ने का लक्ष्य है. 10 दिन के भीतर बड़े सींग और खतरनाक सांडों को पकड़कर कान्हा उपवन ले जाया जाएगा.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त
Intro:एंकर
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में आवारा पशुओं और सांड के आतंक से परेशान लोगों की शिकायत और एक व्यक्ति की जान चली जाने के बाद नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जागे हैं। अब नगर निगम के अधिकारियों ने आवारा पशुओं खासकर सांडों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
Body:उल्लेखनीय है कि नगर निगम अधिकारियों वह कर्मचारियों की लापरवाही के चलते आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान ठंडा पड़ जाता है और सांड व अन्य आवारा पशु जब पकड़े नहीं जाते तो यह आतंक पर उतारू हो जाते हैं और इनके आतंक का शिकार स्थानीय लोग होते हैं जिसे तमाम तरह की दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती हैं अभी बीते दिवस 1 साल की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी जिसके बाद नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए इस घटना के बाद नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जागे हैं और सक्रियता दिखाते हुए आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया। लखनऊ में है करीब 8000 आवारा सांड अधिकारियों के अनुसार लखनऊ नगर निगम की सीमा के अंतर्गत 8000 से अधिक आवारा सांड घूमते हैं अब इन्हें पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है खास बात यह है कि नगर निगम के जो कर्मचारी हैं वह गाय तो पकड़ते हैं लेकिन सांड नहीं पकड़ते हैं। जब सांड नहीं पकड़े जाते हैं तो यह दुर्घटना करते हैं और लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। बाईट नगर आयुक्त डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि वह पहले से जागे हैं और ऐसे आवारा पशुओं के खिलाफ कार्यवाही होती रहती है काफी संख्या में आवारा पशुओं को पकड़ कर कान्हा उपवन ले जाया गया है अभी कुछ बड़े सांडों को लेकर शिकायत आई थी और कुछ दुर्घटना भी हो गई एक बार फिर हम लोगों ने तेजी से अभियान इन आवारा पशुओं को पकड़ने का शुरू किया है आज 80 से अधिक आवारा सांड पकडे गए हैं प्रतिदिन करीब 100 साल पकड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ध्यानार्थ डेस्क सहयोगी, स्टोरी से सम्बंधित विजुअल एफ़टीपी से भेजे गए हैं, up_lko_dheeraj_nigam_aavara_sand
Conclusion:
Body:उल्लेखनीय है कि नगर निगम अधिकारियों वह कर्मचारियों की लापरवाही के चलते आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान ठंडा पड़ जाता है और सांड व अन्य आवारा पशु जब पकड़े नहीं जाते तो यह आतंक पर उतारू हो जाते हैं और इनके आतंक का शिकार स्थानीय लोग होते हैं जिसे तमाम तरह की दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती हैं अभी बीते दिवस 1 साल की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी जिसके बाद नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए इस घटना के बाद नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जागे हैं और सक्रियता दिखाते हुए आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया। लखनऊ में है करीब 8000 आवारा सांड अधिकारियों के अनुसार लखनऊ नगर निगम की सीमा के अंतर्गत 8000 से अधिक आवारा सांड घूमते हैं अब इन्हें पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है खास बात यह है कि नगर निगम के जो कर्मचारी हैं वह गाय तो पकड़ते हैं लेकिन सांड नहीं पकड़ते हैं। जब सांड नहीं पकड़े जाते हैं तो यह दुर्घटना करते हैं और लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। बाईट नगर आयुक्त डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि वह पहले से जागे हैं और ऐसे आवारा पशुओं के खिलाफ कार्यवाही होती रहती है काफी संख्या में आवारा पशुओं को पकड़ कर कान्हा उपवन ले जाया गया है अभी कुछ बड़े सांडों को लेकर शिकायत आई थी और कुछ दुर्घटना भी हो गई एक बार फिर हम लोगों ने तेजी से अभियान इन आवारा पशुओं को पकड़ने का शुरू किया है आज 80 से अधिक आवारा सांड पकडे गए हैं प्रतिदिन करीब 100 साल पकड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ध्यानार्थ डेस्क सहयोगी, स्टोरी से सम्बंधित विजुअल एफ़टीपी से भेजे गए हैं, up_lko_dheeraj_nigam_aavara_sand
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