ETV Bharat / state

हर रोज बढ़ रहे वाहन लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को कर रहे चौपट, आखिर कैसे मिलेगी जाम से मुक्ति - यातायात व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में यातायात माह (Traffic Month in Uttar Pradesh) मनाया जा रहा है. इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा. लेकिन राजधानी में बढ़ती वाहनों की संख्या यातायात व्यवस्था को चौपट कर रही है.

a
a
author img

By

Published : Nov 5, 2022, 7:40 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में यातायात माह (Traffic Month in Uttar Pradesh) मनाया जा रहा है. इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा. हालांकि राजधानी में यातायात विभाग लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिये जागरूक नहीं दिखाई दे रहा है. वजह है राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों के बढ़ते प्रेशर के बावजूद ट्रैफिक महकमा कोई भी फुलप्रूफ प्लान नहीं बना सका है. ऐसे में 22 लाख वाहन लखनऊ की यातायात व्यवस्था को रोजाना रौंद रहे हैं.



साल 2015-16 को राजधानी की सड़कों पर 18 लाख वाहनों का ट्रैफिक प्रेशर था, वहीं साल 2017-18 में यह बढ़कर 20 लाख हो गया. 2022 तक यही ट्रैफिक प्रेशर 22 लाख तक पहुंच गया. सितंबर-अक्टूबर के बीच में ही 10 हजार बढ़े हैं. दो साल के अंदर दो लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों पर उतरी हैं, वहीं रोज तीन से चार लाख वाहन दूसरे जिलों से आकर लखनऊ होकर गुजरते हैं. वाहनों के बढ़ते प्रेशर के बाद भी ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं आ सका. लखनऊ का लगातार विस्तार हो रहा है, बावजूद इसके ट्रैफिक पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर ही चल रही है. शहर में 511 से अधिक चौराहे, लेकिन 219 पर ही ट्रैफिक कंट्रोल की ड्यूटी लगती है.

जानकारी देते संवाददाता गगन दीप मिश्रा




सोमवार से शुक्रवार तक शहर का ट्रैफिक 4 गुना से 5 गुना बढ़ जाता है. शहर में चार लाख वाहनों का ट्रैफिक पहले से है और वर्किंग डे में यह बढ़कर दोगुना हो जाता है, इसके अलावा स्कूलों की छुट्टी और खुलने के समय ट्रैफिक प्रेशर तीन गुना हो जाता है. ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी बढ़ाई गई है, फिर भी जाम की समस्या जस की तस है. चौराहों पर ट्रैफिक प्रेशर को कम करने के लिए फ़्री लेफ्ट टर्न स्कीम लागू की गई. चौराहों पर फ्री लेफ्ट टर्न के लिए स्प्रिंग पोस्ट भी लगाई गई, लेकिन इसे लागू करवाने के लिये किसी की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है, जिससे सिग्नल होने पर वाहन फ्री लेफ्ट टर्न पर आकर खड़े हो जाते हैं.

कैसे कम होगी जाम की समस्या? : डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तर के मुताबिक, लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पूरे महीने अभियान चलाकर अवैध स्टैंड व सड़कों पर पार्किंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. डीसीपी कहते हैं कि लखनऊ में ट्रैफिक प्रेशर को देखते हुए शासन ने अतिरिक्त होमगार्ड मुहैया कराए हैं. जिससे उन्हें चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लगाया गया है. यही नहीं चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक कर्मियों व होमगार्ड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. कई आउटर रिंग रोड को चालू किया गया है, जिसके जरिए अन्य जिलों से आने वाले वाहनों को शहर के अंदर से ना होकर बाहर से ही निकाल दिया जाता है.

यह भी पढें : सीएनजी टेंपो परमिट पर ऑटो रिक्शा खरीदने का रास्ता साफ, आरटीए की बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में यातायात माह (Traffic Month in Uttar Pradesh) मनाया जा रहा है. इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा. हालांकि राजधानी में यातायात विभाग लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिये जागरूक नहीं दिखाई दे रहा है. वजह है राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों के बढ़ते प्रेशर के बावजूद ट्रैफिक महकमा कोई भी फुलप्रूफ प्लान नहीं बना सका है. ऐसे में 22 लाख वाहन लखनऊ की यातायात व्यवस्था को रोजाना रौंद रहे हैं.



साल 2015-16 को राजधानी की सड़कों पर 18 लाख वाहनों का ट्रैफिक प्रेशर था, वहीं साल 2017-18 में यह बढ़कर 20 लाख हो गया. 2022 तक यही ट्रैफिक प्रेशर 22 लाख तक पहुंच गया. सितंबर-अक्टूबर के बीच में ही 10 हजार बढ़े हैं. दो साल के अंदर दो लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों पर उतरी हैं, वहीं रोज तीन से चार लाख वाहन दूसरे जिलों से आकर लखनऊ होकर गुजरते हैं. वाहनों के बढ़ते प्रेशर के बाद भी ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं आ सका. लखनऊ का लगातार विस्तार हो रहा है, बावजूद इसके ट्रैफिक पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर ही चल रही है. शहर में 511 से अधिक चौराहे, लेकिन 219 पर ही ट्रैफिक कंट्रोल की ड्यूटी लगती है.

जानकारी देते संवाददाता गगन दीप मिश्रा




सोमवार से शुक्रवार तक शहर का ट्रैफिक 4 गुना से 5 गुना बढ़ जाता है. शहर में चार लाख वाहनों का ट्रैफिक पहले से है और वर्किंग डे में यह बढ़कर दोगुना हो जाता है, इसके अलावा स्कूलों की छुट्टी और खुलने के समय ट्रैफिक प्रेशर तीन गुना हो जाता है. ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी बढ़ाई गई है, फिर भी जाम की समस्या जस की तस है. चौराहों पर ट्रैफिक प्रेशर को कम करने के लिए फ़्री लेफ्ट टर्न स्कीम लागू की गई. चौराहों पर फ्री लेफ्ट टर्न के लिए स्प्रिंग पोस्ट भी लगाई गई, लेकिन इसे लागू करवाने के लिये किसी की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है, जिससे सिग्नल होने पर वाहन फ्री लेफ्ट टर्न पर आकर खड़े हो जाते हैं.

कैसे कम होगी जाम की समस्या? : डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तर के मुताबिक, लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पूरे महीने अभियान चलाकर अवैध स्टैंड व सड़कों पर पार्किंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. डीसीपी कहते हैं कि लखनऊ में ट्रैफिक प्रेशर को देखते हुए शासन ने अतिरिक्त होमगार्ड मुहैया कराए हैं. जिससे उन्हें चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लगाया गया है. यही नहीं चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक कर्मियों व होमगार्ड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. कई आउटर रिंग रोड को चालू किया गया है, जिसके जरिए अन्य जिलों से आने वाले वाहनों को शहर के अंदर से ना होकर बाहर से ही निकाल दिया जाता है.

यह भी पढें : सीएनजी टेंपो परमिट पर ऑटो रिक्शा खरीदने का रास्ता साफ, आरटीए की बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.