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लखनऊः कोरोना का असर, श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों से बनाई दूरी

लखनऊ में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सावन के महीने में इसका असर मंदिरों में भी देखने को मिल रहा है. प्राचीन मंदिर मनकामेश्वर, कोनेश्वर महादेव मंदिर समेत सभी बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं दिखाई दे रही है.

shivaratri of Sawan
कोरोना के चलते शिव मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है
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Published : Jul 19, 2020, 6:22 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के चलते सावन में इस बार सभी शिव मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. राजधानी के लगभग सभी शिव मंदिरों में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. हर साल जहां सावन में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती थी. वहीं इस बार हालात कुछ बदले नजर आ रहे हैं.

कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सावन की शिवरात्रि में भी शिव का जलाभिषेक करने के लिए बहुत कम श्रद्धालु मंदिरों में आए. शहर के सबसे प्राचीन मंदिर मनकामेश्वर, कोनेश्वर महादेव मंदिर समेत सभी बड़े मंदिरों से श्रद्धालुओं ने दूरी बनाई.

सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व
पूरे सावन में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाने से भगवान शंकर भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं, लेकिन कोरोना काल में ऐसा पहली बार देखा गया है कि सावन में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की बहुत ही कम भीड़ रही है.

shivaratri of Sawan
कोरोना के चलते शिव मंदिरों में पसरा सन्नाटा.

भक्तों की मनोकामना होती है पूरी
मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरि ने बताया कि सावन, महाशिवरात्रि और अन्य मौकों पर इस मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां की आरती का भी अपना एक विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि यहां आरती में शामिल होकर जो भक्त मन में कामना करता है उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है. मनकामेश्वर मंदिर में बने शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक होता है. उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कम हुई है.

लखनऊ: कोरोना वायरस के चलते सावन में इस बार सभी शिव मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. राजधानी के लगभग सभी शिव मंदिरों में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. हर साल जहां सावन में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती थी. वहीं इस बार हालात कुछ बदले नजर आ रहे हैं.

कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सावन की शिवरात्रि में भी शिव का जलाभिषेक करने के लिए बहुत कम श्रद्धालु मंदिरों में आए. शहर के सबसे प्राचीन मंदिर मनकामेश्वर, कोनेश्वर महादेव मंदिर समेत सभी बड़े मंदिरों से श्रद्धालुओं ने दूरी बनाई.

सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व
पूरे सावन में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाने से भगवान शंकर भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं, लेकिन कोरोना काल में ऐसा पहली बार देखा गया है कि सावन में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की बहुत ही कम भीड़ रही है.

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कोरोना के चलते शिव मंदिरों में पसरा सन्नाटा.

भक्तों की मनोकामना होती है पूरी
मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरि ने बताया कि सावन, महाशिवरात्रि और अन्य मौकों पर इस मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां की आरती का भी अपना एक विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि यहां आरती में शामिल होकर जो भक्त मन में कामना करता है उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है. मनकामेश्वर मंदिर में बने शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक होता है. उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कम हुई है.

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